कक्षा 12 राजनीति विज्ञान (NCERT) के संपूर्ण नोट्स: कक्षा 12 के राजनीति विज्ञान के NCERT आधारित हिंदी नोट्स आपके बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए एक बेहतरीन नोट्स हैं। इन नोट्स में सरल भाषा में महत्वपूर्ण अवधारणाएं और विषय शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं:
- समकालीन विश्व राजनीति: शीत युद्ध, गुटनिरपेक्षता, अमेरिकी प्रभुत्व, वैश्वीकरण, वैकल्पिक शक्ति केंद्र और विश्व की सुरक्षा व्यवस्था।
- भारतीय राजनीति: राष्ट्र-निर्माण, एक दल के प्रभुत्व का दौर, आपातकाल, लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट, क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाएं, भारत की विदेश नीति, और राजनीति में बड़े बदलाव।
Class 12 political science notes in hindi
इन नोट्स से आपको राजनीति विज्ञान की सैद्धांतिक समझ विकसित करने, महत्वपूर्ण मुद्दों पर विश्लेषणात्मक सोच बनाने और अपनी परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी।
यह अध्याय CBSE,RBSE,UP Board(UPMSP),MP Board, Bihar Board(BSEB),Haryana Board(BSEH), UK Board(UBSE),बोर्ड परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, और यह उन छात्रों के लिए भी उपयोगी है जो प्रतियोगी परीक्षाओं(UPSC) की तैयारी कर रहे हैं।
Table of Contents
भाग A: समकालीन विश्व राजनीति नोट्स
अध्याय 1: दो ध्रुवीयता का अंतअध्याय 2: सत्ता के समकालीन केन्द्रअध्याय 3: समकालीन दक्षिण एशियाअध्याय 4: अंतरराष्ट्रीय संगठनअध्याय 5: समकालीन विश्व में सुरक्षाअध्याय 6: पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनअध्याय 7: वैश्वीकरणभाग B: स्वतंत्र भारत में राजनीति नोट्स
अध्याय 1: राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँअध्याय 2: एक दल के प्रभुत्व का दौरअध्याय 3: नियोजित विकास की राजनीतिअध्याय 4: भारत के विदेश संबंधअध्याय 5: कांग्रेस प्रणालीः चुनौतियाँ व पुर्नस्थापनाअध्याय 6: लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकटअध्याय 7: क्षेत्रीय आकांक्षायेअध्याय 8: भारतीय राजनीति में नए बदलावकक्षा 12 राजनीति विज्ञान नोट्स हिंदी में
भाग | अध्याय | विषय |
---|---|---|
भाग A: समकालीन विश्व राजनीति | 1 | दो ध्रुवीयता का अंत |
2 | सत्ता के समकालीन केन्द्र | |
3 | समकालीन दक्षिण एशिया | |
4 | अंतरराष्ट्रीय संगठन | |
5 | समकालीन विश्व में सुरक्षा | |
6 | पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन | |
7 | वैश्वीकरण | |
भाग B: स्वतंत्र भारत में राजनीति | 1 | राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ |
2 | एक दल के प्रभुत्व का दौर | |
3 | नियोजित विकास की राजनीति | |
4 | भारत के विदेश संबंध | |
5 | कांग्रेस प्रणालीः चुनौतियाँ व पुर्नस्थापना | |
6 | लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट | |
7 | क्षेत्रीय आकांक्षाये | |
8 | भारतीय राजनीति में नए बदलाव |
भाग | अध्याय | हिंदी में शीर्षक | अंग्रेजी में शीर्षक |
---|---|---|---|
A: समकालीन विश्व राजनीति | 1 | दो ध्रुवीयता का अंत | The End of Bipolarity |
2 | सत्ता के समकालीन केंद्र | Contemporary Centers of Power | |
3 | समकालीन दक्षिण एशिया | Contemporary South Asia | |
4 | अंतर्राष्ट्रीय संगठन | International Organizations | |
5 | समकालीन विश्व में सुरक्षा | Security in the Contemporary World | |
6 | पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन | Environment and Natural Resources | |
7 | वैश्वीकरण | Globalization | |
B: स्वतंत्र भारत में राजनीति | 1 | राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ | Challenges of Nation-Building |
2 | एक दल के प्रभुत्व का दौर | Era of One-Party Dominance | |
3 | नियोजित विकास की राजनीति | Politics of Planned Development | |
4 | भारत के विदेश संबंध | India’s Foreign Relations | |
5 | कांग्रेस प्रणाली: चुनौतियाँ व पुनर्स्थापना | The Congress System: Challenges and Restoration | |
6 | लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट | The Crisis of Democracy | |
7 | क्षेत्रीय आकांक्षाएँ | Regional Aspirations | |
8 | भारतीय राजनीति में नए बदलाव | New Changes in Indian Politics |
कक्षा 12 राजनीति विज्ञान – अध्याय विवरण (हिंदी में)
भाग A: समकालीन विश्व राजनीति
1. दो ध्रुवीयता का अंत (The End of Bipolarity):
- शीत युद्ध का अंत और द्विध्रुवीय विश्व व्यवस्था का पतन।
- एकध्रुवीय विश्व और अमेरिकी वर्चस्व का उदय।
- वैश्वीकरण और नई विश्व व्यवस्था का उदय।
2. सत्ता के समकालीन केंद्र (Contemporary Centers of Power):
- शीत युद्ध के बाद वैश्विक शक्ति संतुलन में बदलाव।
- अमेरिका के अलावा उभरते शक्तिकेंद्र (यूरोपीय संघ, चीन, आदि) की भूमिका।
- बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की संभावनाएं और चुनौतियां।
3. समकालीन दक्षिण एशिया (Contemporary South Asia):
- दक्षिण एशियाई क्षेत्र में राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक विकास।
- भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका आदि देशों के बीच संबंध।
- क्षेत्रीय सहयोग संगठनों (SAARC) की भूमिका।
4. अंतर्राष्ट्रीय संगठन (International Organizations):
- संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) और इसकी विभिन्न एजेंसियों का कार्य।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक जैसी आर्थिक संस्थाओं की भूमिका।
- वैश्विक मुद्दों को सुलझाने में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का महत्व।
5. समकालीन विश्व में सुरक्षा (Security in the Contemporary World):
- शीत युद्ध के बाद सुरक्षा के नए खतरे (आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन)।
- निःशस्त्रीकरण और हथियार नियंत्रण की आवश्यकता।
- वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने में चुनौतियां।
6. पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन (Environment and Natural Resources):
- पर्यावरणीय गिरावट (वनों की कटाई, प्रदूषण) और उसका वैश्विक प्रभाव।
- प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और सतत विकास की आवश्यकता।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए।
7. वैश्वीकरण (Globalization):
- वैश्वीकरण की प्रक्रिया: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, पूंजी का प्रवाह, प्रौद्योगिकी का प्रसार।
- वैश्वीकरण के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव।
- वैश्वीकरण के लाभों का समान वितरण सुनिश्चित करना।
CBSE Class 12 Political Science Chapter Wise Notes in Hindi
भाग B: स्वतंत्र भारत में राजनीति (Politics in India Since Independence)
8. राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ (Challenges of Nation-Building):
- स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के सामने राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां (राष्ट्रीय एकता, सामाजिक न्याय, आर्थिक विकास)।
- संविधान का निर्माण और लोकतांत्रिक संस्थाओं का विकास।
9. एक दल के प्रभुत्व का दौर (Era of One-Party Dominance):
- 1947 से 1990 के दशक तक भारतीय राजनीति में कांग्रेस पार्टी का प्रभुत्व।
- एक दल प्रणाली की विशेषताएं और उपलब्धियां।
- इस प्रणाली की आलोचनाएं और कमजोरियां।
10. नियोजित विकास की राजनीति (Politics of Planned Development):
- भारत में मिश्र अर्थव्यवस्था की अवधारणा।
- पंचवर्षीय योजनाओं के उद्देश्य और उनकी भूमिका।
- नियोजित विकास की उपलब्धियां और आलोचनाएं।
11. भारत के विदेश संबंध (India’s Foreign Relations):
- गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सिद्धांत और शीत युद्ध के दौरान भारत की भूमिका।
- पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, आदि) के साथ भारत के संबंध।
- भारत की विदेश नीति में बदलाव और आ
12. कांग्रेस प्रणाली: चुनौतियाँ व पुनर्स्थापना (The Congress System: Challenges and Restoration):
- कांग्रेस पार्टी के पतन के कारण (आपातकाल, भ्रष्टाचार, क्षेत्रीय दलों का उदय)।
- 1970 और 1980 के दशक में कांग्रेस के पतन के बाद गठबंधन सरकारों का दौर।
- बहुदलीय प्रणाली का मजबूत होना और राजनीति में क्षेत्रीय दलों के महत्व में वृद्धि।
13. लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट (Crisis of the Democratic Order):
- भारत में लोकतंत्र का अस्तित्व व समेकन और इसे प्रभावित करने वाले कारक।
- भारतीय लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियाँ जैसे राजनीतिक दलों का अपराधीकरण, सांप्रदायिकता, क्षेत्रीय असमानता, जातिवाद और भ्रष्टाचार।
14. क्षेत्रीय आकांक्षाएँ (Regional Aspirations):
- क्षेत्रीयता का उदय और भारत में अलगाववादी आंदोलन।
- इन आंदोलनों के सामाजिक और आर्थिक आधार।
- भारतीय राजनीति में सामाजिक-आर्थिक विकास और क्षेत्रीय असमानता को संभालने की बात।
15. भारतीय राजनीति में हाल के बदलाव (Recent Developments in Indian Politics):
- 1980 के दशक के बाद से भारतीय राजनीति में बड़े बदलाव।
- गठबंधन राजनीति और क्षेत्रीय दलों का मजबूत होना।
- सामाजिक-आर्थिक नीतियों का उदारीकरण और वैश्वीकरण।
- नई सामाजिक और राजनीतिक पहचानों का उभार।
भाग A: समकालीन विश्व राजनीति NOTES
- अध्याय 1: दो ध्रुवीयता का अंत: शीत युद्ध का अंत, एकध्रुवीयता का उदय, वैश्वीकरण।
- अध्याय 2: सत्ता के समकालीन केंद्र: बदलता वैश्विक शक्ति संतुलन, उभरते शक्तिकेंद्र, बहुध्रुवीयता।
- अध्याय 3: समकालीन दक्षिण एशिया: क्षेत्रीय विकास, देशों के बीच संबंध, SAARC की भूमिका।
- अध्याय 4: अंतर्राष्ट्रीय संगठन: UNO और उसकी एजेंसियां, IMF और विश्व बैंक, वैश्विक मुद्दों में उनकी भूमिका।
- अध्याय 5: समकालीन विश्व में सुरक्षा: नए खतरे (आतंकवाद, साइबर), निःशस्त्रीकरण, वैश्विक सुरक्षा चुनौतियां।
- अध्याय 6: पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन: पर्यावरणीय गिरावट, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, सतत विकास।
- अध्याय 7: वैश्वीकरण: प्रक्रिया, प्रभाव (आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक), लाभों का वितरण।
भाग B: स्वतंत्र भारत में राजनीति NOTES
- अध्याय 8: राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ: राष्ट्रीय एकता, सामाजिक न्याय, आर्थिक विकास, संविधान, लोकतांत्रिक संस्थाएं।
- अध्याय 9: एक दल के प्रभुत्व का दौर: कांग्रेस का प्रभुत्व (1947-1990), विशेषताएं, उपलब्धियां, आलोचनाएं।
- अध्याय 10: नियोजित विकास की राजनीति: मिश्र अर्थव्यवस्था, पंचवर्षीय योजनाएं, उपलब्धियां, आलोचनाएं।
- अध्याय 11: भारत के विदेश संबंध: गुटनिरपेक्षता, पड़ोसी देशों के साथ संबंध, विदेश नीति में बदलाव।
- अध्याय 12: कांग्रेस प्रणाली: चुनौतियाँ और पुनर्स्थापना: पतन के कारण, गठबंधन सरकारें, बहुदलीय प्रणाली, क्षेत्रीय दलों का महत्व।
- अध्याय 13: लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट: अस्तित्व और समेकन, चुनौतियां (अपराधीकरण, सांप्रदायिकता, असमानता), समाधान।
- अध्याय 14: क्षेत्रीय आकांक्षाएँ: क्षेत्रीयता का उदय, अलगाववादी आंदोलन, सामाजिक-आर्थिक विकास, क्षेत्रीय असमानता।
- अध्याय 15: भारतीय राजनीति में हाल के बदलाव: गठबंधन राजनीति, क्षेत्रीय दलों का उदय, उदारीकरण, वैश्वीकरण, नई पहचानें।
आशा करते है इस पोस्ट कक्षा 12 राजनीति विज्ञान नोट्स में दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी । आप हमें नीचे Comment करके जरुर बताये और अपने दोस्तों को जरुर साझा करे। यह पोस्ट कक्षा 12 राजनीति विज्ञान नोट्स पढ़ने के लिए धन्यवाद ! आपका समय शुभ रहे !!
NCERT Notes
स्वतंत्र भारत में, कांग्रेस पार्टी ने 1952 से 1967 तक लगातार तीन आम चुनावों में जीत हासिल करके एक प्रभुत्व स्थापित किया था। इस अवधि को 'कांग्रेस प्रणाली' के रूप में जाना जाता है। 1967 के चुनावों में, कांग्रेस को कुछ राज्यों में हार का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप 'कांग्रेस प्रणाली' को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
URL: https://my-notes.in
Author: NCERT
5
Pros
- Best NCERT Notes Class 6 to 12
NCERT Notes
स्वतंत्र भारत में, कांग्रेस पार्टी ने 1952 से 1967 तक लगातार तीन आम चुनावों में जीत हासिल करके एक प्रभुत्व स्थापित किया था। इस अवधि को 'कांग्रेस प्रणाली' के रूप में जाना जाता है। 1967 के चुनावों में, कांग्रेस को कुछ राज्यों में हार का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप 'कांग्रेस प्रणाली' को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
URL: https://my-notes.in
Author: NCERT
5
Pros
- Best NCERT Notes Class 6 to 12