2023-24 Class 10 लोकतांत्रिक राजनीति Chapter 5 लोकतंत्र के परिणाम Notes PDF in Hindi

Class 10 लोकतांत्रिक राजनीति Chapter 5 लोकतंत्र के परिणाम Notes PDF in Hindi

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Class 10 Social Science [ Class 10 Social Science Civics (Political Science): Democratic Politics-II ] Loktantrik Rajniti Chapter 5 Lokatantr ke pariṇaama Notes In Hindi

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10 Class लोकतांत्रिक राजनीति Chapter 5 लोकतंत्र के परिणाम Notes in Hindi

TextbookNCERT
ClassClass 10
Subjectलोकतांत्रिक राजनीति Political Science
ChapterChapter 5
Chapter Nameलोकतंत्र के परिणाम Lokatantr ke pariṇaama
CategoryClass 10 राजनीति Notes in Hindi
MediumHindi

10 Class लोकतांत्रिक राजनीति Chapter 5 लोकतंत्र के परिणाम

अध्याय = 5
लोकतंत्र के परिणाम

Class 10 सामाजिक विज्ञान
नोट्स
लोकतंत्र के परिणाम

लोकतंत्र शासन

लोकतंत्र का अर्थ और परिभाषा:-


लोकतंत्र दो शब्दों से मिलकर बना है- लोक + तंत्र। लोक का अर्थ है जनता तथा तंत्र का अर्थ है शासन लोकतंत्र। एक ऐसी शासन व्यवस्था है, जिसमें जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन किया जाता है। इसके अंतर्गत जनता अपनी इच्छानुसार निर्वाचन में आए हुए किसी भी दल को वोट देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है।

आज विश्व के 100 से अधिक देश किसी ना किसी तरह की लोकतांत्रिक व्यवस्था चलाने का दावा करते हैं। इनका औपचारिक संविधान है। इनके यहाँ चुनाव होते हैं और राजनीतिक दल भी हैं। साथ ही वे अपने नागरिकों को कुछ बुनियादी अधिकारों की गारंटी भी देते है। लोकतंत्र में इस बात की पक्की व्यवस्था होती है कि फैसले कुछ कायदे कानूनों के अनुसार हों।

पारदर्शिता का अर्थ है:- खुलापन, सूचना की सरलता से प्राप्ति एवं उत्तरदायित्व। किसी भी लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में पारदर्शिता बुनियादी मूल्य है। सरकार हो या नौकरशाही, पार्टी हो या गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठन सभी से आशा की जाती है कि वह लोगों के प्रति जवाबदेह व पारदर्शी हो। पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से संसद ने 15 जून 2005 को सूचना के अधिकार कानून को पास किया लोकतंत्र शासन प्रणाली एक बेहतर शासन प्रणाली मानी जाती है, जिसके लिए अनेक कारण उत्तरदायी है जो निम्नलिखित हैं-

  1. लोकतंत्र नागरिकों में समानता के भाव को बढ़ावा देता है।
  2. लोकतंत्र व्यक्ति की गरिमा को बढ़ावा देता है।
  3. लोकतंत्र बेहतर फैसले लेने की ताकत देता है।
  4. लोकतंत्र टकरावों को टालने का तरीका प्रदान करता है।
  5. लोकतंत्र मे गलतियों को सुधारने की गुंजाइश होती है।
  6. लोकतंत्र ही बुनियादी संविधान होता है, जिसमें सरकार के निर्माण और चुनाव की क्रिया का वर्णन होता है।
  7. लोकतंत्र में नागरिकों को अधिकारों की सुरक्षा कि गारंटी होती है।
  8. लोकतंत्र में सभी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं का समाधान किया जाता है।
Class 10 लोकतांत्रिक राजनीति chapter 5
10 class लोकतांत्रिक राजनीति chapter 5 लोकतंत्र के परिणाम

उत्तरदायी सरकार:-

 यह लोकतंत्र ही है जो एक उत्तरदायी सरकार को संभव बनाता है। ऐसी सरकार कायदे-कानूनों को मानती है और लोगों के लिए जवाबदेह होती है। क्योंकि यह लोगों की सरकार है, लोगों के द्वारा बनाई गई है तथा लोगों के लिए है। लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि लोगों के प्रति उत्तरदायी है, अगर लोग उनके कामों से खुश नहीं है, तो लोग अगले आम चुनाव मे अपने नेता बदल सकते हैं। हर काम का उत्तर देना जनप्रतिनिधियों के लिए जरूरी है।

जिम्मेदार सरकार:-

 लोकतांत्रिक सरकार अधिक पारदर्शी होती है। जनता के पास यह जानने का अधिकार होता है कि फैसले किन तरीकों से लिए गए या सरकार ने कोई कार्य कैसे किया, इसलिए एक लोकतांत्रिक सरकार जनता के लिए उत्तरदायी होती है और जनता का ध्यान रखती है।

वैध सरकार:- 

यह वैध शासन व्यवस्था है। यह सुस्त हो सकती है, कम कार्यकुशल हो सकती है, उसमें भ्रष्टाचार हो सकता है, लेकिन यह लोगों की जरूरतों को अनदेखा नहीं कर सकती। इसी कारण पूरी दुनिया में लोकतांत्रिक सरकार के विचार के प्रति जबरदस्त समर्थन का भाव है। लोग अपने द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों का शासन चाहते हैं।

लोकतंत्र के परिणाम notes in hindi | loktantra ke parinam class

Class 10 सामाजिक विज्ञान
नोट्स
लोकतंत्र के परिणाम

आर्थिक संवृद्धि और विकास

  • यदि आर्थिक समृद्धि की बात की जाए तो इसमें तानाशाही शासन लोकतंत्र के मामले में आगे दिखता है। 1950 से 2000 तक के पचास वर्षों के आँकड़ों का अध्ययन करने से पता चलता है कि तानाशाही शासन व्यवस्था में आर्थिक समृद्धि बेहतर हुई है। लेकिन कई लोकतांत्रिक देश हैं जो दुनिया की आर्थिक शक्तियों में गिने जाते हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि सरकार का प्रारूप किसी देश की आर्थिक समृद्धि को निर्धारित करने वाला अकेला कारक नहीं है।
  • इसके अन्य कारक भी होते हैं, जैसे- जनसंख्या, वैश्विक स्थिति, अन्य देशों से सहयोग, आर्थिक प्राथमिकताएँ आदि। इसलिए हमें आर्थिक संवृद्धि के साथ अन्य सकारात्मक पहलुओं को भी देखना पड़ेगा इस दृष्टिकोण से लोकतंत्र हमेशा तानाशाही से बेहतर होता है।

असमानता और गरीबी में कमी:-

आर्थिक असमानता पूरी दुनिया में बढ़ रही है। भारत की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा गरीब है। गरीबों और अमीरों की आय के बीच एक बहुत बड़ी खाई है। इस दिशा में निरंतर प्रयास हो रहे है कि आर्थिक असमानता और गरीबी दूर हो जाए, परन्तु इसके बावजूद लोकतंत्र के लिए यह अव्यवहारिक मुद्दा है।

+सामाजिक विविधताओं में सामंजस्य:-

हर देश सामाजिक विविधताओं से भरा हुआ है। इसलिए विभित्र वर्गों के बीच टकराव होना स्वाभाविक है। लोकतंत्र ऐसे तरीकों का विकास करने में मदद करता है जिनसे समाज के विभित्र वर्गों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो सके। लोकतंत्र में लोग विविधता का सम्मान करना और मतभेदों के समाधान निकालना सीख जाते हैं। अधिकतर लोकतांत्रिक देशों में सामाजिक विविधता में तालमेल बना रहता है। सामाजिक विविधता गंभीर टकराव एवं हिंसक रूप नहीं लेती है। इसके कुछ अपवाद हो सकते हैं, जैसे- श्रीलंका, भारत को भी सामाजिक विविधताओं से परिपूर्ण देश कहा जाता है। जहाँ सभी धर्मों, समुदायों, और संस्कृति से सम्बंधित लोग निवास करते है और अनुच्छेद 15 में सभी को समानता का अधिकार प्रदान किया गया है।

नागरिकों की गरिमा और आजादी:-


लोकतंत्र ने नागरिकों को गरिमा और आजादी प्रदान की है। भारत में कई सामाजिक वर्ग हैं जिन्होंने वर्षों तक उत्पीड़न झेला है। लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया के फलस्वरूप इन वर्गों के लोग भी आज सामाजिक व्यवस्था में ऊपर उठ पाये हैं और अपने हक को प्राप्त किया है। उदाहरण- इतिहास में अपनायी गयी वर्ण व्यवस्था जिसमे समाज में लोगों को जन्म के आधार पर चार भागों में बांटा गया था। ब्राह्मण, वैश्य, क्षत्रिय, और शूद्र।

महिलाओं की समानता:-


लोकतंत्र के कारण ही यह संभव हो पाया है कि महिलाएँ समान अधिकारों के लिए संघर्ष कर पाईं। आज अधिकांश लोकतांत्रिक देशों की महिलाओं को समाज में बराबर का दर्जा मिला हुआ है। तानशाह देशों में आज भी महिलाओं को समान अधिकार नहीं प्राप्त हैं। समय के साथ- साथ नारी की दशा में बहुत बदलाव आया है। आज नारियों का समाज में महत्वपूर्ण स्थान है। इन्हे अनेक अधिकार प्रदान किये गए है। प्राचीन समय में नारियों से सम्बंधित अनेक प्रथाएँ थी। जिसका अब समाज में कोई स्थान नहीं है। जैसे- सती प्रथा, बाल विवाह आदि।

जातिगत असमानता:-


जातिगत असमानता भारत में जड़ जमाए बैठी है। लेकिन लोकतंत्र के कारण इसकी संख्या काफी कम है आज पिछड़ी जाति और अनुसूचित जाति के लोग भी हर पेशे में शामिल होने लगे हैं। वर्तमान समय में अन्य वर्गों के समान लाने के लिए आरक्षण की सुविधा प्रदान की गयी है।

NCERT SOLUTIONS

प्रश्न 1 लोकतंत्र किस तरह उत्तरदायी, जिम्मेवार और वैध सरकार का गठन करता है?

उत्तर – लोकतांत्रिक व्यवस्था उत्तरदायी, जिम्मेवार और वैध सरकार का गठन करती है। निम्नलिखित तत्वों से इसे समझा जा सकता है-

  • स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव: सभी लोकतांत्रिक देशों में एक निश्चित अवधि के बाद चुनाव कराए जाते हैं। ये चुनाव निष्पक्ष होते हैं। सभी दल स्वतंत्र रूप से अपने उम्मीदवारों को खड़ा करते हैं और मतदाता अपनी इच्छानुसार किसी को भी चुन सकते हैं। ये प्रतिनिधि जनता के प्रति उत्तरदायी होते हैं और जनता की इच्छा पर्यंत अपने पद पर बने रहते हैं।
  • कानूनों पर खुली चर्चा: लोकतांत्रिक देशों में सरकार जो भी कानून बनाती है वह एक लंबी प्रक्रिया के बाद बनता है। उस पर पूरी बहस तथा विचार-विर्मश किया जाता है फिर उसे जनता के समक्ष रखा जाता है। इसलिए इस बात की संभावना होती है कि लोग उसके फैसलों को मानेंगे और वे ज्यादा प्रभावी होंगे।
  • सूचना का अधिकार: लोकतांत्रिक देशों में नागरिकों को सरकार तथा उसके काम-काज के बारे में जानकारी पाने। का अधिकार प्राप्त है। यदि कोई नागरिक यह जानना चाहे कि फैसले लेने में नियमों का पालन हुआ है या नहीं तो वह इसका पता कर सकता है। उसे यह न सिर्फ जानने का अधिकार है बल्कि उसके पास इसके साधन भी उपलब्ध लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक ऐसी सरकार का गठन होता है जो कायदे-कानून को मानती है और लोगों के प्रति जवाबदेह होती है। लोकतांत्रिक सरकार नागरिकों को निर्णय प्रक्रिया में हिस्सेदार बनाने और खुद को उनके प्रति जवाबदेह बनाने वाली कार्यविधि भी विकसित कर लेती है। इस प्रकार लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था निश्चित रूप से अन्य शासनों से बेहतर है, यह वैध शासन व्यवस्था है, इसलिए पूरी दुनिया में लोकतंत्र के विचार के प्रति समर्थन का भाव है।

प्रश्न 2 लोकतंत्र किन स्थितियों में सामाजिक विविधता को सँभालता है और उनके बीच सामंजस्य बैठाता है?

उत्तर – विविधता के कारण टकराव को पूरी तरह से हटाया नहीं जा सकता। लेकिन लोकतंत्र में ऐसे टकराव को न्यूनतम स्तर पर रखना संभव हो पाता है। लोकतंत्र में आम राय से बात आगे बढ़ती है और इस तरह से समाज के विभिन्न समूहों की आकांछाओं का सम्मान किया जाता है। यह दर्शाता है कि लोकतंत्र कि तरह से सामाजिक विविधताओं को सँभालता है और उनके बीच सामंजस्य बैठाता है।

प्रश्न 3 निम्नलिखित कथन का पक्ष या विपक्ष में तर्क दें-

  1. औद्योगिक देश ही लोकतांत्रित व्यवस्था का भार उठा सकते हैं पर गरीब देशों को आर्थिक विकास करने के लिए तानाशाही चाहिए।
  2. लोकतंत्र अपने नागरिकों के बीच की असमानता को कम नहीं कर सकता।
  3. गरीब देशों की सरकार को अपने ज्यादा संसाधन गरीबी को कम करने और आहार कपड़ा, स्वास्थ्य तथा शिक्षा पर लगाने की जगह उद्योगों और बुनियादी आर्थिक ढांचे पर खर्च करना चाहिए।
  4. नागरिकों के बीच आर्थिक समानता अमीर और गरीब, दोनों तरह के लोकतांत्रिक देशों में है।
  5. लोकतंत्र में सभी को एक ही वोट का अधिकार है। इसका मतलब है कि लोकतंत्र में किसी तरह का प्रभुत्व और टकराव नहीं होता।

उत्तर –

  1. यह कथन गलत है। उदाहरण के लिए, भारत और जिम्बाब्वे को देखा जा सकता है। 1947 में भारत को तीसरे विश्व के देशों में शामिल किया गया था, लेकिन अब यह दुनिया के तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। दूसरी ओर जिम्बाब्वे जो एक समृद्ध राष्ट्र था, रॉबर्ट मुगाबे के प्रगतिशील शासन के बाबजूद भारी अंतरराष्ट्रीय कर्ज़ में भाग फंस गया है।
  2. लोकतंत्र अपने नागरिकों के बीच की असमानता को कम कर सकता है क्योंकि लोकतंत्र में नागरिकों को राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक अधिकार प्राप्त होते हैं। इसके साथ ही लोकतंत्र समानता लाने के लिए कानून भी बना सकता है, जैसे- भारत में बहुत से कानूनों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक असमानता को कम करने की कोशिश की गई है।
  3. रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने के लिए यह जरूरी होता है कि उद्योग और बुनियादी ढ़ाँचे पर अधिक खर्च करना चाहिए लेकिन हम सामाजिक सुरक्षा की भूमिका को नजरअंदाज नहीं कर सकते। कई लोग इतनी गरीब और दबे हुए होते हैं कि उनकी स्थिति सुधारने के लिए मदद की जरूरत होती है। ऐसे लोगों के लिए सबसे पहले गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सुविधाएँ और शिक्षा को मुहैया कराना चाहिए। उद्योग और सामाजिक सुरक्षा पर खर्च करने के मामले में एक सही तालमेल होना जरूरी है।
  4. नागरिकों के बीच आर्थिक समानता अमीर और गरीब दोनों तरह के लोकतांत्रिक देशों में है। ऐसा नहीं है, आर्थिक समानता अमीर और गरीब किसी देश में पूरी तरह से नहीं है। दोनों प्रकार के देशों में देश की कुल आये कुछ ही लोगों के हाथों में है। अमीर और गरीब के बीच एक बड़ी खाई देखने को मिलती है। फर्क इतना है कि गरीब देशों में गरीबों की संख्या बहुत ज्यादा होती है जबकि अमीर देशों में यह संख्या कुछ कम होती है।
  5. लोकतंत्र में सभी नागरिकों के पास एक ही वोट करने का अधिकार होता है जिसका अर्थ है कि किसी भी वर्चस्व और संघर्ष का अभाव है। यह सच नहीं है क्योंकि संघर्ष को केवल एक आदर्श स्थिति में ही समाप्त किया जा सकता है। हालांकि वास्तविक लोकतंत्र में हर व्यक्ति के पास एक वोट का अधिकार होता है, लेकिन लोगों के बीच विभाजन होते हैं। यही विभाजन संघर्ष का कारण बनता हैं।

प्रश्न 4 नीचे दिए गये ब्यौरों में लोकतंत्र की चुनौतियों की पहचान करें। ये स्थितियाँ किस तरह नागरिकों के गरिमापूर्ण, सुरक्षित और शांतिपूर्ण जीवन के लिए चुनौती पेश करती हैं। लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए नीतिगत-संस्थागत उपाय भी सुझाएँ:

  1. उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद ओड़िसा में दलितों और गैर-दलितों के प्रवेश के लिए अलग-अलग दरवाजा रखने वाले एक मंदिर को एक ही दरवाजे से सबको प्रवेश की अनुमति देनी पड़ी।
  2. भारत के विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
  3. जम्मू-कश्मीर के गंड़वारा में मुठभेड़ बताकर जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा तीन नागरिकों की हत्या करने के आरोप को देखते हुए इस घटना के जाँच के आदेश दिए गए।

उत्तर –

  1. उड़ीसा के सभी निम्न वर्गों तथा गैर निम्न वर्गों के लिए मंदिर के दरवाजे खोले जाने के आदेश से माननीय उच्च न्यायालय ने निम्न वर्गों में लोगों के जीवन के गौरव की रक्षा की है अर्थात उन्हें भी मंदिर में जा कर पूजा करने का अधिकार है। इससे न्यायालय ने उनके गरिमा के अधिकार की रक्षा की है। इसके लिए केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश के राज्य सरकारें अस्पृश्यता अथवा निम्न वर्गों के उत्पीड़न की अनुमति न दें। अगर कोई ऐसा करने का प्रयास करें तो उसे अपराध कानून 1955 के तहत कड़ी सजा का प्रावधान है।
  2. यह आर्थिक असमानता की चुनौती को दर्शाता है। सरकार किसी प्रकार का कर्जा माफी लागू कर सकती है ताकि किसानों को आत्महत्या करने के लिए बाध्य न होना पड़े। इसके साथ ही सरकार कृषि उत्पाद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करके भी किसानों की मदद कर सकती है।
  3. जम्मू कश्मीर में गंडवारा में तीन नागरिकों को फर्जी मुठभेड़ में मारने की घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। इस घटना से पता चलता है कि कानून के रखवालों ने हीं मुठभेड़ के दौरान नागरिक अधिकारों की भी परवाह नहीं की है। इन सुरक्षाबलों को कानून के अनुसार ही कार्य करना चाहिए। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए उच्च स्तरीय न्यायिक जांच के आदेश देना चाहिए ताकि दोषी अफसरों को सजा दी जा सके। पुलिस अफसरों को भी जनता से अच्छा व्यवहार करना चाहिए ताकि जनता जम्मू कश्मीर के आतंकवाद को खत्म करने में उनकी सहायता कर सकें।

प्रश्न 5 लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के संदर्भ में इनमें से कौन सा विचार सही है- लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं ने सफलतापूर्वक-

  1. लोगों के बीच टकराव को समाप्त कर दिया है।
  2. लोगों के बीच की आर्थिक असमानताएँ समाप्त कर दी हैं।
  3. हाशिए के समूहों से कैसा व्यवहार हो, इस बारे में सारे मतभेद मिटा दिए हैं।
  4. राजनीतिक गैर बराबरी के विचार को समाप्त कर दिया है।

उत्तर – d) राजनीतिक गैर बराबरी के विचार को समाप्त कर दिया है।

प्रश्न 6 लोकतंत्र के मूल्यांकन के लिहाज से इनमें कोई एक चीज लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के अनुरूप नहीं है। उसे चुनें:

  1. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव।
  2. व्यक्ति की गरिमा।
  3. बहुसंख्यक्तों का शासन।
  4. कानून से समक्ष समानता।

उत्तर – c) बहुसंख्यक्तों का शासन।

प्रश्न 7 लोकतांत्रिक व्यवस्था के राजनीतिक और सामाजिक असमानताओं के बारे में किए गए अध्ययन बताते हैं कि-

  1. लोकतंत्र और विकास साथ ही लगते हैं।
  2. लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में असमानताएँ बनी रहती हैं।
  3. तानाशाही में असमानताएँ नहीं होती।
  4. तानाशाही लोकतंत्र से बेहतर साबित हुई हैं।

उत्तर – b) लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में असमानताएँ बनी रहती हैं।

प्रश्न 8 नीचे दिए गए अनुच्छेद को पढ़ेः

नन्नू एक दिहाड़ी मजदूर है। वह पूर्वी दिल्ली की एक झुग्गी बस्ती वेलकम मजदूर कॉलोनी में रहता है। उसका राशन कार्ड गुम हो गया और जनवरी 2006 में उसने डुप्लीकेट राशन कार्ड बनाने के लिए अर्जी दी। अगले तीन महीनों तक उसने राशन विभाग के दफ्तर के कई चक्कर लगाए लेकिन वहाँ तैनात किरानी और अधिकारी उसका काम करने या उसके अर्जी की स्थिति बताने की कौन कहे उसको देखने तक के लिये तैयार न थे। आखिरकार उसने सूचना के अधिकार का उपयोग करते हुए अपनी अर्जी की दैनिक प्रगति का ब्यौरा देने का आवेदन किया। इसके साथ ही उसने इस अर्जी पर काम करने वाले अधिकारियों के नाम और काम न करने की सूरत में उनके खिलाफ़ होने वाली कार्रवाई का ब्यौरा भी माँगा। सूचना के अधिकार वाला आवेदन देने के हफ्ते भर के अंदर खाद्य विभाग को एक इंस्पेक्टर उसके घर आया और उसने नन्नू को बताया कि तुम्हारा राशन कार्ड तैयार है और तुम दफ्तर आकर उसे ले जा सकते हो। अगले दिन जब नन्नू राशन कार्ड लेने गया तो उस इलाके के खाद्य और आपूर्ति विभाग के सबसे बड़े अधिकारी ने गर्मजोशी से उसका स्वागत किया। इस अधिकारी ने उसे चाय की पेशकश की और कहा कि अब आपका काम हो गया है इसलिए सूचना के अधिकार वाला अपना आवेदन आप वापस ले लें।

नन्नू का उदाहरण क्या बताता है? नन्नू के इस आवेदन का अधिकारियों पर क्या असर हुआ? अपने माँ पिताजी से पूछिए कि अपनी समस्याओं के लिए सरकारी कर्मचारियों के पास जाने का उनका अनुभव कैसा रहा है?

उत्तर – नन्नू का उदाहरण बताता है कि हर नागरिक को अपने अधिकारों का उचित प्रयोग करना चाहिए। सूचना नागरिकों को दिया गया एक महत्वपूर्ण अधिकार है जिसका प्रयोग करके नन्नू जैसा छोटे-से-छोटा व्यक्ति भी न्याय पा सकता है। जब सभी नागरिक अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहेंगे तथा उनका समय पर उपयोग करेंगे तभी लोकतांत्रिक व्यवस्था ठीक ढंग से काम करेगी।

नन्नू के आवेदन का अधिकारियों पर गहरा असर हुआ और वे एकदम हरकत में आ गए। उन्होंने एक हफ्ते में ही उसका नया राशन कार्ड बना दिया। जिस राशन के दफ्तर मे नन्नू की कोई सनुवाई नहीं थी, उस दफ्तर में बड़े अधिकारी उससे मिले तथा पूरा सम्मान दिया और उससे आवेदन वापस लेने का निवेदन भी किया।

लोकतंत्र के परिणाम Notes || Class 10 Social Science (Political Science)

1. लोकतंत्र का क्या अर्थ हैं?

उत्तर– बहुमत का शासन

2. सरकार के बारे में जानकारी के लिए आपके पास कौन-कौनसे स्रोत हैं?

उत्तर– सरकार के बारे में जानकारी के हमारे पास ये स्रोत हैं – नागरिकों का सूचना का अधिकार, विपक्षी राजनैतिक दल, संसद की कार्यवाहियाँ तथा मीडिया।

3. शास की किस व्यवस्था में गलतियों को सुधारने की गुंजाइश होती है?

उत्तर– लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में

4. पारदर्शी प्रक्रिया से क्या अभिप्राय है?

उत्तर– तानाशाही, में व्यक्ति की गरिमा को उपेक्षित किया जाता है जबकि लोकतंत्र में नहीं।

5. लोकतांत्रिक राजनीति किसे कहते हैं?

उत्तर– लोकतांत्रिक राजनीति वह होती है जिसमें नियतकालीन चुनाव हों तथा नागरिकों को उनके अधिकारों की गारंटी हो।

6. लोकतंत्र का कोई एक गुण बताइये।

उत्तर– लोकतंत्र एक उत्तरदायी, जिम्मेवार तथा वैध शासन की व्यवस्था करता है।

7. लोकतंत्र की कोई विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर– राजनीतिक दल, निर्वाचित प्रतिनिधि

8. किस कारण से अलग-अलग देशों में लोकतंत्र एक-दूसरे से अलग होते हैं?

उत्तर– प्रत्येक देश की अलग-अलग सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण अलग-अलग देशों में लोकतंत्र एक-दूसरे से अलग होते हैं।

9. सभी लोकतंत्रों में हमेशा अवसरों की असमानता रहने का कोई एक उदाहरण दें।

उत्तर– सभी लोकतंत्रों में गरीब वर्ग के समक्ष हमेशा अवसरों की असमानता बरकरार होती है।

10. आर्थिक संवृद्धि और विकास की दृष्टि से लोकतांत्रिक शासन का मूल्यांकन कीजिये।

उत्तर– आर्थिक संवृद्धि और विकास के मामले में विकसित देशों में तानाशाहियों का रिकार्ड अपेक्षाकृत बेहतर है। लेकिन तानाशाही वाले कम विकसित देशें और लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले कम विकसित देशों के बीच का अन्तर नगण्य-सा है। इस मामले में लोकतांत्रिक देश तानाशाही वाले देशों से पिछड़े नहीं हैं।

11. तानाशाही का क्या अर्थ है? क्यों लोकतंत्र तानाशाही और अन्य व्यवस्थाओं से अच्छा है?

उत्तर– तानाशाही सरकार का वह रूप है जिसमें एक व्यक्ति अथवा दल संवैधानिक अथवा वैध सरकार का तख्त तानाशाही और अन्य व्यवस्थाओं से अच्छा है क्योंकि यह- नागरिकों में समानता को बढ़ावा देता है, यह व्यक्ति की गरिमा को बढ़ाता है, इससे फैसलों में बेहतरी आती है, यह टकरावों को टालने – सँभालने का तरीका देता है और इसमें गलतियों को सुधारने की गुंजाइश होती है।

NCERT Class 6 to 12 Notes in Hindi
Class 10 लोकतांत्रिक राजनीति chapter 5

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