#NCERT Class 10 Political: राजनीतिक दल Notes In Hindi PDF

NCERT Class 10 राजनीतिक विज्ञान के नोट्स: राजनीतिक दल को विस्तार से जानें! इन नोट्स के साथ राजनीतिक दलों की परिभाषा, कार्य, प्रकार, चुनौतियों, एवं भारत में राष्ट्रीय दलों के बारे में आसान हिंदी में सीखें। PDF डाउनलोड करके आने वाली परीक्षा के लिए बेहतर तैयारी करें!

10 Class लोकतांत्रिक राजनीति Chapter 6 राजनीतिक दल Notes in hindi

TextbookNCERT
ClassClass 10
SubjectPolitical science
ChapterChapter 4
Chapter Nameराजनीतिक दल
CategoryClass 10 Political science Notes in Hindi
MediumHindi

सामाजिक विज्ञान (नागरिक शास्त्र) अध्याय-4: राजनीतिक दल

राजनीतिक दल / Political party

परिभाषा: राजनीतिक दल एक ऐसा संगठित समूह है जो चुनाव लड़ने और सरकार में राजनीतिक सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से काम करता है।

महत्व:

  • राजनीतिक दलों का महत्व राजनीतिक प्रक्रिया में भागीदारी और लोकतंत्र की स्थिरता में है।
  • ये दल लोगों के मुद्दों और मांगों को सरकारी स्तर पर उठाते हैं और उनके हितों की रक्षा करते हैं।

राजनीतिक दल के घटक

Political party components

नेता:

  • नेता दल की शीर्षक पदाधिकारी होता है जो दल की नीतियों और कार्यक्रमों का प्रमुख निर्देशक होता है।
  • वह दल के सभी कार्यक्रमों को संचालित करता है और चुनावी अभियान की योजना बनाता है।

सक्रिय सदस्य:

  • ये दल के अधिकांश सदस्य होते हैं जो नेता के दिशानिर्देशों के अनुसार काम करते हैं।
  • वे दल के कार्यक्रमों और चुनावी अभियान में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

अनुयायी या समर्थक:

  • ये वे व्यक्ति होते हैं जो दल की नीतियों और नेताओं का समर्थन करते हैं और दल के कार्य में भाग लेते हैं।
  • वे चुनावों में दल को समर्थन प्रदान करते हैं और दल की प्रतिस्पर्धा में योगदान करते हैं।

राजनीतिक दल का कार्य / Political party work

1.चुनाव लड़ना :- राजनीतिक पार्टी चुनाव लड़ती है।एक पार्टी अलग अलग निर्वाचन क्षेत्रों के लिये अपने उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारती है।

2. नीति बनाना :- हर राजनीतिक पार्टी जनहित को लक्ष्य में रखते हुए अपनी नीति बनाती है । वह अपनी नीतियों और कार्यक्रमों को जनता के सामने प्रस्तुत करती है । इससे जनता को इस बात में मदद मिलती है कि वह किसी एक पार्टी का चुनाव कर सके।

3.कानून बनाना :- हम जानते हैं कि विधायिका में समुचित बहस के बाद ही कोई कानून बनता है । विधायिका के ज्यादातर सदस्य राजनीतिक पार्टियों के सदस्य होते हैं इसलिए किसी भी कानून के बनने की प्रक्रिया में राजनीतिक पार्टियों की प्रत्यक्ष भूमिका होती है।

4.सरकार बनाना :- जब कोई राजनीतिक पार्टी सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतती है तो वह सरकार बनाती है । सत्ताधारी पार्टी के लोग ही कार्यपालिका का गठन करते हैं । सरकार चलाने के लिये विभिन्न राजनेताओं को अलग अलग मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी जाती है।

5.जनमत का निर्माण :- राजनीतिक पार्टी का एक महत्वपूर्ण काम होता है जनमत का निर्माण करना । इसके लिये वे विधायिका और मीडिया में ज्वलंत मुद्दों को उठाती हैं और उन्हें हवा देती हैं । पार्टी के कार्यकर्ता पूरे देश में फैलकर अपने मुद्दों से जनता को अवगत कराते हैं।

6. पक्ष या विपक्ष की भूमिका :- जो पार्टी सरकार बनाती है वो पक्ष और जो पार्टी सरकार नहीं बना पाती है उसे विपक्ष की भूमिका निभानी पड़ती है।

लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका

Role of opposition in democracy

सरकार की नीतियों पर नज़र रखना:

  • विपक्ष की प्रमुख भूमिका होती है सरकार की नीतियों और कार्यवाही का संवेदनशील तरीके से अनावरण करना।
  • विपक्ष सरकार की प्रत्येक नीति पर संवेदनशीलता और गहराई से जाँच करता है ताकि उसे लोकतंत्र के मूल्यों और मानवाधिकारों के साथ संगठित रूप से रहने में सहायता मिले।

सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना:

  • विपक्ष का मुख्य कार्य होता है सरकार की गलत नीतियों और कदमों का विरोध करना।
  • यह सुनिश्चित करने का जिम्मेदारी भी होता है कि सरकार सार्वजनिक हित में कार्रवाई करे और उसकी नीतियां जनता के हित में हों।

सराकर चलाने में सकरात्मक भूमिका निभाना:

  • विपक्ष को सरकार के कार्यों के प्रति निरंतर सकारात्मक रूप से योगदान करना चाहिए।
  • यह विपक्ष के उद्देश्यों में समाज की प्रगति, सामाजिक समरसता, और राष्ट्रीय विकास की बढ़ती चाहिए।

एकता और सहयोग:

  • विपक्ष की भूमिका लोकतंत्र में सरकार की जिम्मेदारियों को समझने और उसकी कार्रवाईयों को सही दिशा में देखने में महत्वपूर्ण है।
  • विपक्ष और सरकार के बीच सहयोग और सहयोग रहना चाहिए ताकि राष्ट्र का हर क्षेत्र समृद्धि और समृद्धि की दिशा में अग्रसर हो सके।

राजनीतिक दल / Political parties

लोकतंत्र में नागरिकों का कोई भी समूह राजनीतिक दल बना सकता है।

भारत में चुनाव आयोग में 750 पंजीकृत दल हैं।

प्रकार:

  • एकदलीय शासन प्रणाली:

इस प्रणाली में एक ही दल को सरकार को बनाने और चलाने की अनुमति होती है।

उदाहरण: चीन और क्यूबा

  • दो दलीय शासन प्रणाली:

इस प्रकार में सत्ता आमतौर पर दो प्रमुख दलों के बीच हस्तान्तरित होती रहती है।

उदाहरण: अमेरिका और ब्रिटेन

  • बहुदलीय शासन प्रणाली:

इस प्रणाली में अनेक दल सत्ता पाने के लिए कोशिश करते हैं।

सत्ता में आने के लिए ये दल या तो अपने दम पर या दूसरों के साथ गठबंधन करके सत्ता प्राप्त करते हैं।

राजनीतिक दल की जरूरत क्यों?

Why the need for a political party?

आधुनिक लोकतंत्र के लिए आवश्यकता:

  • राजनीतिक दल के बिना आधुनिक लोकतंत्र संभव नहीं है।

नीतिगत बदलाव के लिए:

  • दलों के माध्यम से विभिन्न नीतिगत बदलावों को लोगों के सामने प्रस्तुत किया जा सकता है।

सरकार की उपयोगिता:

  • राजनीतिक दलों के मौजूद होने से सरकार की उपयोगिता स्पष्ट होती है।

लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए:

  • प्रतिनिधित्व पर आधारित लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए राजनीतिक दलों की आवश्यकता होती है।

देश के प्रति उत्तरदायित्व:

  • राजनीतिक दलें देश के प्रति उत्तरदायी सरकार का संरचन करती हैं।

नीतियों पर अंकुश लगाने के लिए:

  • राजनीतिक दलें सरकार की नीतियों पर अंकुश लगाने में मदद करती हैं।

सरकार का समर्थन और अंकुश:

  • राजनीतिक दलें सरकार का समर्थन करती हैं और उस पर अंकुश रखती हैं।

मुद्दों पर विचारों को समेटने के लिए:

  • राजनीतिक दलों की मौजूदगी से समाज के विभिन्न मुद्दों पर विचारों को समेटने में मदद मिलती है।

दलीय व्यवस्थाएँ / Party systems

एक दलीय व्यवस्था:

  • परिभाषा: इसमें सिर्फ एक ही दल को सरकार बनाने और चलाने की अनुमति होती है।
  • उदाहरण: चीन

द्विदलीय व्यवस्था:

  • परिभाषा: इसमें सत्ता आमतौर पर दो मुख्य दलों के बीच बदलती रहती है।
  • उदाहरण: यू.एस.ए., यू.के

बहुदलीय व्यवस्था:

  • परिभाषा: इसमें कई दलों में राजनीतिक सत्ता पाने के लिए होड़ लगती है और दो से अधिक पार्टी के सत्ता हासिल करने की संभावना रहती है।
  • उदाहरण: भारत

भारत में भी बहुदलीय गठबंधन व्यवस्था है।

India also has a multi-party coalition system.

राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबंधन (NDA):

  • नेतृत्व: भारतीय जनता पार्टी (BJP)
  • गठन समय: इसके गठन के समय इसमें 13 सदस्य थे।

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA):

  • नेतृत्व: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)

समाप्ति:

  • यह जानकारी भारत में बहुदलीय गठबंधन व्यवस्था के बारे में है, जो NDA और UPA नामक दो विभिन्न गठबंधनों के बारे में है। इन गठबंधनों के राजनीतिक महत्व और संरचना को समझने में मदद करती है।

निर्वाचन आयोग / Election Commission

पंजीकरण:

  • देश की हर पार्टी को निर्वाचन आयोग में अपना पंजीकरण कराना पड़ता है।

चुनाव चिन्ह:

  • पार्टी को चुनाव चिह्न दिया जाता है।

मान्यता:

  • आयोग पार्टी को अलग चुनाव चिन्ह देता है जिसे मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल कहा जाता है।

समाप्ति:

  • निर्वाचन आयोग द्वारा पार्टियों के पंजीकरण और मान्यता प्राप्ति की प्रक्रिया के बारे में जानकारी। यह प्रक्रिया निर्वाचन तंत्र के निष्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रीय पार्टी / National Party

वैध मतों का कम से कम छह प्रतिशत हासिल करना:

  • एक पार्टी को चार राज्यों के लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव में कुल वैध मतों का कम से कम छह प्रतिशत मत हासिल करना चाहिए।

मिनिमम सीटों पर जीत:

  • लोकसभा चुनाव में कम से कम चार सीटों पर जीत दर्ज करना चाहिए।

मान्यता:

  • यदि एक पार्टी इन शर्तों को पूरा करती है, तो उसे राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता मिल जाती है।

समाप्ति:

  • राष्ट्रीय पार्टी के मान्यता प्राप्ति के लिए आवश्यक मानदंडों का विवरण। यह सुनिश्चित करता है कि केवल वे पार्टियां राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करें जो निर्धारित मानकों को पूरा करती हैं।

भारत में 2024 तक भारत में राजनीतिक दलों को तीन समूहों

By 2020, political parties in India will be divided into three groups

राष्ट्रीय दल ( संख्या 8) ,क्षेत्रीय दल (संख्या 53) और गैर मान्यता प्राप्त दलों (संख्या 2044) के रूप में बाँटा गया है |

सभी राजनीतिक दल जो स्थानीय स्तर, राज्य स्तर या राष्ट्रीय स्तरपर चुनाव लड़ने के इच्छुक होते हैं उनका भारतीय निर्वाचन आयोग (EIC) में पंजीकृत होनाआवश्यक है.

क्र.सं.

नाम

गठन

1

भारतीय जनता पार्टी (BJP)

1980

2

बहुजन समाज पार्टी (BSP)

1984

3

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM)

1964

4

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI)

1925

5

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)

1885

6

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)

1999

7

तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC)

1998

गठबंधन या मोर्चा / Alliance or front

परिभाषा:

  • गठबंधन या मोर्चा एक राजनीतिक संगठन है जिसमें कई दल चुनाव लड़ने और जीतने के उद्देश्य से साथ आते हैं।

कार्यक्षेत्र:

  • यह संगठन आमतौर पर चुनावी संघर्षों में ही गठित होता है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न दलों के साथ मिलकर अधिक सीटों पर जीत हासिल करना होता है।

गठबंधन का प्रकार:

  • यह दो या अधिक दलों के बीच समझौते के रूप में हो सकता है।
  • गठबंधन का प्रमुख उद्देश्य विभाजन को ओवरकम करना होता है।

गठबंधन की सरकार

Coalition government

परिभाषा:

  • गठबंधन की सरकार उत्पन्न होती है जब किसी दल को चुनावों में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता और दो से अधिक राजनीतिक दल विकास के साझा कार्यक्रम के साथ मिलकर सरकार चलाते हैं।

कार्यप्रणाली:

  • इस प्रकार की सरकार उत्पन्न होती है जब किसी पार्टी को चुनावों में अकेले बहुमत नहीं मिलता है और उसे अन्य दलों के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने का विकल्प होता है।

भारतीय लोकतंत्र में गठबंधन की सरकारों की भूमिका

Role of coalition governments in Indian democracy

संदर्भ:

  • भारत में 1989 से 2014 तक केंद्र में गठबंधन की सरकारें रही हैं।

महत्व:

  • गठबंधन की सरकारें राष्ट्रीय दलों को क्षेत्रीय दलों की अनदेखी नहीं करने के लिए मजबूर करती हैं।
  • यह सरकारें सभी क्षेत्रों के विकास पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करती हैं।

प्रभाव:

  • केंद्रीय सरकारें क्षेत्रीय विकास के लिए नीतियों और योजनाओं को विकसित करती हैं।
  • ये सरकारें राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के बीच संवाद को बढ़ावा देती हैं और राष्ट्रीय एकता को संवाद में स्थान देती हैं।

उदाहरण:

  • NDA (National Democratic Alliance) और UPA (United Progressive Alliance) जैसे गठबंधन सरकारें भारतीय लोकतंत्र के उदाहरण हैं जो केंद्र में गठबंधन के माध्यम से सरकार बनाती हैं।

कितने राजनीतिक दल?

How many political parties?

कोई निश्चित संख्या नहीं:

  • किसी भी देश में राजनीतिक दलों की संख्या को निश्चित करना मुश्किल होता है।

लंबे अंतराल में विकसित:

  • राजनीतिक दलों की संख्या और उनका विकास लंबे समय तक होता है।

समाजिक और धार्मिक विभाजन:

  • राजनीतिक दलों की संख्या देश की सामाजिक और धार्मिक विभाजनों पर भी निर्भर करती है।

राजनीतिक इतिहास और चुनाव प्रणाली:

  • राजनीतिक दलों की संख्या और विकास देश के राजनीतिक इतिहास और चुनाव प्रणाली पर भी निर्भर करता है।

बदलाव की कठिनाई:

  • राजनीतिक दलों को बदलना या परिवर्तित करना आसान नहीं होता।

क्षेत्रीय दल / Regional party

परिभाषा:

  • क्षेत्रीय दल वह राजनीतिक दल होते हैं जो किसी विशेष राज्य या क्षेत्र में सक्रिय होते हैं।

प्राप्ति की मान्यता:

  • किसी राज्य विधानसभा के चुनाव में क्षेत्रीय दल को मान्यता मिलती है अगर वह प्राप्त करता है:
  • कुल मतों का 6 फीसदी या उससे अधिक, और
  • कम से कम दो सीटों पर जीत हासिल करता है।

उदाहरण:

  • उदाहरण के रूप में, एक क्षेत्रीय दल एक विशेष राज्य या क्षेत्र में सक्रिय होता है और वहां की जनता के हितों की रक्षा करने के लिए काम करता है।

राष्ट्रीय दल / National party

परिभाषा:

  • राष्ट्रीय दल वह राजनीतिक दल होते हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय होते हैं और लोकसभा चुनाव या चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में निम्नलिखित मापदंडों को पूरा करते हैं।

मान्यता प्राप्ति:

  • राष्ट्रीय दल को मान्यता मिलती है अगर वह प्राप्त करता है:
  • लोकसभा चुनाव में पड़े कुल वोट का या चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में पड़े कुल वोटों का 6 प्रतिशत, और
  • लोकसभा चुनाव में कम से कम चार सीटों पर जीत दर्ज करता है।

उदाहरण:

  • राष्ट्रीय दलें राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय होती हैं और अपने क्षेत्रीय और राष्ट्रीय मुद्दों पर काम करती हैं।
  • इनमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईसीसी), आम आदमी पार्टी (आप) आदि शामिल हैं।

राष्ट्रीय दल तथा क्षेत्रीय दल में अंतर / Difference between national party and regional party

राष्ट्रीय राजनीतिक दल

क्षेत्रीय राजनीतिक दल

देश की सभी संघीय ईकाईयों या अधिकांश ईकाईयों में मौजूद रहती है।

ये दल किसी क्षेत्र विशेष में तथा संघ की कुछ इकाईयों में ही विद्यमान रहते है।

लोकसभा चुनाव में पड़े कुल वोट का अथवा चार राज्यों के विधान सभा में पड़े कुल वोट का कम से कम 6 प्रतिशत हांसिल करें।

राज्य विधान सभा में पड़े कुल मतों का 6 प्रतिशत या उससे अधिक मत हासिल करे।

लोकसभा में कम से कम चार सीटों पर जीत दर्ज करें।

किसी राज्य की विधानसभा में कम से कम 2 सीटों पर जीत दर्ज करें।

भारत मे आजादी के बाद तक के दल / Parties in India till after independence

प्रारंभिक दिनों से 1977 तक:

  • आजादी के बाद से लेकर 1977 तक, केंद्र में केवल कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती रही।

1977 – 1980:

  • 1977 से 1980 तक, जनता पार्टी की सरकार बनी।

1980 – 1989:

  • 1980 से 1989 तक, फिर कांग्रेस की सरकार बनी।

1991 – 1996:

  • 1991 से 1996 तक, फिर कांग्रेस की सरकार बनी।

गठबंधन की सरकारें (1989 – 2004):

  • इसके बाद, गठबंधन की सरकारों का दौर चला, जिसमें कई पार्टियों का समर्थन था।

2004 – 2014:

  • 2004 से 2014 तक, कांग्रेस पार्टी की सरकार थी, जिसमें अन्य पार्टियों का गठबंधन था।

2014:

  • 2014 में बहुमत मिलने के बाद, एक पार्टी ने स्वतंत्रता से अब तक पहली बार सरकार बनाई।

भारत मे दल / Party in india

  • 2017 में देश में सात दल राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त थे।
  • नवीनतम जानकारी के अनुसार 2019 में देश में सात दल राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त थे।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस :-

  • इसे कांग्रेस पार्टी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक बहुत पुरानी पार्टी है जिसकी स्थापना 1885 में हुई थी।
  • भारत की आजादी में इस पार्टी की मुख्य भूमिका रही है।
  • भारत की आजादी के बाद के कई दशकों तक कांग्रेस पार्टी ने भारतीय राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाई है।
  • आजादी के बाद के सत्तर वर्षों में पचास से अधिक वर्षों तक इसी पार्टी की सरकार रही है।

भारतीय जनता पार्टी :-

  • इस पार्टी की स्थापना 1980 में हुई थी।
  • इस पार्टी को भारतीय जन संघ के पुनर्जन्म के रूप में माना जा सकता है।
  • यह पार्टी पहली बार 1998 में सत्ता में आई और 2004 तक शासन किया।
  • उसके बाद यह पार्टी 2014 में सत्ता में आई है।

बहुजन समाज पार्टी :-

  • इस पार्टी की स्थापना कांसी राम के नेतृत्व में 1984 में हुई थी।
  • यह पार्टी बहुजन समाज के लिये सत्ता चाहती है।
  • बहुजन समाज में दलित, आदिवासी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग आते हैं।
  • इस पार्टी की पकड उत्तर प्रदेश में बहुत अच्छी है और यह उत्तर प्रदेश में दो बार सरकार भी बना चुकी है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी – मार्क्सवादी :-

  • इस पार्टी की स्थापना 1964 में हुई थी।
  • इस पार्टी की मुख्य विचारधारा मार्क्स और लेनिन के सिद्धांतों पर आधारित है।
  • यह पार्टी समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता का समर्थन करती है।
  • इस पार्टी को पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा में अच्छा समर्थन प्राप्त है ; खासकर से गरीबों, मिल मजदूरों, किसानों, कृषक श्रमिकों और बुद्धिजीवियों के बीच।
  • लेकिन हाल के कुछ वर्षों में इस पार्टी की लोकप्रियता में तेजी से गिरावट आई है और पश्चिम बंगाल की सत्ता इसके हाथ से निकल गई है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी :-

  • इस पार्टी की स्थापना 1925 में हुई थी।
  • इसकी नीतियाँ सीपीआई ( एम ) से मिलती जुलती हैं।
  • 1964 में पार्टी के विभाजन के बाद यह कमजोर हो गई।
  • इस पार्टी को केरल, पश्चिम बंगाल, पंजाब, आंध्र प्रदेश और तामिलनाडु में ठीक ठाक समर्थन प्राप्त है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी :-

  • कांग्रेस पार्टी में फूट के परिणामस्वरूप 1999 में इस पार्टी का जन्म हुआ था।
  • यह पार्टी लोकतंत्र, गांधीवाद, धर्मनिरपेक्षता, समानता, सामाजिक न्याय और संघीय ढाँचे की वकालत करती है।
  • यह महाराष्ट्र में काफी शक्तिशाली है और इसको मेघालय, मणिपुर और असम में भी समर्थन प्राप्त है।

राजनीति के दलों के समक्ष चुनौतियाँ / Challenges before political parties

वंशवाद की चुनौती:

  • राजनीतिक दलों को वंशवाद के खिलाफ लड़ना पड़ता है, जो एक समाज में समान अवसरों की स्थापना में आधिकारिकता को ध्वस्त कर सकता है।

पारदर्शिता का अभाव:

  • राजनीतिक दलों को पारदर्शिता की कमी का सामना करना पड़ता है, जो लोगों के विश्वास और समर्थन को कम कर सकता है।

आंतरिक लोकतंत्र का अभाव:

  • राजनीतिक दलों को अपने आंतरिक लोकतंत्र के विकास में चुनौती का सामना करना पड़ता है, जो दल की एकता और साथीता को प्रभावित कर सकता है।

विकल्पर्हनिता:

  • राजनीतिक दलों को विभिन्न समस्याओं के साथ निपटने के लिए सही विकल्पों का चयन करना पड़ता है, जो समाज के हित में सबसे अच्छा हो।

आपराधिक तत्वों की धुसपैठ:

  • राजनीतिक दलों को अपने भूमिका में आपराधिक तत्वों के साथ निपटना पड़ता है, जो उनके निष्कर्ष को प्रभावित कर सकता है और उनके विश्वास को छलना सकता है।

राजनीतिक दलों को कैसे सुधारा जा सकता है / How can political parties be reformed

हाल में उठाए गए कदम:

  1. दल बदल विरोधी कानून:
  • ऐसे कानूनों को पारित करना जो दलों के संरचनात्मक और प्रबंधनिक तंत्र को सुधारें।
  • शपथपत्र के माध्यम से अपनी संपति तथा अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की जानकारी अनिवार्य:
  • सांसदों और विधायकों को इस पर नियमित जानकारी देनी चाहिए।
  1. सांगठनिक चुनाव कराना तथा आयकर रिटर्न भरता जरूरी:
  • संगठन की नियमित स्वार्थ का परिचय और आयकर निबंधन का पालन करना चाहिए।

भविष्य के लिए सुझाव:

  1. सदस्यों का रिकार्ड रखना अनिवार्य:
  • सदस्यों के संगठनिक कार्यों का पूरा रिकार्ड रखना चाहिए।
  1. महिलाओं के लिए रिजर्व सीट:
  • महिलाओं को समाज में अधिक सहभागिता के लिए स्थानीय, राज्य और केंद्रीय स्तर पर रिजर्व सीटों का प्रदान किया जाना चाहिए।
  1. चुनाव का खर्च सरकार उठाए:
  • चुनाव का खर्च सरकार द्वारा उठाया जाना चाहिए ताकि स्वार्थी वित्तीय प्रवृत्तियों का प्रतिबंध लगाया जा सके।
  1. लोगों की भागीदारी बढ़ाकर:
  • लोगों को राजनीतिक दलों के मामलों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

दल बदल / Defection

परिभाषा:

  • दल बदल एक राजनीतिक प्रक्रिया है जिसमें किसी प्रतिनिधि नेता या सांसद या विधायक निर्वाति होने के बाद अपने मूल दल को छोड़कर किसी अन्य दल में शामिल होता है।

कारण:

  • नेता के विचारों और मूल्यों में असंतुष्टि का होना।
  • नेता को अपने विचारों या आदर्शों के लिए उसके मूल दल में समर्थन न मिलना।
  • राजनीतिक दलों के बीच संगठनात्मक और ताकती दरबार की स्थिति का परिवर्तन।

शपथपत्र / Affidavit

परिभाषा:

  • शपथपत्र एक निजी दस्तावेज होता है जिसमें कोई व्यक्ति अपने बारे में निजी जानकारी देता है और उसके साथ होने की शपथ खाता है। यह दस्तावेज विशेषतः नौकरी या पद के लिए आवेदन करते समय या व्यक्ति की सत्ता ग्रहण के समय आवश्यक होता है।

कारण:

  • यह विवरण उस व्यक्ति के पेशेवर और नैतिक मूल्यों को साबित करने में मदद करता है।
  • निजी जानकारी जैसे की शिक्षा, पूर्व अनुभव, और कौशल शपथपत्र के माध्यम से प्रस्तुत की जाती है।
  • इस दस्तावेज के जरिए व्यक्ति समझौते करने और निजी या सामाजिक विवादों से बचने के लिए प्रतिबद्ध होता है।

राजनीतिक पक्षपात / Political bias

परिभाषा:

  • राजनीतिक पक्षपात एक स्थिति है जहाँ कोई राजनीतिक पार्टी या संगठन किसी विशेष समाजिक या आर्थिक वर्ग के हितों या मुद्दों की पक्षधरी करता है और उसके पक्ष में ही तर्क देता है। इसके परिणामस्वरूप, वह समाज के अन्य वर्गों या हितों को अनदेखा करता है।

कारण:

  • संगठन या पार्टी की संरचना या नीतियों के कारण, वह एक विशेष वर्ग के हितों को प्राथमिकता देता है।
  • राजनीतिक लाभ के लिए, एक पक्ष अपने समर्थकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के प्रयास में व्यस्त होता है।

अपने संगठन में लाने की कोशिश करनी चाहिए। जिस तरह से ग्रामीण बैंक के जरिये उन्होंने गरीबों तक बैंकिंग सेवा को पहुँचाया है उसी तरह उन्हें अच्छी राजनीति को लोगों तक पहुँचाने का पूरा हक है।

आशा करते है इस पोस्ट NCERT Class 10 Political: राजनीतिक दल Notes में दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी । आप हमें नीचे Comment करके जरुर बताये और अपने दोस्तों को जरुर साझा करे। यह पोस्ट राजनीतिक दल class 10 notes, Class 10 civics chapter 4 notes in hindi पढ़ने के लिए धन्यवाद ! आपका समय शुभ रहे !!

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