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Class 10 Science Chapter 8 Notes PDF in Hindi
📚 Chapter = 8 📚
💠 आनुवंशिकता 💠
सत्र 2024-25
Table of Contents
Textbook | NCERT |
Class | Class 10 |
Subject | विज्ञान |
Chapter | Chapter 8 |
Chapter Name | आनुवंशिकता |
Category | Class 10 Science Notes |
Medium | Hindi |
अध्याय एक नजर में Class 10 Science Chapter 8 Notes PDF
Class 10 विज्ञान
पुनरावृति नोट्स
आनुवंशिकता
सारांश
Class 10 Science Chapter 8 अनुवांशिकता Hindi Medium PDF
- जनन के समय उत्पन्न विभिन्नताएँ वंशानुगत हो सकती हैं।
- इन विभिन्नताओं के कारण जीव की उत्तरजीविता में वृद्धि हो सकती है।
- लैंगिक जनन वाले जीवों में एक अभिलक्षण (Trait) के जीन के दो प्रतिरूप (Copies) होते हैं। इन प्रतिरूपों के एकसमान न होने की स्थिति में जो अभिलक्षण व्यक्त होता है उसे प्रभावी लक्षण तथा अन्य को अप्रभावी लक्षण कहते हैं।
- विभिन्न लक्षण किसी जीव में स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं। संतति में नए संयोग उत्पन्न होते हैं।
- विभिन्न स्पीशीज़ में लिंग निर्धारण के कारक भिन्न होते हैं। मानव में संतान का लिंग इस बात पर निर्भर करता है कि पिता से मिलने वाले गुणसूत्र ‘X’ (लड़कियों के लिए) अथवा ‘Y’ (लड़कों के लिए) किस प्रकार के हैं।
- स्पीशीज में विभिन्नताएँ उसे उत्तरजीविता के योग्य बना सकती हैं अथवा केवल आनुवंशिक विचलन में योगदान देती हैं।
- कायिक ऊतकों में पर्यावरणीय कारकों द्वारा उत्पन्न परिवर्तन वंशानुगत नहीं होते।
- विभिन्नताओं के भौगोलिक पार्थक्य के कारण स्पीशीकरण हो सकता है।
- विकासीय संबंधों को जीवों के वर्गीकरण में ढूँढ़ा जा सकता है।
- काल में पीछे जाकर समान पूर्वजों की खोज से हमें अंदाजा होता है कि समय के किसी बिंदु पर अजैव पदार्थों ने जीवन की उत्पत्ति की।
- जैव-विकास को समझने के लिए केवल वर्तमान स्पीशीज़ का अध्ययन पर्याप्त नहीं है, वरन् जीवाश्म अध्ययन भी आवश्यक है।
- अस्तित्व लाभ हेतु मध्यवर्ती चरणों द्वारा जटिल अंगों का विकास हुआ।
- जैव-विकास के समय अंग अथवा आकृति नए प्रकार्यों के लिए अनुकूलित होते हैं। उदाहरण के लिए, पर जो प्रारंभ में ऊष्णता प्रदान करने के लिए विकसित हुए थे, कालांतर में उड़ने के लिए अनुकूलित हो गए।
- विकास को ‘निम्न’ अभिरूप से ‘उच्चतर’ अभिरूप की ‘प्रगति’ नहीं कहा जा सकता। वरन् यह प्रतीत होता है कि विकास ने अधिक जटिल शारीरिक अभिकल्प उत्पन्न किए हैं जबकि सरलतम शारीरिक अभिकल्प भलीभाँति अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं।
- मानव के विकास के अध्ययन से हमें पता चलता है कि हम सभी एक ही स्पीशीज़ के सदस्य हैं जिसका उदय अफ्रीका में हुआ और चरणों में विश्व के विभिन्न भागों में फैला।
CBSE कक्षा 10 विज्ञान
पाठ-9 आनुवंशिकता
पुनरावृति नोट्स
आनुवंशिकी : लक्षणों के वंशीगत होने एवं विभिन्नताओं का अध्ययन।
आनुवांशिकता : विभिन्न लक्षणों का पूर्ण विश्वसनीयता के साथ वंशागत होना।
विभिन्नता : एक स्पीशीज के विभिन्न जीवों में शारीरिक अभिकल्प और डी. एन. ए में अन्तर
मेंडल का योगदान
मेंडल ने वंशागति के कुछ मुख्य नियम प्रस्तुत किए।
मेंडल ने मटर के पौधे के विपर्यासी (7 विकल्पी) लक्षणों का अध्ययन किया जों स्थूल रूप से दिखाई देते
- गोल/झुर्रीदार बीज,
- लंबे/बौने पौधे
- सफेद/बैंगनी फूल
- पीले/हरे बीज
मेंडल के प्रयोग
मेडल ने मटर के पौधो को लिया : जैसे कि लंबे पौधे तथा बौने पौधे। इससे प्राप्त संतति पीढ़ी में लबें एवं बौने पौधो के प्रतिशत की गणना की।
अवलोकन:
प्रथम संतति F1 पीढ़ी में सभी पौधे लंबे थे।
F2 पीढ़ी में 1/4 संतति बौने पौधे ये
फिनोटाइप F2 – 3:1
जिनोटाइप F2 – 1:2:1
TT, Tt, tt का संयोजन 1:2:1 अनुपात में प्राप्त होता है।
निष्कर्ष:
TT व Tt दोनों लंबे पौधे है यद्यपि tt बौने पौधा है।
T की एक प्रति पौधों को लंबा बनाने के लिए पर्याप्त हैं। जबकि बौनेपन के लिए की दोनों प्रतियाँ t होनी चाहिए।
T जैसे लक्षण प्रभावी लक्षण कहलाते है, t जैसे लक्षण अप्रभावी लक्षण कहलाते हैं।
द्वि संकरण/ द्वि विकल्पिय संकरण
| RY | Ry | rY | ry |
RY | RRYY | RRYy | RrYY | RrYy |
Ry | RRYy | RRyy | RrYy | Rryy |
rY | RrYY | RrYy | rrYY | rrYy |
ry | RrYy | Rryy | rrYy | rryy |
- F2 गोल, पीले बीज : 9
गोल, हरे बीज : 3
झुर्रीदार, पीले बीज : 3
झुर्रीदार, हरे बीज : 1
इस प्रकार दो अलग अलग लक्षण (बीजों की आकृति एवं रंग) की स्वतंत्र वंशानुगति होती है।
मैंडल ने मटर के ही पौधे का उपयोग क्यों किया।
- इनका जीवन काल छोटा होता है।
- इस पौधे में अनेक प्रकार के विप्रयास लक्षण (Contrasting Characters) पाए जाते हैं।
- ये लक्षण अपने आपको किस प्रकार व्यक्त करते हैं।
कोशिका के डी. एन. ए. |
↓ |
जीन (डी. एन. ए की रचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई) |
↓ |
सूचना स्रोत |
↓ |
प्रोटीन संश्लेषण |
- प्रोटीन विभिन्न लक्षणों की अभिव्यक्ति को नियंत्रित करती हैं। (इंजाइम व हॉर्मोन)
उदाहरण
जीन T (प्रभावी लक्षण) | → | इंजाजम दक्षता से कार्य करना | → | पर्याप्त मात्रा में हॉर्मोन बनाना | → | लंबे पौधे |
जीन t (अप्रभावी लक्षण) | → | इंजाजम कम दक्षता से कार्य करना | → | पर्याप्त मात्रा में हॉर्मोन बनाना | → | लंबे पौधे |
लिंग निर्धारण
मानव में लिंग निर्धारण
आधे-बच्चे लड़के एवं आधे लड़की हो सकते हैं। सभी बच्चे चाहे वह लड़का हो अथवा लड़की अपनी माता से X गुणसूत्र प्राप्त करते हैं। अतः बच्चों का लिंग निर्धारण इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें अपने पिता से किस प्रकार गुणसूत्र प्राप्त हुआ है। जिस बच्चे को अपने पिता से X गुणसूत्र वंशागनुत हुआ है वह लड़की एवं जिसे पिता से Y गुणसूत्र वंशागुत होता है, वह लड़का।
उपार्जित एवं आनुवंशिक लक्षण
उपार्जित लक्षण:-
वह लक्षण जो जनन कोशिकाओं के डी. एन. ए. में कोई अन्तर नहीं लाता जैसे- अर्जित अनुभव/लक्षण जैव प्रकम द्वारा अगली पीढ़ी को वंशानुगात नहीं होते।
यह जैव विकास में सहायक नहीं होते है। जैसे-कुछ शृंग का कम भार होता है।
आनुवंशिक लक्षण:-
वह लक्षण जो जनन कोशिकाओं के डी. एन. ए. में अंतर लाने है और जैव प्रकम द्वारा अगली पीढ़ी को वंशानुगत होते है।
यह जैव विकास में सहायक होते हैं।
जैसे: आंखों का रंग
Note – यह भाग पाठ्यक्रम में नही है | केवल जानकारी के लिए है
जाति उद्भव
पूर्ण स्पीशीज से एक नयी स्पीशीज का बनना जाति उद्भव कहलाता है।
अनुवांशिक विचलन (genetic drift)
भौगोलिक पृथक्करण (geographical isolation)
जाति उद्भव किस प्रकार होता है।
जन प्रवाह – उन दो समर्षिटयों के बीच होता है जो पूरी तरह से अलग नहीं हो पाती है किंतु आंशिक रूप से अलग अलग हैं।
अनुवंशिक विचलन – किसी एक समष्टि की उत्तरोत्तर पीढ़ियों में जींस की बारंबारता में अचानक परिवर्तन का उत्पन्न होना
अनुवंशिक विचलन
↓ |
विभिन्न परिवर्तनों का संग्रहण |
↓ |
आनुवंशिक विचलन (Genetic drift) |
↓ |
प्राकृतिक चयन (Natural Selection) |
↓ |
उपसमष्टि Z1 और उपसमष्टि Z2 अंतर्जनन में असमर्थ |
आनुवंशिक विचलन का कारण
- यदि डी. एन. ए. में परिवर्तन पर्याप्त है
- गुणसूत्रों की संख्या में परिवर्तन
विभिन्न समूह कभी आगे व पीछे गए
|
समूह कई बार परस्पर विलग हो गए
|
कभी अलग होकर विभिन्न दिशाओं में आगे बढ़े
|
कुछ वापिस आकर परस्पर मिल गए
जेनेटिक्स शब्द किसने दिया?
जेनेटिक्स या आनुवंशिकी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम बेटसन ने दिया। आनुवंशिकी का जनक ग्रेगार जॉन मेण्डल को कहते है।
हेरीडिटी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया?
हेरीडिटी या वंशागति शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम स्पेन्सर ने किया। आनुवंशिकी का जनक ग्रेगार जॉन मेण्डल को कहते है। जेनेटिक्स या आनुवंशिकी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम बेटसन ने दिया।
आनुवंशिकी का जनक किसे कहते है?
आनुवंशिकी का जनक (Father of Genetics) ग्रेगार जॉन मेण्डल को कहते है। आनुवंशिकी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम बेटसन ने दिया।
मटर के बीज का पीला रंग कैसा लक्षण हैं?
मटर के बीज का पीला रंग प्रभावी लक्षण है हरा रंग अप्रभावी लक्षण है।
मेण्डल ने अपने प्रयोग किस पौधे पर किए?
मेण्डल ने अपना प्रयोग उद्यान मटर के पौधे पर किए। मटर के पादप का वैज्ञानिक नाम पाइसम सेटाइवम है।
नोट्स, पाठ – 8 आनुवंशिकता (कक्षा दसंवी)
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Author: NCERT
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