कक्षा 12 राजनीति विज्ञान: दो ध्रुवीयता का अंत – Important Questions

दो ध्रुवीयता के अंत के व्यापक अवलोकन के लिए कक्षा 12 राजनीति विज्ञान के छात्रों के लिए एक स्पष्ट, संक्षिप्त गाइड। शीत युद्ध, सोवियत संघ, और अधिक के बारे में जानें।

कक्षा 12 राजनीति विज्ञान : महत्वपूर्ण प्रश्न

1. दो ध्रुवीयता किसे कहते हैं?

उत्तर: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, दुनिया दो महाशक्तियों – संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) और सोवियत संघ (USSR) के नेतृत्व में दो गुटों में विभाजित हो गई थी। इस विभाजन को द्विध्रुवीयता (Bipolarity) कहा जाता है।

2. दो ध्रुवीयता का अंत कब और कैसे हुआ?

उत्तर: 1989 में बर्लिन की दीवार के गिरने और 1991 में सोवियत संघ के विघटन के साथ द्विध्रुवीयता का अंत हुआ। इन घटनाओं ने शीत युद्ध (Cold War) की समाप्ति का प्रतीक चिन्हित किया, जो दोनों महाशक्तियों के बीच तनाव और प्रतिस्पर्धा का दौर था।

3. दो ध्रुवीयता के अंत के क्या कारण थे?

उत्तर: द्विध्रुवीयता के अंत के कई कारण थे, जिनमें शामिल हैं:

  • सोवियत अर्थव्यवस्था की कमजोरी: सोवियत अर्थव्यवस्था योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था पर आधारित थी, जो पश्चिमी देशों की मुक्त बाजार अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कम कुशल और कम गतिशील थी।
  • राजनीतिक सुधारों की कमी: सोवियत शासन में राजनीतिक सुधारों की कमी थी, जिसके कारण नागरिकों में असंतोष बढ़ गया।
  • अफगानिस्तान में सोवियत संघ की हार: 1989 में अफगानिस्तान में सोवियत संघ की हार एक बड़ी विदेश नीति विफलता थी, जिसने सोवियत शक्ति और प्रभाव को कमजोर कर दिया।
  • पश्चिमी देशों द्वारा दबाव: पश्चिमी देशों ने सोवियत संघ पर राजनीतिक और आर्थिक सुधारों के लिए दबाव डाला, जिसने अंततः सोवियत शासन के पतन में योगदान दिया।

4. दो ध्रुवीयता के अंत के क्या परिणाम हुए?

उत्तर: द्विध्रुवीयता के अंत के कई परिणाम हुए, जिनमें शामिल हैं:

  • एकध्रुवीयता का उदय: संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया की एकमात्र शेष महाशक्ति बन गया, जिसे “एकध्रुवीयता” (Unipolarity) के रूप में जाना जाता है।
  • नए वैश्विक खतरों का उदय: शीत युद्ध के अंत ने आतंकवाद, प्रसार और क्षेत्रीय संघर्ष जैसे नए वैश्विक खतरों को जन्म दिया।
  • विश्वीकरण में वृद्धि: व्यापार और निवेश में बाधाओं को कम करने के साथ, द्विध्रुवीयता के अंत ने वैश्वीकरण में वृद्धि की।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में वृद्धि: शीत युद्ध के दौरान तनावपूर्ण संबंधों के विपरीत, द्विध्रुवीयता के अंत ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और बहुपक्षवाद में वृद्धि की।

5. दो ध्रुवीयता का अंत भारत के लिए क्या मायने रखता है?

उत्तर: द्विध्रुवीयता के अंत ने भारत के लिए नए अवसर और चुनौतियां दोनों पैदा कीं।

  • अवसर: भारत ने शीत युद्ध के दौरान गुटनिरपेक्षता नीति अपनाई थी। द्विध्रुवीयता के अंत ने भारत को अपनी विदेश नीति में अधिक लचीलापन और स्वतंत्रता प्रदान की।
  • चुनौतियां: द्विध्रुवीयता के अंत ने नए वैश्विक खतरों को जन्म दिया, जिनसे भारत को निपटना पड़ा, जैसे कि आतंकवाद और प्रसार।

6. क्या द्विध्रुवीयता फिर से लौट सकती है?

उत्तर: कुछ विश्लेषकों का मानना ​​है कि चीन के उदय के साथ द्विध्रुवीयता फिर से

7. ‘शीत युद्ध’ शब्द का क्या अर्थ है?

उत्तर: ‘शीत युद्ध’ शब्द सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच 1945 से 1991 के बीच वैचारिक संघर्ष, तनाव और प्रतिस्पर्धा का वर्णन करता है। इसे ‘शीत’ युद्ध कहा जाता था क्योंकि दोनों महाशक्तियों के बीच कभी भी प्रत्यक्ष, बड़े पैमाने पर सैन्य संघर्ष नहीं हुआ।

8. सोवियत संघ के विघटन के बाद कौन से नए देश सामने आए?

उत्तर: सोवियत संघ के विघटन के बाद कुल 15 नए स्वतंत्र देशों का उदय हुआ:

  • रूस
  • एस्टोनिया
  • लातविया
  • लिथुआनिया
  • बेलारूस
  • यूक्रेन
  • मोलदोवा
  • जॉर्जिया
  • अर्मेनिया
  • अज़रबैजान
  • कजाकिस्तान
  • उज़्बेकिस्तान
  • तुर्कमेनिस्तान
  • किर्गिस्तान
  • ताजिकिस्तान

9. सोवियत संघ के पतन के लिए मिखाइल गोर्बाचेव की क्या भूमिका थी?

उत्तर: मिखाइल गोर्बाचेव ने ग्लासनोस्त (“खुलापन”) और पेरेस्त्रोइका (“पुनर्गठन”) के सुधारों के माध्यम से सोवियत संघ के पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन सुधारों का उद्देश्य कम्युनिस्ट प्रणाली के भीतर राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तन लाना था। हालाँकि, ये सुधारों ने सोवियत राज्य पर नियंत्रण कमजोर कर दिया और अंततः इसके विघटन की ओर अग्रसर हुआ।

10. क्या दो ध्रुवीयता का अंत अपरिहार्य (unavoidable) था?

उत्तर: बहुत बहस इस प्रश्न के ईर्द-गिर्द घूमती है कि क्या द्विध्रुवीयता का अंत अपरिहार्य था। कुछ विश्लेषकों का तर्क है कि सोवियत प्रणाली की अंतर्निहित कमजोरियां इसे बर्बाद कर देती थीं, जबकि अन्य बताते हैं कि यदि गोर्बाचेव जैसे नेताओं ने अलग तरह से काम किया होता तो परिणाम अलग हो सकता था।

इसे ध्यान में रखते हुए, यह तर्क दिया जा सकता है कि जब सोवियत प्रणाली में कमजोरियां थीं, उनका पतन अपरिहार्य नहीं था, लेकिन बल्कि सोवियत नेतृत्व के निर्णयों और दुनिया में व्यापक घटनाओं का परिणाम था।

आशा करते है इस पोस्ट कक्षा 12 राजनीति विज्ञान: दो ध्रुवीयता का अंत में दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी । आप हमें नीचे Comment करके जरुर बताये और अपने दोस्तों को जरुर साझा करे। यह पोस्ट कक्षा 12 राजनीति विज्ञान : महत्वपूर्ण प्रश्न पढ़ने के लिए धन्यवाद ! आपका समय शुभ रहे !!

Best Notes & Questions

Class 10 Hindi Model Paper NCERT |CBSE |RBSE | UP Board | MP Board | Bihar Board |Haryana Board कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए है. 

URL: https://my-notes.in

Author: NCERT

Editor's Rating:
5

Pros

  • Best Notes & Questions Hindi , English
Best Notes & Questions

Class 10 Hindi Model Paper NCERT |CBSE |RBSE | UP Board | MP Board | Bihar Board |Haryana Board कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए है. 

URL: https://my-notes.in

Author: NCERT

Editor's Rating:
5

Pros

  • Best Notes & Questions Hindi , English

Leave a Comment

20seconds

Please wait...