2023-24 NCERT Class 9 Political Science Chapter 1 लोकतंत्र क्या ? लोकतंत्र क्यों Notes in Hindi

NCERT Class 9 Political Science Chapter 1 लोकतंत्र क्या ? लोकतंत्र क्यों|लोकतांत्रिक राजनीति- I

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9th Class Politial Science Chapter 1 WHAT IS DEMOCRACY
WHY DEMOCRACY Notes in Hindi | कक्षा 9 राजनीति विज्ञान नोट्स हिंदी में उपलब्ध करा रहे हैं |Class 9 Raajaniiti Vigyan Chapter 1 Lokatantr kyaa ? Lokatantr kyon Notes PDF Hindi me Notes PDF 2023-24 New Syllabus ke anusar .

TextbookNCERT
ClassClass 9
SubjectPolitial Science | राजनीति विज्ञान
ChapterChapter 1
Chapter Nameलोकतंत्र क्या ? लोकतंत्र क्यों 
CategoryClass 9 Political Science Notes in Hindi
MediumHindi
class-9-Political Science-chapter-1-WHAT IS DEMOCRACY
WHY DEMOCRACY notes-in-hindi

Class 09 राजनीति विज्ञान
अध्याय = 1
लोकतंत्र क्या ? लोकतंत्र क्यों 

WHAT IS DEMOCRACY
WHY DEMOCRACY

लोकतंत्र

लोकतंत्र क्या और लोकतंत्र क्यों

✤ लोकतंत्र की परिभाषा :-

  • लोकतंत्र शब्द डेमोक्रेसी का हिन्दी रूपांतर है डेमोक्रेसी शब्द यूनानी भाषा के डेमोक्रेसिया शब्द  से बना है। डेमोक्रेसीया शब्द ग्रीक भाषा के डेमोस तथा क्रेसिया  से मिलकर बना है जिसका अर्थ लोगों का शासन या जनता का शासन या जनता के द्वारा की गई शासन व्यवस्था है।
  • डेमोक्रेसी के अर्थ को स्पष्ट करने के लिए अलग-अलग विद्वानों ने बहुत सी परिभाषाएं प्रस्तुत की है लेकिन इनमें अब्राहम लिंकन की परिभाषा सबसे महत्वपूर्ण है” जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा शासन लोकतंत्र है” अर्थात शासन के अंतिम शक्ति का निवास जनता के पास ही होता है।
  • एक सरल परिभाषा – लोकतंत्र शासन का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते हैं।
  • लोकतंत्र में जनता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करती है तथा जनप्रतिनिधि जनता के हित में शासन का संचालन करते हैं।
  • यह चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष होने चाहिए ताकि जनता के अधिकार सुरक्षित रहें। 
  • स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए स्वतंत्र चुनाव आयोग होना चाहिए तथा वयस्क मताधिकार (वह व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष या इससे अधिक हो) के आधार पर चुनाव संपन्न करवाए जाने चाहिए।
  • वयस्क मताधिकार या सार्वभौमिक मताधिकार अर्थात बिना किसी भेदभाव के न्यूनतम आयु का निर्धारण कर मताधिकार प्रदान करना। भारत में न्यूनतम आयु वर्तमान समय में 18 वर्ष है।
  • लोकतंत्र में नैतिक मूल्य जैसे समानता, स्वतंत्रता, न्याय, भाईचारा इन सभी का बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण योगदान होता है अतः इन मूल्यों का समावेश संविधान में होना चाहिए।
  • लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए लिखित व सर्वोच्च संविधान का होना अति आवश्यक है। संविधान के माध्यम से ही सरकार के तीनों अंग शक्ति प्राप्त करें। जिसमें मौलिक अधिकारों का भी लिखित में उल्लेख होना आवश्यक है।
  • लोकतंत्र को समझने के लिए केवल किसी एक परिभाषा का सहारा लेना पर्याप्त नहीं है इस हेतु लोकतंत्र को अलग-अलग देशों में व्यवहारिक तौर पर महसूस करना आवश्यक है तभी लोकतंत्र के अर्थ को समझा जा सकता है।
  • भारत, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश सभी पड़ोसी देश है तथा सभी देशों में लोकतंत्र है लेकिन सभी के लोकतंत्र में व्यावहारिक तौर पर बहुत ही अधिक अंतर है।
  •  पाकिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार सेना के इशारे पर चलती है।
  •  चीन में केवल साम्यवादी दल ही जनता के सामने विकल्प के रूप में रहता है ऐसी स्थिति में जनता पर साम्यवादी विचारधारा को थोंपा जाता है जिसे वास्तविक रूप में लोकतंत्र नहीं कहा जा सकता।
  •  बांग्लादेश लोकतांत्रिक शासन प्रणाली वाला देश होते हुए भी कट्टर धार्मिकता के आधार पर वास्तविक लोकतंत्र स्थापित नहीं करता है।

✤ लोकतंत्र की विशेषताएँ :-

  • इसमें शासक को जनता के द्वारा चुना जाता है।
  • नि:शुल्क और प्रतिस्पर्धी चुनाव आयोजित होते हैं।
  • हर वह व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष या इससे अधिक हो वह किसी भी जाति, रंग, धन, नस्ल, लिंग का हो उसके वोट का मूल्य एक होता है।
  • चुने गये शासक संवैधानिक कानून ओर नागरिक अधिकारों द्वारा निर्धारित किए गए सीमाओं के अनुसार ही फैसलें कर लेते हैं।

❐ कानून का शासन :-

  • नागरिकों के अधिकार को संविधान के माध्यम से सुरक्षित किया जाना चाहिए।
  • एक स्वतंत्र न्यायपालिका का होना अनिवार्य है।

✤ प्रमुख फैसले निर्वाचित नेताओं के हाथ (सभी फैसले चुने हुए नेताओं के हाथ में होते हैं) :-

  • पाकिस्तान में जनरल परवेज मुशर्रफ ने अक्टूबर 1999 में सैनिक तख्तापलट की अगुवाई की।
  • उन्होनें लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेंका।
  • खुद को देश का मुख्य कार्यकारी घोषित किया और बाद में उन्होंने खुद को राष्ट्रपति भी घोषित किया।
  • 2002 में धोखे से एक जनमत संग्रह कराके उन्होंने अपना कार्यकाल पाँच साल के लिए बढ़वा लिया।
  • अगस्त 2002 में उन्होंने लीगल फ्रेमवर्क आर्डर के जरिये पाकिस्तान के संविधान को बदल डाला जिसके अनुसार राष्ट्रपति, राष्ट्रीय और प्रांतीय असेम्बलियों को भंग कर सकता है।
  • इस प्रकार पाकिस्तान में चुनाव भी हुए, चुने हुए प्रतिनिधियों को कुछ अधिकार भी मिले लेकिन सर्वोच्च सत्ता सेना के अधिकारियों और जनरल परवेज मुशर्रफ के पास है। इसलिए इसे लोकतांत्रिक शासन नहीं कहना चाहिए।
  • लोकतंत्र में अंतिम निर्णय लेने की शक्ति लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के पास ही होनी चाहिए।

✤ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावी मुकाबला :-

  • चीन की संसद को राष्ट्रीय जन संसद (क्वांगुओ रेममिन दाईवियाओ दाहुई) कहते हैं।
  • चीन की संसद के लिए हर पाँच वर्ष बाद नियमित रूप से चुनाव होते हैं
  • चीन की संसद राष्ट्रपति को नियुक्त करती है।
  • चुनाव लड़ने से पहले सभी उम्मीदवारों को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से मंजूरी लेनी पड़ती है।
  • सरकार हमेशा कम्युनिस्ट पार्टी की ही बनती है।

❐ मेक्सिको :-

  • 1930 में आजाद होने के पश्चात मेक्सिको में हर छ: वर्ष बाद राष्ट्रपति चुनने के लिए चुनाव कराए जाते हैं।
  • मेक्सिकों में कभी भी सैनिक शासन स्थापित नहीं किया गया।
  • लेकिन सन् 2000 तक हर चुनाव में पीआरआई (इंस्टीट्यूशनल रिवोल्यूशनरी पार्टी) नाम की एक पार्टी को ही जीत मिलती थी।
  • पीआरआई (इंस्टीट्यूशनल रिवोल्यूशनरी पार्टी) का सरकारी कर्मचारियों पर अत्यधिक नियंत्रण था।
  • चुनाव से पहले मत केंद्रों को बदल दिया जाता था ताकि पीआरआई (इंस्टीट्यूशनल रिवोल्यूशनरी पार्टी) के विरोधी वोट ना डाल सकें।
  • विद्यालयों में विद्याथियों को केवल पीआरआई (इंस्टीट्यूशनल रिवोल्यूशनरी पार्टी) के पक्ष में ही शिक्षा दी जाती थी।
  • विपक्षी दल चुनाव में हिस्सा लेते थे पर कभी भी उन्हें जीत नहीं मिल पाती थी।
  • चुनाव में तरह-तरह के बुरे कामों को भी अपनाकर हर हाल में जीत हासिल करने के लिए पीआरआई खतरनाक थी।
  • दोनों ही मामलों में लोकतंत्र नहीं कहा जाना चाहिए।
  • लोकतंत्र निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों पर आधारित होना चाहिए ताकि सत्ता में बैठे लोगों के लिए जीत-हार के समान अवसर हों।
  • चीन तथा मेक्सिकों के चुनावी उदाहरण से यह स्पष्ट होता है कि लोकतंत्र में एक से अधिक राजनीतिक दलों का होना जरुरी है तथा चुनाव निष्पक्ष होने चाहिए जनता को स्वतंत्रता पूर्वक अपने प्रतिनिधियों को चुनने का अधिकार होना चाहिए तभी वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना हो सकती है।

✤ एक व्यक्ति – एक मोल – एक वोट :-

  • बिना किसी भेदभाव के निर्धारित न्यून्तम आयु (18 वर्ष) के आधार पर मत देने का अधिकार को सार्वभौमिक मताधिकार या वयस्क मताधिकार कहा जाता है।
  • वयस्क मताधिकार के सिद्धांत को लोकतंत्र का आधार स्तंभ कहा जाता है।
  • लेकिन बहुत से देशों में इसका उल्लंघन भी किया गया।
  • किसी व्यक्ति को मतदान के समान अधिकार से दूर करने के बहुत से उदाहरण हैं।
  • 2015 तक सऊदी अरब में औरतों को वोट देने का अधिकार नहीं था।
  • एस्टोनिया ने अपने यहाँ नागरिकता के नियम कुछ इस तरह बनाए है कि रुस के अल्पसंख्यक समाज के लोगों को मतदान का अधिकार हासिल करने में मुश्किल होती है।
  • फिजी की चुनाव प्रणाली में वहाँ के मूल निवासियों के वोट का महत्व भारतीय मूल के फिजी नागरिक के वोट से ज्यादा है।
  • लोकतंत्र में हर व्यस्क नागरिक का एक वोट होना चाहिए और हर वोट का एक समान मूल्य होना चाहिए।

✤ कानून का राज और अधिकारों का आदर :-

  • जिंबाब्वे 1980 में श्वेत लोगों के शासन से मुक्त हुआ।
  • स्वतंत्रता के समय से जिम्बावे पर जानु-पीएफ दल का राज है।
  • इसके नेता राबर्ट मुगाबे आजादी के बाद से ही शासन कर रहे हैं।
  • राष्ट्रपति मुगाबे कम लोकप्रिय नहीं है पर वे चुनाव में गलत तरीके भी अपनाते हैं।
  • चुनाव नियमित रूप से होते हैं और सदा जानु-पीएफ दल ही जीतता है।
  • विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को परेशान किया जाता है और उनकी सभाओं में गड़बड़ कराई जाती है।
  • सरकार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों और आंदोलनों को गैर कानूनी घोषित कर दिया गया है।
  • टेलीविजन और रेडियो पर सरकारी नियंत्रण है और उन पर सिर्फ शासक दल के विचार ही प्रसारित होते हैं।
  • अखबार स्वतंत्र है पर सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों को परेशान किया जाता है।
  • सरकार ने कुछ ऐसे अदालती फैसलों की परवाह नहीं कि जो उसके खिलाफ जाते थे और उसने जजों पर दबाव भी डाला।
  • इस मामले में भी सरकार लोकतांत्रिक नहीं है क्योंकि यहाँ न ही नागरिकों के बुनियादी अधिकार, विपक्षी दल और न ही न्यायपालिका है।
  • एक लोकतांत्रिक सरकार संवैधानिक कानूनों (संविधान के द्वारा बनाये गये कानूनों) और नागरिक अधिकारों द्वारा खींची गई लक्ष्मण रेखाओं के भीतर ही काम करती है।
  • 2017 में राष्ट्रपति मुगाबे को पद से हटा दिया गया।
  • जिंबाब्वे के उदाहरण से यह स्पष्ट होता है कि एक लिखित व सर्वोच्च संविधान के साथ स्वतंत्र न्यायपालिका होनी चाहिए जो निर्वाचित सरकारपर भी रोक लगा सके तथा व्यवस्थापिका उन कानूनों को अवैध घोषित कर सके जो नागरिकों के अधिकारों व स्वतंत्रताओं के खिलाफ हो।

✤ लोकतंत्र के खिलाफ तर्क
❋ अस्थिर शासन :-

  • लोकतंत्र में प्रत्येक 5 वर्ष के पश्चात या निर्धारित समय अवधि के पश्चात चुनाव होते हैं।
  • अत: सरकार बदलती रहती है अनेक बार सरकारे बीच में ही गिर जाती है।
  • तथा मध्यावधि चुनाव होते हैं, बार-बार सरकार बदलने से राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री पद पर नए व्यक्तियों के आने से पुरानी योजनाओं व कार्यक्रमों में भी परिवर्तन आते हैं।
  • लोकतंत्र में नेता बदलते रहते हैं जिससे अस्थिरता की स्थिति पैदा होती है।

❋ सत्ता का खेल :-

  • लोकतंत्र का मतलब सिर्फ राजनैतिक लड़ाई और सत्ता का खेल है।
  • राजनेता चुनावों के दौरान मतदाताओं को लुभा कर उनसे मत प्राप्त करते हैं।
  • जीतने के बाद वह अपने वादे भूल जाते हैं।
  • यहाँ नैतिकता की कोई जगह नहीं होती।
  • लोकतांत्रिक व्यवस्था में इतने सारे लोगों से बहस और चर्चा करनी पड़ती है कि हर फैसले में देरी होती है।
  • चुने हुए नेताओं को लोगों के हितों का पता ही नहीं होता।
  • इसके चलते खराब फैसले होते हैं।

❋ खर्चीली शासन प्रणाली :-

  • लोकतंत्र शासन प्रणाली में चुनावी लड़ाई महत्वपूर्ण और खचींली होती है, इसलिए इसमें भ्रष्टाचार होता है।
  • विधायिका व कार्यपालिका के जनप्रतिनिधियों को दी जाने वाली सुविधाएं तथा उनके वेतन पर भी देश का बहुत बड़ा बजट खर्च होता है।
  • सामान्य लोगों को पता नहीं होता कि उनके लिए क्या चीज अच्छी है और क्या चीज बुरी इसलिए उन्हें किसी चीज का फैसला नहीं करना चाहिए।

✤ लोकतंत्र के पक्ष में तर्क

  • लोकतंत्र दूसरे शासन से बेहतर  :-
  • चीन में 1958 से 61 तक एक अकाल के दौरान लगभग तीन करोड़ लोगों की भुखमरी से मृत्यु हुई।
  • क्योंकि चीन में एक दलीय शासन प्रणाली है तथा एक दलीय शासन प्रणली में निरंकुशता होने के कारण जन भावनाओं का ख्याल नहीं रखा गया।
  • जबकि उसी समय भारत में भी आर्थिक स्थिति वही थी लेकिन खाद्य सुरक्षा नियम के तहत जनता की खाद्य आवश्यकताओं का सरकार द्वारा पूरा ध्यान रखा गया अत: भारत को चीन की तरह भुखमरी का सामना नहीं करना पड़ा इसका कारण था भारत की बहुदलीय प्रणाली जिसमें जनप्रतिनिधि जनता के हितों के बारे में विशेष ख्याल करते हैं।
  • लोकतांत्रिक सरकार एक बेहतर सरकार है क्योंकि यह अधिक जवाबदेह सरकार है।

❋ बेहतर निर्णय :-

  • लोकतंत्र निर्णय लेने की गुणवत्ता में सुधार करता है।
  • लोकतंत्रात्मक शासन प्रणली में किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले अनेक लोगों से बातचीत की जाती है तथा राय ली जाती है जिसका परिणाम यह होता है फैसला आने में थोड़ी देरी जरूर होती है लेकिन एक  अच्छा फैसला सरकार तक पहुंच पाता है।
  • मतभेद और संघर्ष से निपटने के लिए लोकतंत्र एक तरीका प्रदान करता है।

❋ नागरिकों का सम्मान :-

  • लोकतंत्रात्मक शासन प्रणाली में प्रत्येक नागरिक का सम्मान किया जाता है।
  • लोकतंत्र नागरिकों की गरिमा को बढ़ाता है।
  • लोकतंत्र उसे गरिमा के साथ जीने की स्वतंत्रता प्रदान की जाती है।
  • लोकतंत्र हमें अपनी गलतियों को ठीक करने की अनुमति देता है।

❋ लोकतंत्र का वृहतर अर्थ

  • हमारे समय में लोकतंत्र का सबसे आम रूप है प्रतिनिधि वाला लोकतंत्र, जिसमें सभी लोगों की तरफ से बहुमत को फैसले लेने का अधिकार होता है।
  • बहुमत का शासन भी चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से होता है।
  • लोकतांत्रिक फैसले का मतलब होता है उस फैसले से प्रभावित होने वाले सभी लोगों के साथ विचार विमर्श के बाद और उनकी स्वीकृति से फैसले लेना।
  • लोकतंत्र एक ऐसा सिद्धांत है जिसका प्रयोग जीवन के किसी भी क्षेत्र में हो सकता है।
  • लोकतंत्र एक सरकार, परिवार या किसी अन्य संगठन में लागू हो सकता है।

लोकतंत्र क्या और क्यों अभ्यास प्रश्न-उत्तर

पाठ्‌यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.  यहाँ चार देशों के बारे में कुछ सूचनाएँ  हैं। इन सूचनाओं के आधार पर आप इन देशों का वर्गीकरण किस तरह करेंगे? इनके सामने
लोकतांत्रिक’, ‘अलोकतांत्रिक’ और पक्का नहीं लिखें।
(क) देशं क : जो लोग देश के आधिकारिक धर्म को नहीं मानते उन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं है।
(
ख) देश ख : एक ही पार्टी बीते बीस वर्षों से चुनाव जीतती आ रही है।
(
ग) देश ग : पिछले तीन चुनावों में शासक दल का पराजय का मुँह देखना पड़ा।
(
घ) देश घ : यहाँ स्वतंत्र चुनाव आयोग नहीं है।
उत्तर –

देशवर्गीकरण
 कअलोकतांत्रिक
 खपक्का नहीं
 गलोकतांत्रिक
 घअलोकतांत्रिक

प्रश्न 2. यहाँ चार अन्य देशों के बारे में कुछ सूचनाएँ  हैं। इन सूचनाओं के आधार पर आप इन देशों का वर्गीकरण किस तरह करेंगे? इनके सामने ‘लोकतांत्रिक’, ‘अलोकतांत्रिक’ और पक्का नहीं लिखें।
(
क) देश च : संसद सेना प्रमुख की मंजूरी के बिना सेना के बारे में कोई कानून नहीं बना सकती।
(
ख) देश छ : संसद न्यायपालिका के अधिकारों में कटौती का कानून नहीं बना सकती।
(
ग) देश ज : देश के नेता बिना पड़ोसी देश की अनुमति के किसी और देश से संधि नहीं कर सकते।
(
घ) देश झ : देश के सारे आर्थिक फैसले केन्द्रीय बैंक के अधिकारी करते हैं जिसे मंत्री भी नहीं बदल 
सकते ।
उत्तर –

देशवर्गीकरण
अलोकतांत्रिक
लोकतांत्रिक
अलोकतांत्रिक
अलोकतांत्रिक

प्रश्न 3.  इनमें से कौन-सा तर्क लोकतंत्र के पक्ष में अच्छा नहीं हैं और क्यों?
(
क) लोकतंत्र में लोग खुद को स्वतंत्र और समान मानते हैं।
(
ख) लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ दूसरों की तुलना में टकरावों को ज्यादा अच्छी तरह सुलझाती हैं।
(
ग) लोकतांत्रिक सरकारें लोगों के प्रति ज्यादा उत्तरदायी होती हैं।
(
घ) लोकतांत्रिक देश दूसरों की तुलना में ज्यादा समृद्ध होते हैं।
उत्तर – (क), (ख) तथा (ग) लोकतंत्र के पक्ष में अच्छे तर्क माने जायेंगे क्योंकि ये लोकतंत्र की विशेषताओं से सम्बन्धित हैं, किन्तु तर्क (घ) लोकतंत्र के पक्ष में सही तर्क नहीं हैं। इसके निम्नलिखित कारण हैं –

  • किसी देश की समृद्धि उसके आर्थिक संसाधन तथा नीतियों पर निर्भर करती हैं। हाँ, नीतियों का लोकतांत्रिक होना जनसामान्य तथा देश के आर्थिक विकास में तो सहायक हो सकता है, किन्तु संसाधन के अभाव में सिर्फ लोकतांत्रिक व्यवस्था से समृद्धि नहीं आ सकती है।
  • एक गैर-लोकतांत्रिक देश भी समृद्ध हो सकता है। उदाहरण के लिये, चीन एक गैर-लोकतांत्रिक देश है, किन्तु अपने संसाधन तथा नीतियों के आर्थिक विकास में तो सहायक हो सकता है, किन्तु संसाधन के अभाव में सिर्फ लोकतात्रिकं व्यवस्थान से समृद्धि नहीं आ सकती है।
  • दूसरी तरफ, लोकतांत्रिक देश भी गरीब हो सकते हैं जैसे कि बांग्लादेश। यहाँ संसाधन की कमी तथा गलत नीति आर्थिक समृद्धि की राह में रूकावट है।

प्रश्न 4. इन सभी कथनों में कुछ चीजें लोकतांत्रिक हैं तो कुछ अलोंकतांत्रिक। हर कथन में इन चीजों की अलग-अलग करके लिखें।
(क) एक मंत्री ने कहा कि संसद को कुछ कानून पास करने होंगे जिससे विश्व व्यापार संगठन द्वारा तय नियमों की पुष्टि हो सके।
(
ख) चुनाव आयोग ने एक चुनाव क्षेत्र के सभी मतदान केन्द्रों पर दोबारा मतदान का आदेश दिया जहाँ बड़े पैमाने पर मतदान में गड़बड़ की गई थी।
(
ग) संसद में औरतों का प्रतिनिधित्व कभी भी 10 प्रतिशत तक ही पहुँचा है। इसी के कारण महिला संगठनों ने संसद में एक-तिहाई आरक्षण की माँग की है।
उत्तर –
(
क) लोकतांत्रिक तत्व – संसद द्वारा नियम पारित किया जाना ।
अलोकतांत्रिक तत्व – विश्व व्यापार संगठन द्वारा निर्धारित विनियमों के अनुसार नियम पारित किया जाना है।
(ख) लोकतांत्रिक तत्व – धाँधली की स्थिति में निष्पक्ष चुनाव के लिये पुनर्मतदान की व्यवस्था ।
अलोकतांत्रिक तत्व – महिलाओं द्वारा संसद में एक-तिहाई सीटों की माँग ।
(ग) लोकतांत्रिक तत्व – महिलाओं द्वारा संसद में एक तिहाई सीटों की माँग ।
अलोकतांत्रिक तत्व – संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत तक भी नहीं पहुँच पाता ।

प्रश्न 5. लोकतंत्र में अकाल और भुखमारी की संभावना कम होती है। यह तर्क देने का इनमें से कौन-सी कारण सही नहीं है?
(क) विपक्षी दल भूख और भुखमरी को ओर सरकार का ध्यान दिला सकते हैं।
(
ख) स्वतंत्र अखबार देश के विभिन्न हिस्सों में अकाल की स्थिति के बारे में खबरें दे सकत हैं।
(
ग) सरकार को अगले चुनाव में अपनी पराजय का डर होता है।
(
घ) लोगों को कोई भी तर्क मानने और उसे पर आचरण करने की स्वतंत्रता है।
उत्तर – (घ) लोगों को कोई भी तर्क मानने और उस पर आचरण करने की स्वतंत्रता है।

प्रश्न 6. किसी जिले में 40 ऐसे गाँव है जहाँ सरकार ने पेयजल उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम नहीं किया है। इन गाँवों के लोगों ने एक बैठक की और अपनी जरूरतों की ओर सरकार का ध्यान दिलाने के लिए कई तरीकों पर विचार किया। इनमें से कौन-सी तरीका लोकतांत्रिक नहीं है?


(क) अदालत में पानी को अपने जीवन के अधिकार का हिस्सा बताते हुए मुकदमा दायर करना।
(ख) अगले चुनाव का बहिष्कार करके सभी पार्टियों को संदेश देना।
(ग) सरकारी नीतियों के खिलाफ जनसभाएँ करना।
(घ) सरकारी अधिकारियों को पानी के लिए रिश्वत देना।
उत्तर – 
(घ) सरकारी अधिकारियों को पानी के लिये रिश्वत देने का तरीका लोकतांत्रिक नहीं है।

प्रश्न 7. लोकतंत्र के खिलाफ दिए जाने वाले इन तर्कों का जवाब दीजिए :
(क) सेना देश का सबसे अनुशासित और भ्रष्टाचार मुक्त संगठन है। इसलिए सेना को देश का शासन करना चाहिए।
उत्तर – जवाब – अनुशासित तथा भ्रष्टाचार मुक्त होने के बावजूद सेना को देश पर शासन नहीं करना चाहिये, क्योंकि वह देश की जनता की इच्छा का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। इसलिए यह एक लोकतांत्रिक सरकार का गठन नहीं कर सकती। कोई भी यह गारण्टी नही देसकता कि सेना तानाशाह नहीं बनेगी।

(ख) बहुमत के शासन का मतलब है मूर्खों और अशिक्षितों का राज। हमें तो होशियारों के शासन की जरूरत है, भले ही उनकी संख्या कम क्यों न हो।
उत्तर – जवाब – लोकतंत्र का संबंध सिर्फ बुद्धिमानों से नहीं होता । शासन में उन लोगों को भाग लेना चाहिये जो जनता को इच्छा का ईमानदारी से प्रतिनिधित्व करते हैं। बहुमत के शासन की इसीलिये आवश्यकता है कि वे अधिक-से-अधिक लोगों के हितों तथा समस्याओं को ध्यान में रखते हुये नीतिगत फैसला ले सकेंगे।

(ग) अगर आध्यात्मिक मामलों के मार्गदर्शन के लिए धर्म-गुरूओं की जरूरत होती है तो उन्हीं को राजनैतिक मामलों में मार्गदर्शन का काम क्यों नहीं सौपा जाए। देश पर धर्म-गुरूओं का शासन होना चाहिए।
उत्तर – 
जवाब – धर्म लोगों का व्यक्तिगत विषय है। इसे राजनीति से जोड़ना अनुचित है।

क्योंकि राजनीति मे धर्म को शामिल करने से गंभीर विवाद पैदा हो सकते हैं। लोकतंत्र का हमारी भौतिक समस्याओं से संबंध है जो सभी लोगों की लगभग एक जैसी होती हैं। धार्मिक नेता पूर्वाग्रहों से प्रभावित हो सकते हैं। अत: वे किसी वर्ग के साथ न्याय नहीं कर पायेंगे। साथ ही, उनके बीच हमेशा एक वैचारिक संघर्ष की स्थिति बनी रहेगी जो धर्म तथा आस्था से अनुप्रेरित होगी।

प्रश्न 8. इनमें से किन कथनों को आप लोकतांत्रिक समझते हैं? क्यों?
(क) बेटी से बाप – मैँ शादी के बारे में तुम्हारी राय सनुना नहीं चाहता। हमारे परिवार में बच्चे वहीं शादी करते हैं जहाँ उनके माँ-बाप तय कर देते हैं।
उत्तर – उपर्युक्त कथन लोकतांत्रिक मूल्यों का विरोधी है क्योंकि इसमें लड़की को अपनी शादी के बारे में राय व्यक्त करने के अवसर से वंचित किया जा रहा है तथा उसे उसकी राय जाने बिना शादी करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। उसे अपने पति चुनने व पति के सम्बन्ध में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए।

(ख) छात्र से क्षिक्षक – कक्षा में सवाल पूछकर मेरा ध्यान मत बँटाओ।
उत्तर – शिक्षक का ऐसा कहना लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है। क्योंकि, छात्रों का यह अधिकार है कि वे अपनी समस्याओं को शिक्षकों के सामने रखें तथा शिक्षकों का यह कर्त्तव्य है कि वे छात्रों के प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी समस्याओं का समाधान करें।

(ग) अधिकारियों से कर्मचारी – हमारे काम करने के घंटे कानून के अनुसार कम किये जाने चाहिये।
उत्तर – हाँ, यह माँग लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप है। निर्धारित सीमा से अधिक घंटों तक काम लेना कानून का उल्लंघन तथा शोषण है। शोषण के विरुद्ध आवाज उठाना लोकतांत्रिक मौलिक अधिकार है।

प्रश्न 9. एक देश के बारे में निम्नलिखित तथ्यों पर गौर करें और फैसला करें कि आप इसे लोकतंत्र कहेंगे या नहीं। अपने फैसले के पीछे के तर्क भी बताएँ ।
(क) देश के सभी नागरिकों को बोट देने का अधिकार हैं और चुनाव नियमित रूप से होते हैं।
(ख) देश ने अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से ऋण लिया। ऋण के साथ यह एक शर्त जुड़ी थी कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर अपने खर्चों में कमी करेगी।


(ग) लोग सात से ज्यादा भाषाएँ बोलते हैं पर शिक्षा का माध्यम सिर्फ एक भाषा है, जिसे देश के 52 फीसदी लोग बोलते हैं।
(घ) सरकारी नीतियों का विरोध करने के लिए अनेक संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन करने और देश भर में हड़ताल करने का आह्वान किया है । सरकार ने उनके नेताओं को गिरफ्तार कर लिया हैं।
(ङ) देश के रेडियों और टेलीविजन चैनल सरकारी हैं। सरकारी नीतियों और विरोधी के बारे में खबर छापने के लिए अखबारों को सरकार से अनुमति लेनी होती है।


उत्तर –
 तथ्य (घ) तथा (ङ) सरकार के गैर-लोकतांत्रिक व्यवहार को प्रदर्शित करते हैं।
 तथ्य (ख) सरकार की आर्थिक कमजोरी के कारण मजबूरी में उठाये गये एक गलत फैसले की ओर इंगित करता है। शिक्षा व स्वास्थ्य पर खर्च में कमी करना लोगों के लिए कल्याणकारी नहीं होगा। इसलिए इसे लोकतांत्रिक नहीं कहा जा सकता ।
 तथ्य (क) तथा (ग) सरकार के मौलिक रूप से लोकतांत्रिक होने को दिखाते हैं। वे विशेषताएँ लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास की सूचक हैं। अत: कहा जा सकता है कि यह देश एक लोकतांत्रिक देश है।

प्रश्न 10. अमेरिका के बारे में 2004 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार वहाँ के समाज में वहाँ के समाज में असमानता बढ़ती जा रही है। आमदनी की असमानता लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विभिन्न वर्गों की भागीदारी घटने-बढ़ने के रूप में भी सामने आई। इन समूहों की सरकार के फैसलों पर असर डालने की क्षमता भी इससे प्रभावित हुई हैं। इस रिपोर्ट की मुख्य बातें थीं:

सन् 2004 में एक औसत अश्वेत परिवार की आमदनी 100 डालर थी जबकि गोरे परिवार की आमदनी 162 डालर। औसत गोरे परिवार के पास अश्वेत परिवार से 12 गुना ज्यादा संपत्ति थी।
राष्ट्रपति चुनाव में 75,000 डालर से ज्यादा आमदनी वाले परिवारों के प्रत्येक 10 मेंस 9 लोगों ने वोट डाले थे। यही लोग आमदनी के हिसाब से समाज के ऊपरी 20 फीसदी में आते हैं। दूसरी ओर 15,000 डालर से कम आमदनी वाले परिवारों के प्रत्येक 10 में से सिर्फ 5 लोगों ने ही वोट डाले। आमदनी के हिसाब से ये लोग सबसे निचले 20 फीसदी हिस्से में आते हैं।

राजनैतिक दलों का करीब 95 फीसदी चंदा अमीरपरिवारा कसे ही आताह  इससे उन्हें अपनी राय और चितांओं से नेताओं को अवगत कराने का अवसर मिलता है। यह सुविधा देश के अधिकांश नागरिकों को उपलब्ध नहीं हैं।

जग गरीब लोग राजनीति में कम भागीदारी करते हैं तो सरकार भी उनकी चिंताओं पर कम ध्यान देती है – गरीबी दूर करनारोजगार देनाउनके लिए शिक्षास्वास्थ्य और आवास की व्यवस्था करने पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना जाना चाहिए। राजनेता अक्सर अमीरों और व्यपारियों की चिंताओं पर ही नियमित रूप से गौर करते है।

इस रिपोर्ट की सूचनाओं को आधार बनाकर और भारत के उदाहरण देते हुए ‘लोकतंत्र और गरीबी’ पर एक लेख लिखें।
उत्तर – 
लोकतंत्र तथा गरीबी – सामान्य लोगों के हित के लिये लोकतंत्र बहुमत का शासन है। किन्तु आजकल इसका उपयोग उन मुट्‌ठीभर लोगों के फायदे के लिये हो रहा है जिनके पास धन, संसाधन तथा शिक्षा है। इसका कारण यह है कि राजनैतिक दलों की दिए जाने वाले चंदे का 95 प्रतिशत अमीर लोगों से आता है।

इसलिए वे राजनैतिक दलों के निर्णयों को अपने पक्ष में प्रभावित करने में सफल रहते हैं। दूसरे, गरीब राजनीति में कम भाग ले पाते हैं, इसलिए उनकी समस्याओं की ओर सरकार कम ध्यान देती है। इसी कारण लोकतांत्रिक भारत में अमीरों तथा गरीबों क बीच का अंतर और तेजी से बढ़ता जा रहा है। गरीब और गरीब हुये है जबकि अमीरों में तेजी से वृद्धि हुई है। येन-केन प्रकारेण सक्षम लोगों द्वारा सभी प्रकार की सरकारी सुविधाओं का फायदा उठाया जा रहा है तथा गरीब इनसे वंचित रह जा रहे हैं।

हमारे देश में लोकतांत्रिक मूल्यों में तेजी से ह्रास होता दिख रहा है। राजनेता अक्सर अमीरों और पूंजीपातियों की चिंताओं पर ही नियमित रूप से गौर करते हैं। इसका परिणाम यह हुआ है कि राजनेताओं ने राजनेताओं में राजनीति को एक व्यवसाय में परिणत कर दिया है। वे अब जनता की समस्याओं का हल निकालने के लिये राजनीति में नहीं जाना चाहते, बल्कि अपने व्यक्तिगत तथा वर्गीय फायदे के लिये इसे पेशा बना रहे हैं।

राजनीति में धन तथा बल के उपयोग ने इसके लोकतांत्रिक स्वरूप को नुकसान पहुँचाता है। यह ऊपर से लोकतांत्रिक दिखते हुये भी व्यवहार में स्वेच्छाचारी है। आये दिन होने वाले घपलों के द्वारा विकास की राशि को नेताओं, व्यपारियों, ठेकेदारों तथा अन्य सक्षम वर्गों द्वारा आपस में बाँट लिया जाता है। फलत: गरीबी दिनों दिन बढ़ती जा रही है।

दरअसल, जनप्रतिनिधियों को जवाबदेह बनाने की जरूरत है। जनता क पास यह शक्ति होनी चाहिये कि वह जब चाहे अपने प्रतिनिधि को वापस बुला सकती है। यही उन्हें जवाबहेब ना देगा। साथ चुनावों में धन के प्रयोग पर राक लगानी चाहिये। तभी लोकतंत्र का सही यप् सामन आयेगा तथ आम जनता की समस्या की ओर ध्यान दिया जा सकेगा।

Part- 03 लोकतंत्र क्या और क्यों महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर

महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. संविधान संशोधन से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर –  समय – समय पर जो संविधान में परिवर्तन माना जाता है, उसे ही संविधान संशोधन कहते है।

प्रश्न 2. लोकतंत्र की परिभाषा लिखितए।
उत्तर –  लोकतंत्र वह शासन प्रणाली है जिसमें  शासकों का चुनाव लोग करते है।

प्रश्न 3. लोकतंत्र के वे तीन मूल्य बताइए जिस पर कोई भी लोकतंत्र टिका हुआ है?
उत्तर –  स्वतंत्रता, समानता और न्याय।

प्रश्न 4. अलोकतांत्रिक सरकार का कोई दो उदाहरण दीजिए?
उत्तर –  अलोकतांत्रिक सरकार का उदाहरण है –

  • राजतन्त्र
  • सैनिक शासन

प्रश्न 5. एक लोकतांत्रिक सरकार की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर –  एक लोकतांत्रिक सरकार की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित है –

  • ऐसी सरकार जनता द्वारा निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव द्वारा चुनी हुई होती है।
  • लोकतांत्रिक सरकार जनता और संविधान के प्रति जवाबदेह होती है।
  • लोगों द्वारा चुने गए सदस्य ही देश के शासन की बागडोर संभालते है और वे सारे प्रमुख फैसले संविधान के अनुरूप ही लेते है।

प्रश्न 6. लोकतंत्र की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर –  लोकतंत्र की विशेषताएँ है –

  • लोकतंत्र में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र रूप से चुनाव होते है जिसमें जनता अपने प्रतिनिधि को चुनती है।
  • चुनाव द्वारा लोग जब चाहे मौजूदा शासको को बदल सकते है।
  • इसमें सभी नागरिकों को सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार प्राप्त होता है।
  • इसमें सरकार कानून या संविधान के द्वारा बनाया जाता है।

प्रश्न 7. लोकतांत्रिक और अलोकतांत्रिक सरकार में अंतर लिखिए।
उत्तर –  लोकतांत्रिक और अलोकतांत्रिक सरकार में अंतर इस प्रकार है –

लोकतांत्रिक सरकारअलोकतांत्रिक सरकार
1. लोकतांत्रिक सरकार जनता द्वारा चुनी होती है।यह सरकार जनता द्वारा चुनी नहीं होती है।
2. लोकतांत्रिक सरकार संविधान और कानून के दायरे में रहकर कार्य करता है।यह सरकार संविधान के अनुरूप कार्य नहीं करते हैं।
3. वह जनता के अधिकारों की रक्षा करती है।जनता के अधिकारों का दमन करती है।
4. यह चुनाव प्रक्रिया में भाग लेती है।यह चुनाव प्रक्रिया में भाग नहीं लेती है।
5. उदाहरण :- लोकतंत्रउदाहरण : राजतंत्र, तानाशाही ओर सैनिक शासन

प्रश्न 8. लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक को कौनकौन से अधिकार प्राप्त है?
उत्तर –  लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक को निम्न अधिकार प्राप्त है-

  • प्रत्येक नागरिक अपनी सरकार खुद चुन सकता है।
  • वह किसी भी संस्था का सदस्य बन सकता है, गठन कर सकता है या उसे छोड़ सकता है।
  • वह सरकार की आलोचना कर सकता है या विरोधी दल में शामिल हो सकता है।
  • वह चुनाव के दौरान किसी भी पार्टी को अपना वोट दे सकता है चाहे वह सत्ता पक्ष हो या विरोधी दल हो।
  • वह किसी भी दल में शामिल हो चुनाव लड़ सकता है या निर्दलीय चुनाव भी लड़ सकता है।

प्रश्न 9. एक लोकतांत्रिक सरकार के सामने कौनकौन सी चुनौतियाँ है?
उत्तर –  एक लोकतांत्रिक सरकार के सामने निम्न चुनौतियाँ है –

  • बेरोजगारी की समस्या
  • महँगाई की समस्या
  • अशिक्षा की समस्या
  • जातपात की समस्या

प्रश्न 10. हमें लोकतंत्र की आवश्यकता क्यों हैं?
उत्तर –  हमें लोकतंत्र की आवश्यकता क्यों है –

  • इसमें जनता शासकों का चुनाव करती है।
  • लोकतंत्र में चुनाव सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार के आधार पर किया जाता है।
  • लोकतंत्र में अंतिम निर्णय लेने की शक्ति लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों के पास होता है।
  • लोकतंत्र में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव होते हैं जिसमें सत्ता में बैठे लोगों के लिए जीत-हार का समान अवसर मिलता है।
  • लोकतंत्र में सभी वोटों का समान मूल्य होता है।
  • लोकतंत्र में एक लोकतांत्रिक सरकार संवैधानिक कानूनों और नागरिक अधिकारों द्वारा खिंची गई लक्ष्मण रेखाओं के भीतर ही काम करती है।

प्रश्न 11. लोकतांत्रिक शासन प्रणाली दुसरे शासन प्रणालियों से बेहतर है कैसे?         
उत्तर –  लोकतांत्रिक शासन प्रणाली दुसरे शासन प्रणालियों से बेहतर इस प्रकार है-
1. लोकतंत्र मूल्यों पर आधारित शासन प्रणाली है जिसमें सभी को स्वतंत्रता, समानता और न्याय मिलता है।
2. लोकतंत्र में जनता अपना शासन खुद चुनती है।
3. लोकतंत्र में शासन संविधान के आधार पर किया जाता है।
4. लोकतंत्र में विचार भिन्नता को प्रकट करने के अवसर मिलते है।
5. इसमें नागरिक अधिकार सुरक्षित रहते हैं।
6. इसमें क्रांति का भय नहीं होता क्योंकि क्रांति करने वाली जनता अपनी सरकार खुद चुनती है।

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