2023-24 NCERT Class 9 Science Chapter 3 परमाणु एवं अणु Notes in Hindi

9 class Science Chapter 3 परमाणु एवं अणु Notes In Hindi PDF

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9th Class Science Chapter 3 ATOMS AND MOLECULES Notes in Hindi | कक्षा 9 विज्ञान नोट्स हिंदी में उपलब्ध करा रहे हैं |Class 9 Vigyan Chapter 3 Paramaaṇu evam aṇuKe Notes PDF Hindi me Notes PDF 2023-24 New Syllabus ke anusar.

Class 9 Science Notes In Hindi || 9 class Science Notes Download

TextbookNCERT
ClassClass 9
SubjectChemistry | विज्ञान
ChapterChapter 3
Chapter Nameपरमाणु एवं अणु
CategoryClass 9 Science Notes in Hindi
MediumHindi
class-9-science-chapter-3 ATOMS AND MOLECULES-notes-in-hindi

9th Science Chapter 3 Notes PDF Download in Hindi

💠 Class 09 विज्ञान 💠
📚 अध्याय = 3 📚
💠परमाणु एवं अणु 💠

💠ATOMS AND MOLECULES 💠

रासायनिक संयोजन के नियम

किन्हीं दो या उससे अधिक पदार्थों के बीच रासायनिक अभिक्रिया कुछ सिद्धान्तों पर आधारित होती है। इन सिद्धान्तों को रासायनिक संयोजन के नियम कहते हैं।

द्रव्यमान संरक्षण का नियम

  • इस नियम के अनुसार, द्रव्यमान का उदय या विनाश संभव नहीं है।
  • किसी रासायनिक अभिक्रिया के लिए इस नियम का उपयोग निम्नलिखित तरीके से किया जा सकता है।
  • किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के दौरान पदार्थों के द्रव्यमान का जोड़ उस अभिक्रिया के उत्पादों के द्रव्यमानों के जोड़ के बराबर होगा।”
law of conservation of mass द्रव्यमान संरक्षण का नियम

उदाहरण-

law of conservation of mass द्रव्यमान संरक्षण का नियम




4 ग्राम + 32 ग्राम = 36 ग्राम
द्रव्यमान, संरक्षण के नियमानुसार-
सोडियम कार्बोनेट का द्रव्यमान + ऐथेनाइक अम्ल द्रव्यमान = सोडियम ऐथेनोएट का द्रव्यमान + कार्बन डाई-ऑक्साइड का द्रव्यमान + जल का द्रव्यमान
द्रव्यमानों को समीकरण में प्रस्तुत करने के उपरान्त –

After introducing the masses into the equation



∴ यह उत्तर द्रव्यमान संरक्षण के नियम को स्पष्ट करता है। 

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स्थिर अनुपात का नियम


इस नियमानुसार कोई शुद्ध रासायनिक यौगिक सदैव उन्हीं तत्वों से निर्मित होगा जिनसे वह मिलकर निर्मित हुआ है, तथा इन तत्वों के द्रव्यमान का अनुपात सदैव समान होगा, फिर चाहे यह यौगिक किसी भी स्थान से प्राप्त किया गया हो अथवा निर्माण किसी भी पद्धति द्वारा किया गया हो।


उदाहरण-
18 g H2O ⇒ 16 g ऑक्सीजन + 2 g हाइड्रोजन, या mH/m0 = 2/16=18
36 g H2O ⇒ 32 g ऑक्सीजन + 4 g हाइड्रोजन, या mH/m0 = 4/32=18
9 g H2O ⇒ 8 g ऑक्सीजन + 1 g हाइड्रोजन, या mH/m0 = 18
ऊपर प्रस्तुत उदाहरण में H2O के अलग-अलग द्रव्यमानों वाले H2O के नमूनों को लिया गया, पर उन सबमें हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात सदा 1 : 8 ही निकला।

परमाणु

परमाणु कितने बड़े होते हैं?
परमाणु बहुत छोटे होते हैं। ये किसी भी वस्तु, जिसकी हम कल्पना या तुलना कर सकते हैं, से भी छोटे होते हैं। लाखों परमाणुओं को जब एक के ऊपर एक चट्टे के रूप में रखें, तो बड़ी कठिनाई से कागज की एक शीट जितनी मोटी परत बन पाएगी।

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विभिन्न तत्वों के परमाणुओं के आधुनिक प्रतीक क्या हैं?
डाल्टन ऐसे प्रथम वैज्ञानिक थे, जिन्होंने तत्वों के प्रतीकों का प्रयोग अत्यंत विशिष्ट अर्थ में किया। जब उन्होंने किसी तत्व के प्रतीक का प्रयोग किया, तो यह प्रतीक उस तत्व की एक निश्चित मात्रा की ओर इंगित करता था

अर्थात् यह प्रतीक तत्व के एक परमाणु को प्रदर्शित करता था। बर्जिलियस ने तत्वों के ऐसे प्रतीकों का सुझाव दिया, जो उन तत्वों के नामों के एक या दो अक्षरों से प्रदर्शित होता था।

डॉल्टन के द्वारा प्रदान किए गए


प्रारंभ में तत्वों के नामों की व्युत्पत्ति उन स्थानों के नामों से की गई, जहाँ वे सर्वप्रथम पाए गए थे। उदाहरण स्वरूप, कॉपर (Copper) का नाम साइप्रस (Cyprus) से व्युत्पन्न हुआ। कुछ तत्वों के नामों को विशिष्ट रंगों से लिया गया। उदाहरणस्वरूप, स्वर्ण (gold) का नाम अंग्रेजी के उस शब्द से लिया गया, जिसका अर्थ होता है पीला।

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परमाणु द्रव्यमान :

– रासायनिक संयोजन के नियमों के उपयोग एवं उत्पन्न यौगिकों के द्वारा सापेक्ष परमाणु द्रव्यमानों को ज्ञात किया गया उदाहरण के लिए, कॉर्बन मोनो ऑक्साइड का यौगिक कॉर्बन एवं ऑक्सीजन द्वारा निर्मित होता हैं


प्रयोग के आधार पर 3g कार्बन तथा 4g ऑक्सीजन के संयोजन से कॉर्बन मोनो ऑक्साइड निर्मित हुई हैं। दूसरें शब्दों में कार्बन अपने 4/3 गुना अधिक द्रव्यमान वाले ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होती हैं।

माना कि, हम परमाणु द्रव्यमान की इकाई को एक कॉर्बन परमाणु के द्रव्यमान के बराबर मानते है तो कॉर्बन परमाणु को 1.0 g तथा ऑक्सीजन परमाणु को 1.33 g निर्दिष्ट करेंगे। प्रारम्भ में परमाणु द्रव्यमान को amμ द्वारा संक्षेप में लिखते थे। आजकल द्रव्यमान को ‘μ’(न्यूरोफाइन) द्वारा प्रदर्शित करते हैं।


सन् 1961 में परमाणु द्रव्यमानों को ज्ञात करने के लिए परमाणु द्रव्यमान इकाई C-12 समस्थानिक को मानक सन्दर्भ के रूप में सार्वभौमिक के रूप से स्वीकार किया था। C-12 समस्थानिक के एक परमाणु द्रव्यमान के ½ वें भाग को मानक परमाणु द्रव्यमान इकाई के रूप में लेते हैं।

सारणी: कुछ तत्वों के परमाणु द्रव्यमान

Notes of Class 9th: Ch 3 परमाणु एवं अणु विज्ञान

तत्व

परमाणु द्रव्यमान (u)

हाइड्रोजन

1

कार्बन

12

नाइट्रोजन

14

ऑक्सीजन

16

सोडियम

23

मैग्नीशियम

24

सल्फर

32

क्लोरीन

35.5

कैल्सियम

40

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परमाणु किस प्रकार अस्तित्व में रहते हैं?
अधिकांश तत्वों के परमाणु स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में नहीं रह पाते। परमाणु अणु एवं आयन बनाते हैं। ये अणु अथवा आयन अत्यधिक संख्या में पुंजित होकर वह द्रव्य बनाते हैं, जिसे हम देख सकते हैं, अनुभव कर सकते हैं अथवा छू सकते हैं।

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अणु

साधारणतया अणु ऐसे दो या दो से अधिक परमाणुओं का समूह होता है जो आपस में रासायनिक बंध द्वारा जुड़े होते हैं अथवा वे परस्पर आकर्षण बल के द्वारा कसकर जुड़े होते हैं।

अणु को किसी तत्व अथवा यौगिक के उस सूक्ष्मतम कण के रूप में परिभाषित कर सकते हैं जो स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में रह सकता है तथा जो उस यौगिक के सभी गुणधर्म को प्रदर्शित करता है। एक ही तत्व के परमाणु अथवा भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर संयोग करके अणु निर्मित करते हैं।

तत्वों के अणु

किसी तत्व के अणु एक ही प्रकार के परमाणुओं द्वारा संरचित होते हैं। आर्गन (Ar), हीलियम (He) इत्यादि जैसे अनेक तत्वों के अणु उसी तत्व के केवल एक परमाणु द्वारा निर्मित होते हैं। लेकिन अधिकांश अधातुओं में ऐसा नहीं होता है।

उदाहरणार्थ, ऑक्सीजन अणु दो ऑक्सीजन परमाणुओं से बनता है, इसलिए इसे द्वि-परमाणुक अणु, O2 कहते हैं। यदि सामान्यत: 2 के स्थान पर 3 ऑक्सीजन परमाणु परस्पर संयोग करते हैं तो हमें ओजोन, O3 प्राप्त होता है। किसी अणु की संरचना में प्रयुक्त होने वाले परमाणुओं की संख्या को उस अणु की परमाणुकता कहते हैं।
सारणी: कुछ तत्वों की परमाणुकता

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तत्वों के प्रकार

नाम

परमाणुकता

अधातु

आर्गन

एक परमाणुक

 

हीलियम

एक परमाणुक

 

ऑक्सीजन

द्विपरमाणुक

 

हाइड्रोजन

द्विपरमाणुक

 

नाइट्रोजन

द्विपरमाणुक

 

क्लोरीन

द्विपरमाणुक

 

फॉस्फोरस

चतुर्परमाणुक

 

सल्फर

बहुपरमाणुक

धातु

सोडियम

एकपरमाणुक

 

आयरन

एकपरमाणुक

 

ऐलुमिनियम

एकपरमाणुक

 

कॉपर

एकपरमाणुक

यौगिकों के अणु


भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु एक निश्चित अनुपात में परस्पर जुड़कर यौगिकों के अणु निर्मित करते हैं। सारणी में कुछ उदाहरण दिए गए हैं।
सारणी: कुछ यौगिकों के अणु

यौगिक

संयुक्ता तत्व

द्रव्यमान अनुपात

जल

हाइड्रोजन, ऑक्सीजन

1 : 8

अमोनिया

नाइट्रोजन, हाइड्रोजन

14 : 3

कार्बन डाइऑक्साइड

कार्बन, ऑक्सीजन

3 : 8

आयन क्या होता है?


धातु एवं अधातु युक्त यौगिक आवेशित कणों से बने होते हैं। इन आवेशित कणों को आयन कहते हैं। आयन एक आवेशित परमाणु अथवा परमाणुओं का एक ऐसा समूह होता है जिस पर नेट आवेश विद्यमान होता है। यह ऋण आवेश अथवा धन आवेश होता है। ऋण आवेशित आयन को ऋणायन (anion) तथा धन आवेशित आयन को धनायन (cation) कहते हैं।

उदाहरण के लिए सोडियम क्लोराइड (NaCl) को लीजिए। इसमें धनात्मक सोडियम आयन (Na*) तथा ऋणात्मक क्लोराइड आयन (Cl) संघटक कण के रूप में विद्यमान होते हैं। परमाणुओं के समूह जिन पर नेट आवेश विद्यमान हो उसे बहुपरमाणुक आयन कहते हैं। 

रासायनिक सूत्र लिखना

किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र उसके संघटक का प्रतीकात्मक निरूपण होता है। भिन्न-भिन्न यौगिकों के रासायनिक सूत्र सरलतापूर्वक लिखे जा सकते हैं। इस अभ्यास के लिए हमें तत्वों के प्रतीकों एवं उनकी संयोजन क्षमताएँ ज्ञात होनी चाहिए।
किसी तत्व की संयोजन शक्ति (अथवा क्षमता) उस तत्व की संयोजकता कहलाती है। 


सारणी में कुछ सरल एवं बहुपरमाणुक आयनों की संयोजकताएँ दी गई हैं। संयोजकता के बारे में हम और अधिक जानकारी अगले अध्याय में प्राप्त करेंगे। रासायनिक सूत्र लिखते समय हमे निम्न नियमों का पालन करना चाहिए:

आप पढ़ रहे है -Class 9 science chapter 3 in hindi || परमाणु एवं अणु
  1. आयन की संयोजकता अथवा आवेश संतुलित होना चाहिए।
  2. जब एक यौगिक किसी धातु एवं अधातु के संयोग से निर्मित होता है तो धातु के नाम अथवा उसके प्रतीक को रासायनिक सूत्र में पहले लिखते हैं। उदाहरणार्थ: कैल्सियम ऑक्साइड (CaO), सोडियम क्लोराइड (NaCl), आयरन सल्फाइड (FeS), कॉपर ऑक्साइड (CuO)… इत्यादि, जहाँ पर ऑक्सीजन, क्लोरीन, सल्फर अधातुएँ हैं तथा उन्हें दायीं तरफ लिखते हैं, जबकि कैल्सियम, सोडियम, आयरन एवं कॉपर धातुएँ हैं तथा उन्हें बायीं तरफ लिखते हैं।
  3. बहुपरमाणुक आयनों द्वारा निर्मित यौगिकों में आयनों की संख्या दर्शाने के लिए आयन को कोष्ठक में लिखकर आयनों की संख्या कोष्ठक के बाहर लिखते हैं उदाहरण Mg(OH)2 है। यदि बहुपरमाणुक आयन की संख्या 1 हो तो कोष्ठक की आवश्यकता नहीं होती। उदाहरण के लिए NaOH।

सरल यौगिकों के सूत्र


दो भिन्न-भिन्न तत्वों से निर्मित सरलतम यौगिकों को द्विअंगी यौगिक कहते हैं। सारणी में कुछ आयनों की संयोजकताएँ दी गई हैं। हम इनका उपयोग यौगिकों के सूत्रों को लिखने के लिए कर सकते हैं। आण्विक यौगिकों के रासायनिक सूत्र लिखते समय हम पहले संघटक तत्वों के प्रतीक लिखकर उनकी संयोजकताएँ लिखते हैं जैसा कि निम्न उदाहरणों में दर्शाया गया है। तत्पश्चात् संयोजित परमाणुओं की संयोजकताओं को क्रॉस करके (cross over) अणु सूत्र लिखते हैं।
उदाहरण

हाइड्रोजन क्लोराइड का सूत्र

formula of hydrogen chloride हाइड्रोजन क्लोराइड का सूत्र


अतः हाइड्रोजन क्लोराइड का रासायनिक सूत्र HCl है।

मैग्नीशियम क्लोराइड का सूत्र

Formula of Magnesium Chloride मैग्नीशियम क्लोराइड का सूत्र


अतः सूत्र: MgCl2
इस प्रकार हम देखते हैं कि मैग्नीशियम क्लोराइड के अणु में दो क्लोराइड आयन (Cl) प्रत्येक मैग्नीशियम आयन (Mg2+) के लिए होता है। इस प्रकार के आयनिक यौगिकों में धनात्मक तथा ऋणात्मक आवेशों का संतुलन होना चाहिए तथा संपूर्ण संरचना उदासीन होनी चाहिए। ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस प्रकार के सूत्रों में आयनों के आवेशों को नहीं दर्शाया जाता है।

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बहुपरमाणुक आयनों वाले यौगिक


सोडियम नाइट्रेट का सूत्र:

Formula of sodium nitrate: सोडियम नाइट्रेट का सूत्र:


अतः सूत्र: NaNO3 
ध्यान देने योग्य बात यह है कि कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड का सूत्र Ca(OH)2 है न कि CaOH2। जब सूत्र में एक ही आयन के दो या दो से अधिक आयन होते हैं तो हम उनके लिए कोष्ठक का उपयोग करते हैं। यहाँ पर OH को कोष्ठक में रखकर पादांक 2 लगाते हैं जो यह निर्दिष्ट करता है कि एक कैल्सियम परमाणु के साथ दो हाइड्रोक्सील समूह जुड़े हैं। दूसरे शब्दों में, कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड में ऑक्सीजन एवं हाइड्रोजन प्रत्येक के दो-दो परमाणु हैं।

NCERT Class 9 Science Notes in Hindi

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