CUET Visheshan| विशेषण- परिभाषा, भेद और उदहारण: Notes PDF in Hindi

CUET Visheshan विशेषण Notes PDF in Hindi

यदि आप CUET की तैयारी कर रहे हैं तो यह CUET Visheshan| विशेषण नोट्स आपके लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होंगे| CUET सर्वनाम PDF Notes

CUET 2023 Hindi Language विशेषण | Visheshn

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विशेषण-

  • विशेषण एक विकारी शब्द है।
  • विशेषण का शाब्दिक अर्थ- विशेषता
  • वे विकारी शब्द जो संज्ञा तथा सर्वनाम की विशेषता बताते हो, उसे विशेषण कहते है।

जैसे-
काली गाय, चार लोग
सुंदर लड़का, भारतीय लोग, ईमानदार आदमी


विशेषण- जो विशेषता बताता है।
विशेषय- जिसकी विशेषता बतायी जाती हो।
प्रविशेषण- जो विशेषण की विशेषता बताते हो।
विशेषक- जो विशेषता उत्पन्न करते हो।

अनिता    बहुत    सुंदर है।
विशेष्य   प्रविशेषण   विशेषण
अनिता लाल साड़ी में बहुत सुंदर लगती है।
            विशेषक

विशेषण के प्रकार-Visheshan ke parkar

  • (1) विशेषता के आधार पर
  • (2) स्थान के आधार पर
  • (3) रचना के आधार पर

(1) विशेषता के आधार पर

गुणवाचक विशेषण
संख्यावाचक विशेषण
परिमाणवाचक विशेषण
सार्वनामिक विशेषण
व्यक्तिवाचक विशेषण

(2) स्थान के आधार पर

उद्देश्य विशेषण
विधेय विशेषण

(3) रचना के आधार पर

मूल विशेषण
यौगिक विशेषण

(i) गुणवाचक विशेषण-

वे विकारी शब्द जो किसी संज्ञा/सर्वनाम की रंग, रूप, दशा, अवस्था, स्थिति, आकार, स्वभाव, तापमान, स्पर्श, गंध, स्वाद आदि से संबंधित विशेषता बताते हो, उसे गुणवाचक विशेषण कहते है।
जैसे-
काला लड़का, सुंदर लड़की, अमीर लड़का, हरी चूड़ियाँ
जवान लड़का, सूखा कपड़ा, मोटा आदमी, गरीब आदमी
पतला रस्सा, झगड़ालु औरत, शुष्क स्थान, ठण्डा पानी
कोमल तकिया, चिकना घड़ा, सुगंधित पुष्प, मीठा पानी आदि।

विशेषण की अवस्थाएँ-

विशेषण की तुलनात्मक स्थिति को अवस्था कहते है।
(i) मूलावस्था- जब किसी एक ही व्यक्ति, वस्तु या स्थान की विशेषता बताते हो। – (कैटरीना सुंदर है।)
(ii) मध्यमावस्था/उत्तरावस्था- जब दो व्यक्तियों, वस्तुओं या स्थानों के मध्य तुलना की जाती हो। – (कैटरीना, सोनाक्षी से सुंदर है।)
(iii) उत्तमावस्था- जब दो से अधिक व्यक्तियों, वस्तुओं या स्थानों के बीच तुलना की जाती हो और किसी को विशेषण के माध्यम श्रेष्ठ/निम्नतम बताते हो। – (कैटरीना सबसे सुंदर है।)

(ii) संख्याबोधक विशेषण-

वे विशेषण जो संज्ञा तथा सर्वनाम की संख्या संबंधी विशेषता बताते हो, संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे-
चार आदमी, दस भैंस, कुछ लोग, थोड़े रुपए

संख्याबोधक विशेषण के दो भेद होते है-

(1) निश्चित संख्याबोधक
(2) अनिश्चित संख्याबोधक

(1) निश्चित संख्याबोधक-

वे विशेषण शब्द जो किसी निश्चित संख्या का बोध कराते है, निश्चित संख्याबोधक विशेषण कहलाते है।
निश्चित संख्याबोधक विशेषण के उपभेद-
(i) गणना वाचक- एक दो तीन…………..
(ii) क्रमवाचक- पहला, दूसरा, तीसरा
(iii) आवृतिवाचक- दुगुना, तिगुना, चौगुना
(iv) समुदाय/प्रत्येक वाचक- दोनों, तीनों, हर एक, हर कोई
पूर्णांक – एक, दो, तीन …………….
अपूर्णांक – अठन्नी, डेढ़, सवा, पौना, ढाई
दो लड़के
पहला लड़का
दुगुने लड़के
दोनों लड़के
सवा रुपया

(2) अनिश्चित संख्याबोधक-

वे विशेषण शब्द जो किसी अनिश्चित संख्या के लिए प्रयुक्त किए जाते है, अनिश्चित संख्याबोधक विशेषण कहलाते है।
जैसे- कुछ लड़के, थोड़े-से लोग
यदि निश्चित संख्यावाची शब्द के साथ लगभग, सम्भवत:, शायद, अनुमान जैसे शब्दों का प्रयोग हो तो निश्चित संख्या विशेषण होगा।
जैसे-
सुरेश के खेत में लगभग बीस साँड घुस गए।
शायद दो-चार लोग थे।
निश्चित संख्या के अंत में एक लगा देना वह अनिश्चित संख्या होगी।
इक्यावन एक, बीस एक

(iii) परिणामबोधक विशेषण-

वे विकारी शब्द जो संज्ञा तथा सर्वनाम की मात्रा संबंधी विशेषता बताते हो, परिमाणबोधक विशेषण कहलाते हैं।
(1) निश्चित परिमाण- दो लीटर पानी, दो मीटर कपड़ा, एक किग्रा शक्कर, पाँच सेमी लकड़ी
(2) अनिश्चित परिमाण- कुछ किलो फल, मुट्ठी भर बाजार, थोड़ा-सा अनाज, थोड़े-से गेहूँ, बहुत अधिक पानी, लगभग दो लीटर तेल

(iv) सार्वनामिक विशेषण- (संकेतवाचक विशेषण)

वे सर्वनाम शब्द जो संज्ञा के साथ प्रयुक्त होकर विशेषण का अर्थ देते हैं, अर्थात् संज्ञा की विशेषता बताते हैं।

जैसे-
वह घर मेरा है।
यह लड़का आपका है।
कुछ लोग आ रहे हैं।
जो लड़का कल आया था।
वह मेरा भाई है।
वह पेड़ पर बैठा है। (अन्य पुरुष)
यह मेरा घर है। (निश्चय)
वह कुत्ता वफादार है।

(v) व्यक्तिवाचक विशेषण-

वे विशेषण शब्द जो व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्दों से बने हो, व्यक्तिवाचक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे-
जोधपुरी कोट, बनारसी साड़ी, भारतीय लोग, जापानी जूता, हिमालयी पौधा, उत्तरी भारत, बिकानेरी भुजिया

स्थान के आधार पर विशेषण-

(i) उद्देश्य विशेषण-

जब विशेषण शब्द का प्रयोग विशेष्य से पूर्व/पहले किया जाता हो, उद्देश्य विशेषण कहते है।

जैसे-
जोधपुरी कोट लाना।
उसे बनारसी साड़ी पसंद है।
मुझे हरी मिर्च अच्छी लगती है।
चतुर बालक अपना काम कर लेते है।

(ii) विधेय विशेषण-

जब एक विशेषण शब्द का प्रयोग विशेष्य के बाद में अर्थात् विधेय के रूप होता हो तो विधेय विशेषण कहलाता है।
जैसे-
राम सुंदर है।
मौसम सुहावना है।
चाय मीठी है।
फल मीठा

रचना के आधार पर विशेषण-

(i) मूल विशेषण- वे विशेषण शब्द जो अपने आप में स्वतंत्र होते हैं, अर्थात् रूढ शब्द
जैसे-
काला, मीठा, सूख, पहला, कोमल, गर्म, बूढ़ा, जवान, अमीर, शुष्क।

(ii) यौगिक विशेषण- वे विशेषण शब्द जो किसी के योग से बने हो।
जैसे-
सामाजिक, सुखी, प्यारा, प्रेमी, शर्मीला, मानवीय, धार्मिक, हँसोड़।

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