#NCERT Class 10 Geography:  राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ Notes In Hindi PDF

इन विस्तृत हिंदी नोट्स में परिवहन, संचार, व्यापार और बैंकिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी शामिल है। भारत की अर्थव्यवस्था में इनकी भूमिका को गहराई से समझें। बेहतर परीक्षा परिणामों के लिए अभी मुफ्त में डाउनलोड करें!

10 Class भूगोल Chapter 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ Notes in hindi

TextbookNCERT
ClassClass 10
SubjectGeography
ChapterChapter 7
Chapter Nameराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ
CategoryClass 10 Geography Notes in Hindi
MediumHindi

सामाजिक विज्ञान (भूगोल) अध्याय-7: राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

देश की जीवन रेखाएँ / Lifelines of the country

परिवहन और संचार दो ऐसे क्षेत्र हैं जो एक देश की जीवन रेखाओं को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये साधन लोगों को एक दूसरे के साथ संवाद करने, साथ में रहने, और व्यापारिक गतिविधियों में भाग लेने की सुविधा प्रदान करते हैं।

परिवहन के साधन / Means of transport

परिवहन के साधन मनुष्य और सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार के परिवहन साधन शामिल होते हैं:

रेल परिवहन:

  • रेल परिवहन एक अत्यंत महत्वपूर्ण और लोकप्रिय परिवहन साधन है। यह लोगों को बड़ी दूरी तक यात्रा करने की सुविधा प्रदान करता है और व्यापारिक सामग्री को भी अद्यतन तरीके से पहुंचाता है।

वायु परिवहन:

  • वायु परिवहन अधिकांशत: तेज और द्रुत तरीके से लोगों को दूरस्थ स्थलों तक पहुंचाने में सहायक होता है। यह अंतरराष्ट्रीय यात्रा को भी सुगम और तेज बनाता है।

जल परिवहन:

  • जल परिवहन नदियों, समुद्रों, और ओकेनों के माध्यम से सामान्य रूप से बड़ी खास यात्रा और व्यापार की सुविधा प्रदान करता है। यह विभिन्न देशों के बीच व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

संचार के साधन / Means of communication

संचार साधन उन उपकरणों को संदर्भित करता है जो सूचना, समाचार, और संवाद को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाते हैं। ये साधन लोगों को दूरस्थ स्थानों में संवाद करने, जानकारी साझा करने, और विभिन्न माध्यमों के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने में मदद करते हैं।

समाचार पत्र (Newspapers):

  • समाचार पत्र लोगों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचार, विशेष खबरें, और विभिन्न विषयों पर लेखों के माध्यम से जानकारी प्रदान करते हैं।

रेडियो (Radio):

  • रेडियो वाणी के माध्यम से लोगों को संगीत, समाचार, कविताएँ, किस्से, और अन्य विषयों पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं।

टीवी (Television):

  • टीवी दर्शकों को वीडियो के माध्यम से समाचार, मनोरंजन, शिक्षा, और अन्य कार्यक्रमों की श्रृंखला प्रस्तुत करता है।

टेलीफोन (Telephone):

  • टेलीफोन लोगों को दूरस्थ स्थानों में संवाद करने की सुविधा प्रदान करता है।

मोबाइल फोन (Mobile Phones):

  • मोबाइल फोन व्यक्तियों को हर जगह संचार करने की सुविधा प्रदान करता है। ये शीर्ष गति से बात करने, संदेश भेजने, और इंटरनेट उपयोग करने की सुविधा देते हैं।

ई-मेल (Email):

  • ई-मेल लोगों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के माध्यम से संदेश भेजने की सुविधा प्रदान करता है। ये तेजी से, सुरक्षित और अर्थव्यवस्थित तरीके से संदेश भेजने की सुविधा देता है।

परिवहन के साधन / Means of transport

  1. स्थल:
  • सड़क परिवहन
  • रेल परिवहन
  • पाइप लाइन
  1. जल:
  • आंतरिक जल परिवहन
  • समुद्री परिवहन
  1. वायु:
  • घरेलू विमान सेवा
    • सार्वजनिक प्राधिकरण
    • निजी विमान सेवा
  • अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवा

सड़क परिवहन / Road Transport

सड़क परिवहन एक महत्वपूर्ण परिवहन साधन है जो लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करने की सुविधा प्रदान करता है। भारत में सड़क परिवहन का महत्व उन्नति के साथ बढ़ रहा है।

भारतीय सड़क नेटवर्क:

  • भारत विश्व के सर्वाधिक सड़क नेटवर्क वाले देशों में से एक है। यहां के सड़क नेटवर्क की लंबाई लगभग 56 लाख किलोमीटर है।

आरंभिक प्रारंभ:

  • सड़क परिवहन भारत में रेल परिवहन से पहले प्रारंभ हुआ था। इसका प्रारंभिक विकास यातायात की सुविधा को मजबूत करने के लिए किया गया था।

सुविधाजनकता:

  • सड़क परिवहन की अपेक्षा रेल परिवहन के मुकाबले अधिक सुविधाजनक है। इसके माध्यम से छोटी दूरी के लिए यात्रा करना और सामान लाने-जाने में आसानी होती है।

भारत मे सड़को के प्रकार / Types of roads in India

भारत में सड़कों की सक्षमता के आधार पर इन्हें निम्न छः वर्गों में वर्गीकृत किया गया है।

  1. स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग:

ये सड़कें चार महानगरों को जोड़ती हैं और देश की मुख्य यातायात धारा होती हैं।

  1. राष्ट्रीय राजमार्ग:

ये सड़कें देश के दूरस्थ भागों को जोड़ती हैं और राष्ट्रीय स्तर पर यातायात को सुविधाजनक बनाती हैं।

  1. राज्य राजमार्ग:

राज्य राजमार्ग राज्य की राजधानी को जिला मुख्यालय और अन्य महत्वपूर्ण शहरों से जोड़ती हैं।

  1. जिला मार्ग:

ये सड़कें जिले के प्रशासनिक केंद्र को जिला मुख्यालय और अन्य क्षेत्रों से जोड़ती हैं।

  1. ग्रामीण सड़कें:

ग्रामीण सड़कें गाँवों को शहरों से जोड़ती हैं और गाँवी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

  1. सीमांत सड़कें:

ये सड़कें उत्तर और उत्तर पूर्वी सीमावर्ती क्षेत्रों को अन्य भागों से जोड़ती हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।

स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग / Golden Quadrilateral Highway

दिल्ली – कोलकाता, चेन्नई- मुंबई महाराजमार्ग:

  • यह 6 लेन वाला महाराजमार्ग दिल्ली को कोलकाता, चेन्नई को मुंबई से जोड़ता है।

उत्तर – दक्षिण गलियारा:

  • यह गलियारा श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ता है।

पूर्व – पश्चिम गलियारा:

  • इस गलियारा सिलचर और पोरबंदर को जोड़ता है।

महाराजमार्ग का उद्देश्य:

  • इस महाराजमार्ग का प्रमुख उद्देश्य भारत के महानगरों को आपस में जोड़ना है।

परियोजना प्राधिकरण:

  • यह राजमार्ग परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकार क्षेत्र में है।

राष्ट्रीय राजमार्ग / National Highway

परिभाषा: राष्ट्रीय राजमार्ग वह सड़कें हैं जो देश के दूरस्थ भागों को जोड़ती हैं।

महत्त्व: ये सड़कें देश के यातायात के प्रमुख तंत्र होती हैं और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ती हैं।

प्रबंधन: इनका प्रबंधन केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के अधिकार क्षेत्र में होता है।

प्राथमिकता: ये सड़कें अन्य सड़कों की तुलना में प्राथमिक होती हैं और देश के लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

विकास: राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास सड़क परिवहन के क्षेत्र में और अधिक सुगमता और व्यापारिक सक्षमता को बढ़ावा देता है।

राज्य राजमार्ग / State Highway

परिभाषा: राष्ट्रीय राजमार्ग वह सड़कें हैं जो देश के दूरस्थ भागों को जोड़ती हैं।

महत्त्व: ये सड़कें देश के यातायात के प्रमुख तंत्र होती हैं और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ती हैं।

प्रबंधन: इनका प्रबंधन केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के अधिकार क्षेत्र में होता है।

प्राथमिकता: ये सड़कें अन्य सड़कों की तुलना में प्राथमिक होती हैं और देश के लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

विकास: राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास सड़क परिवहन के क्षेत्र में और अधिक सुगमता और व्यापारिक सक्षमता को बढ़ावा देता है।

जिला मार्ग / District Road

परिभाषा: जिला मार्ग सड़कें हैं जो जिले के विभिन्न प्रशासनिक केंद्रों को जिला मुख्यालय से जोड़ती हैं।

उत्तरदायित्व: इन सड़कों का प्रबंधन जिला परिषद् का होता है। ये सड़कें जिले में स्थानीय यातायात को सुनिश्चित करती हैं और प्रशासनिक केंद्रों को जोड़ती हैं।

महत्त्व: जिला मार्ग स्थानीय स्तर पर यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये जिले के लोगों के लिए संचार की सुविधा को बढ़ाते हैं।

प्रबंधन: जिला मार्गों का प्रबंधन स्थानीय प्रशासनिक अधिकारों के अधीन होता है और इनका विकास स्थानीय नीतियों और आवश्यकताओं के अनुसार होता है।

अन्य सड़के / Other roads

परिभाषा: ये सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों को शहरों और प्रमुख सड़क नेटवर्क से जोड़ती हैं। इन सड़कों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में संचार को सुगम बनाना होता है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना: भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सुविधा को सुधारना और ग्रामीण इलाकों को शहरी क्षेत्रों से जोड़ना है। इसके तहत अन्य सड़कों का विकास और मरम्मत कार्य किया जा रहा है।

उपायुक्तता: ग्रामीण सड़कों का विकास स्थानीय लोगों के जीवन को सुगम और आरामदायक बनाता है। इन सड़कों के माध्यम से कृषि उत्पादों का अधिक बाजार तक पहुंचना संभव होता है और इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिलती है।

प्रगति की दिशा: अन्य सड़कों का विकास ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन सड़कों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और अन्य सुविधाएं पहुंच सकती हैं।

सीमांत सड़क / Border Road

भारत सरकार प्राधिकरण: यह संगठन 1960 में स्थापित किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में सीमांत सड़कों का निर्माण और विकास करना है।

सड़कों की देख-रेख: इस संगठन की जिम्मेदारी है सीमांत क्षेत्रों में सड़कों की देख-रेख करना। इसका मकसद दुर्गम क्षेत्रों में सुरक्षित और अच्छी सड़क संचार सुनिश्चित करना है।

उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में सामरिक महत्त्व की सड़कें: सीमांत सड़क कार्यक्रम के माध्यम से उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में सामरिक महत्त्व की सड़कों का निर्माण और विकास किया जाता है। इससे सीमा क्षेत्रों में सुरक्षित सड़क परिवहन की सुविधा उपलब्ध होती है।

अन्य जिम्मेदारियाँ: इसके अलावा, यह संगठन गतिशीलता और सुगमता के साथ यातायात को सुनिश्चित करने के लिए सीमा क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्य करता है।

सड़क परिवहन, रेल परिवहन से अधिक महत्वपूर्ण होने के कारण / Reasons why road transport is more important than rail transport

प्रारंभ से ही मौजूदगी: सड़क परिवहन रेल परिवहन से पहले उपलब्ध था और यह एक प्राचीन और प्रमुख परिवहन साधन है।

सुविधाजनक निर्माण और व्यवस्था: सड़क परिवहन की व्यवस्था और निर्माण सुविधाजनक होती है, जो इसे एक प्रमुख परिवहन साधन बनाता है।

घरों तक पहुँच: सड़क परिवहन हमें घरों तक पहुँचाता है और यातायात की सुविधा प्रदान करता है।

दुर्गम क्षेत्रों में उपयोगी: सड़क परिवहन पहाड़ी क्षेत्रों, दुर्गम क्षेत्रों और उबड़-खाबड़ स्थानों में भी आसानी से बनाई जा सकती है और लोगों को सुरक्षित यात्रा की सुविधा प्रदान करती है।

अन्य परिवहन साधनों की कड़ी: सड़क परिवहन अन्य परिवहन साधनों के साथ मिलकर यातायात के लिए एक पूरक की भूमिका निभाता है और विभिन्न स्थानों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करता है।

सड़क परिवहन किन – किन समस्याओं से जूझ रहा है? / What problems is road transport facing?

कच्ची सड़कें: लगभग आधी सड़कें कच्ची होती हैं जो वर्षा ऋतु में अधिक प्रभावित होती हैं और यात्रा को कठिन बना देती हैं।

अपर्याप्त सड़कें: यातायात और यात्रियों की बढ़ती संख्या के अनुपात में सड़कों की अपर्याप्तता है, जिससे यात्रा करने में लोगों को कई समस्याएं होती हैं।

तंग और भीड़ भरी सड़कें: बढ़ते हुए वाहनों के कारण सड़कें तंग और भीड़ भरी हो जाती हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न होती है।

अपर्याप्त राष्ट्रीय राजमार्ग: राष्ट्रीय राजमार्ग भी पर्याप्त नहीं हैं, जिससे देश के दूरस्थ भागों का सही संचार सुनिश्चित नहीं हो पाता है।

रेल परिवहन / Rail transport

लाभ:

  • प्रमुख साधन: रेल परिवहन वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन का प्रमुख साधन है।
  • विभिन्न कार्यों में सहायक: रेल परिवहन व्यापार, भ्रमण, तीर्थ यात्राएँ और लम्बी दूरी तक सामान का परिवहन में मदद करता है।
  • राष्ट्रीय एकीकरण: रेल परिवहन देश के विभिन्न हिस्सों को आपस में जोड़कर राष्ट्रीय एकीकरण में मदद करता है और उद्योग और कृषि के विकास को गति प्रदान करता है।
  • पुनः संकलन: भारतीय रेल परिवहन को 16 रेल प्रखंडों में पुनः संकलित किया गया है।

समस्याएँ:

  • बिना टिकट यात्रा करना: लोग बिना टिकट के यात्रा करते हैं, जिससे रेलवे को नुकसान होता है।
  • चोरी और नुकसान: रेल संपत्ति की चोरी और नुकसान होते हैं, जो सुरक्षा की समस्याओं को उत्पन्न करता है।
  • चेन खींचना: बिना वजह चेन खींचकर रेलों को रोकना यात्रियों को परेशानी पहुंचाता है।
  • असमयित रेल सेवाएँ: कई बार रेल सेवाएँ समय पर नहीं चलती हैं, जिससे यात्रियों को असुविधा होती है।

रेलों के जाल के असमान वितरण के कारण / Reasons for uneven distribution of railway network

मैदानी और पर्वतीय भागों में निर्माण और लागत: मैदानी भागों में रेलों के निर्माण और लागत कम और आसान होती है, जबकि पर्वतीय भागों में यह कठिन और लागत अधिक होती है।

जनसंख्या घनत्व: मैदानी भागों में जनसंख्या घनत्व अधिक होता है, जिससे रेलों के जाल का वितरण अधिक होता है।

मरुस्थलीय और पठारी भागों में विकास की कमी: मरुस्थलीय और पठारी भागों में औद्योगिक और कृषि विकास की कमी होने के कारण रेलों का जाल कम होता है।

प्रशासकीय कारण और सरकारी नीतियाँ: प्रशासकीय कारणों और सरकारी नीतियों के कारण भी रेलवे के विकास पर प्रभाव पड़ता है।

पाइपलाइन / Pipelines

प्रारंभिक उपयोग: पहले, शहरों में उद्योगों और घरों में पानी पहुंचाने के लिए पाइपलाइन का उपयोग किया जाता था।

विस्तारित उपयोग: अब, कच्चा तेल, पेट्रोल, और प्राकृतिक गैस को शोधनशालाओं, उर्वरक कारखानों, और ताप विद्युत गृहों तक पहुंचाने के लिए पाइपलाइन का उपयोग किया जाता है।

महत्वपूर्ण पाइपलाइन के जाल:-

  • असम से कानपुर तक का पाइपलाइन जाल।
  • गुजरात (सलाया) से जालंधर तक का पाइपलाइन जाल।
  • गुजरात के हजीरा से विजयपुर के होते हुए जगदीशपुर तक का पाइपलाइन जाल।

पाइपलाइन परिवहन के लाभ / Advantages of pipeline transport

विभिन्न उपयोग: पाइपलाइन द्वारा शहरों और उद्योगों में पानी, गैस, खनिज तेल आदि को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाता है।

समय की बचत: पाइपलाइन परिवहन से समय की बचत होती है क्योंकि यह स्वचालित रूप से सामग्री को पहुंचाता है।

सुरक्षा: इससे बीच में चोरी और बर्बादी को रोका जा सकता है, क्योंकि यह अपराधिक हस्तियों के लिए पहुंच नहीं पाता है।

लागत की बचत: पाइपलाइन बिछाने की लागत अधिक होती है, परन्तु इसको चलाने की लागत कम होती है।

शीघ्र, सुरक्षित और आसान: पाइपलाइन द्वारा परिवहन शीघ्र, सुरक्षित, और आसान होता है, जिससे उपयोगकर्ता को अधिक सुविधा मिलती है।

दबाव की कमी: इससे रेलों पर बढ़ते दबाव को कम किया जा सकता है, जो उत्पादन के लिए अधिक सुरक्षित होता है।

जल परिवहन / water transport

सस्ता परिवहन: जल परिवहन सबसे सस्ता परिवहन का साधन है क्योंकि इसमें ईंधन की लागत कम होती है और यह एक स्थिर माध्यम है।

भारी सामान के ले जाने में सहायक: जल परिवहन स्थूल व भारी सामान के ले जाने में सहायक होता है, जैसे कि भारी मशीनरी, खनिज उत्पाद, और अन्य सामग्री।

ऊर्जा सक्षम और पर्यावरण अनुकूल: जल परिवहन ऊर्जा सक्षम और पर्यावरण अनुकूल होता है क्योंकि इसमें ईंधन की कम खपत होती है और यह प्रदूषण कम करता है।

विदेशी व्यापार: भारत में जल परिवहन द्वारा विदेशी व्यापार भारतीय तटों पर स्थित पत्तनों के द्वारा किया जाता है, जो अर्थव्यवस्था को सहायक बनाता है।

अंतः स्थलीय नौसंचालन: भारत में अंतः स्थलीय नौसंचालन जलमार्ग 14,500 किमी लंबा है, जिसमें केवल 5,685 किमी मार्ग ही मशीनीकृत नौकाओं द्वारा किया जाता है।

भारत के राष्ट्रीय जलमार्ग / National Waterways of India

निम्न जलमार्गों को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है:-

  • हल्दिया तथा इलाहाबाद के मध्य गंगा जलमार्ग:

लंबाई: 1620 किमी

  • सदिया और धुबरी के मध्य ब्रह्मपुत्र नदी जलमार्ग:

लंबाई: 891 किमी

  • केरल में पश्चिम-तटीय नहर कोट्टापुरम से कोल्लम तक:

लंबाई: 205 किमी

  • काकीनाडा और पुदुच्चेरी नहर स्ट्रेच, गोदावरी और कृष्णा नदी:

लंबाई: 1078 किमी

  • मातई नदी, महानदी के डेल्टा चैनल, ब्राह्मणी नदी और पूर्वी तटीय नहर:

लंबाई: 588 किमी

प्रमुख समुद्री पत्तन / Major sea ports

मुंबई (महाराष्ट्र):

  • मुंबई भारत का व्यापारिक और वित्तीय केंद्र है।
  • यह भारत की सबसे बड़ी और सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक है।

चेन्नई (तमिलनाडु):

  • चेन्नई दक्षिण भारत का प्रमुख समुद्री बंदरगाह है।
  • यह दक्षिण भारतीय राज्यों के लिए महत्वपूर्ण व्यापारिक और व्यवसायिक केंद्र है।

कोलकाता (पश्चिम बंगाल):

  • कोलकाता भारत का प्रमुख पूर्वी तटीय शहर है।
  • यह भारत का एक प्रमुख व्यापारिक और औद्योगिक केंद्र है।

कोचीन (केरल):

  • कोचीन एक महत्वपूर्ण उद्योग और व्यापार केंद्र है, विशेष रूप से प्राकृतिक तेल और उपयोगिता के उत्पादों के लिए।

विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश):

  • विशाखापट्टनम एक महत्वपूर्ण समुद्री बंदरगाह है, जो दक्षिणी भारत के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

पिपावाव (गुजरात):

  • पिपावाव गुजरात का सबसे व्यस्त समुद्री बंदरगाह है, जो भारत के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

हाल्दिया (पश्चिम बंगाल):

  • हाल्दिया भारत का एक प्रमुख समुद्री बंदरगाह है, जो पूर्वी भारत के व्यापार के लिए महत्वपूर्ण है।

अतिरिक्त 200 मध्यम और छोटे पत्तन:

  • इन 12 प्रमुख समुद्री पत्तनों के अलावा, भारत में 200 से अधिक मध्यम और छोटे समुद्री पत्तन हैं, जो विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के व्यापार और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

भारत के प्रमुख पत्तन / Major ports of India

भारत के पश्चिमी घाट के प्रमुख पत्तन:

  1. कांडला (दीनदयाल पत्तन):
  • स्वतंत्रता के बाद विकसित पहला पत्तन।
  • गुजरात में स्थित है।
  • एक ज्वारीय पत्तन है।
  1. मुंबई पत्तन:
  • महाराष्ट्र का सबसे बड़ा पत्तन।
  1. जवाहर लाल नेहरू पत्तन:
  • महाराष्ट्र में स्थित है।
  • यह मुंबई पत्तन से विकसित हुआ है।
  1. मारमागाओं पत्तन:
  • गोवा में स्थित है।
  • यहां से लौह अयस्क का 50% निर्यात होता है।
  1. न्यू मंगलौर:
  • कर्नाटक में स्थित है।
  • कुद्रेमुख की खान से लौह निर्यात होता है।
  1. कोची केरल:
  • केरल के लैगून के मुहाने पर स्थित है।

भारत के पूर्वी घाट के प्रमुख पत्तन:

  1. तुतीकोरन पत्तन:
  • तमिलनाडु में स्थित है।
  • सबसे पुराना प्राकृतिक पत्तन है।
  1. चेन्नई पत्तन:
  • तमिलनाडु में स्थित है।
  • सबसे पुराना प्राकृतिक पत्तन है।
  1. विशाखापट्टनम पत्तन:
  • आंध्र प्रदेश में स्थित है।
  • सबसे गहरा पत्तन है।
  1. पारादीप पत्तन:
  • ओडिशा में स्थित है।
  • लौह अयस्क का निर्यात होता है।
  1. कोलकाता पत्तन:
  • पश्चिम बंगाल में स्थित है।
  • अंतःस्थलीय नदीयों का पत्तन है।
  1. हल्दिया पत्तन:
  • पश्चिम बंगाल में स्थित है।
  • कोलकाता पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए बनाया गया है।

वायु परिवहन / Air transportation

विशेषताएँ:

  • तीव्रतम, आरामदायक और प्रतिष्ठित परिवहन का साधन।
  • अति दुर्गम स्थानों जैसे ऊँचे पर्वत, मरूस्थल, घने जंगल और लम्बे समुद्री रास्तों को पार करने के लिए अद्वितीय विकल्प।
  • उत्तरी पूर्वी राज्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण।

राष्ट्रीयकरण:

  • सन् 1953 में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण किया गया।

वायुयान सेवाएं:

  • एयर इंडिया: अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवाएँ प्रदान करता है।
  • इंडियन एयरलाइन्स: घरेलू वायु सेवाएँ प्रदान करता है।

आपदा में सहायता:

  • प्राकृतिक आपदा के समय राहत पहुँचाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण।

वायु परिवहन के समस्या / Problems of air transport

वित्तीय संकट:

  • सभी व्यक्तियों की पहुँच में नहीं है।
  • वायुयान सेवाओं की उच्च लागत के कारण, इसे सभी के लिए सुलभ नहीं बनाया जा सकता।

मौसम के प्रभाव:

  • मौसमी परिस्थितियों के प्रभावों से जल्दी प्रभावित होता है।
  • अधिक बारिश, धूम्रपान के निषेध, गंभीर आंधी, फोग, इत्यादि कारण हो सकते हैं जो वायुयान सेवाओं को प्रभावित कर सकते हैं।

वायु परिवहन का महत्त्व / Importance of air transport

आरामदायक साधन:

  • वायु परिवहन यात्रियों को आरामदायक साधन प्रदान करता है जिससे वे लंबी दूरी तक तेजी से पहुँच सकते हैं।

तेज़ता:

  • सभी परिवहन साधनों के मुकाबले वायु परिवहन सबसे तेज़ होता है।
  • यह लंबी दूरी को कम समय में तय करने में सहायक होता है।

दुर्गम स्थानों के लिए उपयुक्त:

  • वायु परिवहन दुर्गम स्थानों के लिए उपयुक्त होता है, जहाँ सड़क और रेल परिवहन की पहुँच नहीं होती।

शक्तिशाली सुरक्षा साधन:

  • सेना के बॉर्डर पर, वायु सेवाओं का महत्वपूर्ण रोल होता है।
  • सेना को रखरखाव और भोजन सामग्री उपहार के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

भारत के मुख्य हवाई अड्डे / Main airports of India

राजा सांसी हवाई अड्डा, अमृतसर (पंजाब):

  • यह अमृतसर, पंजाब में स्थित है और पंजाब राज्य की राजधानी है।

इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली:

  • यह नई दिल्ली, भारत की राजधानी में स्थित है और भारत का सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है।

छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डा, मुंबई:

  • यह मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है और भारत का दूसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है।

मीनमक्कम हवाई अड्डा, चेन्नई:

  • यह चेन्नई, तमिलनाडु में स्थित है और दक्षिण भारत का एक प्रमुख हवाई अड्डा है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डा, कोलकाता:

  • यह कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित है और पूर्व भारत का मुख्य हवाई अड्डा है।

राजीव गांधी हवाई अड्डा, हैदराबाद:

  • यह हैदराबाद, तेलंगाना में स्थित है और भारत में महत्त्वपूर्ण हवाई अड्डों में से एक है।

संचार सेवाएँ / Communication services

भारत में टेलिविजन, रेडियो, प्रेस, फिल्मों, टेलिफोन, आदि द्वारा निजी दूरसंचार और जनसंचार की सुविधा उपलब्ध है।

  1. निजी संचार:-
  • पहली श्रेणी की डाक सेवा:

कार्ड और लिफाफे बंद चिट्ठियाँ इसमें शामिल होती हैं।

  • द्वितीय श्रेणी की डाक सेवा:

रजिस्टर्ड पैकेट, किताबें, अखबार, और मैगजीन इस श्रेणी में शामिल होते हैं।

  • शीघ्रता के लिए नए डाक मार्ग:

बड़े शहरों और नगरों में छह नए डाक मार्ग बनाए गए हैं।

  • भारत का अग्रणी भूमिका में होना:

भारत एशिया महाद्वीप में दूरसंचार क्षेत्र में अग्रणी है।

  1. जन संचार:-
  • भाषाओं में समाचार पत्र छपतें:

लगभग 100 से अधिक भारतीय भाषाओं में समाचार पत्र छपतें हैं।

  • मनोरंजन और जानकारी:

राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ-साथ नीतियों की जानकारी भी दी जाती है।

  • फिल्मों का प्रमाणन:

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड भारतीय और विदेशी फिल्मों को प्रमाणित करता है।

  • आकाशवाणी का योगदान:

आकाशवाणी नेशनल, रीजनल, और लोकल भाषाओं में विभिन्न कार्यक्रम प्रसारित करती है।

जनसंचार के साधनों से होने वाले लाभ / Benefits of mass communication

स्वस्थ मनोरंजन:

  • संचार साधनों के माध्यम से मनोरंजन करना लोगों के लिए स्वस्थ और मनोरंजक होता है।

राष्ट्रीय कार्यक्रमों और नीतियों की जागरूकता:

  • जनसंचार साधनों के माध्यम से लोगों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों और नीतियों के बारे में जागरूकता मिलती है।

ज्ञानवर्धक:

  • संचार साधनों के जरिए ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों और सामग्री का प्रसार होता है जो लोगों को शिक्षित बनाता है।

खेल संबंधी कार्यक्रमों का प्रसारण:

  • स्पोर्ट्स के संबंध में जानकारी और मैच का प्रसार संचार साधनों के माध्यम से होता है।

दूरदर्शन के माध्यम से राष्ट्रीय समाचार और संदेश:

  • दूरदर्शन राष्ट्रीय समाचार और संदेशों को लोगों तक पहुंचाता है और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करता है।

व्यापार / Business

परिभाषा:

  • व्यापार एक प्रकार का व्यवसाय है जिसमें राज्यों और देशों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान होता है।

आयात और निर्यात:

  • व्यापार के दो मुख्य घटक हैं – आयात और निर्यात।
  • आयात: देश में विदेश से वस्तुओं की आयात होती है।
  • निर्यात: देश से विदेश में वस्तुओं की निर्यात होती है।

आयात और निर्यात का संतुलन:

  • आयात और निर्यात का संतुलन देश के व्यापार के लिए महत्वपूर्ण है।
  • यह संतुलन देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर और मजबूत बनाता है।

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार / International Trade

परिभाषा:

  • दो या दो से अधिक देशों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है।
  • समुद्री मार्गों के माध्यम से होने वाला व्यापार अधिकांश होता है, जिससे विभिन्न देशों के बीच व्यापारिक संबंध स्थापित होते हैं।

निर्भरता:

  • सभी देश अपनी संसाधनों की उपलब्धता और वितरण की असमानता के कारण अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार पर निर्भर हैं।
  • विभिन्न देशों के बीच व्यापार बाजार का प्रतिस्थापन और संचार की शक्ति के माध्यम से होता है।

व्यापारी / Businessman

जो व्यक्ति उत्पाद को उत्पादक से खरीदकर उसे परिवहन द्वारा उपभोक्ताओं तक पहुँचाते हैं, उन्हें व्यापारी कहा जाता है।

व्यापार संतुलन / Trade balance

किसी देश के आयात मूल्य और निर्यात मूल्य के बीच का अंतर व्यापार संतुलन कहलाता है। यह संतुलन उत्पादों और सेवाओं के आयात और निर्यात के माध्यम से होता है।

असंतुलित व्यापार / Unbalanced trade

जब किसी देश के आयात मूल्य उसके निर्यात मूल्य से अधिक होता है, तो इसे असंतुलित व्यापार कहा जाता है। इसका कारण हो सकता है निर्यात की कमी या आयात की अधिकता।

अर्न्तराष्ट्रीय व्यापार व स्थानीय व्यापार में अन्तर / Difference between international trade and local trade

अर्न्तराष्ट्रीय व्यापार

स्थानीय व्यापार

दो देशों के बीच होता है। 

गाँव, कस्बों या शहरों के बीच होता है।

बड़े पैमाने पर किया जाता है। 

छोटे पैमाने पर किया जाता है।

विदेशी मुद्रा का आदान – प्रदान होता है। 

देश की पूँजी उसी देश में रहती है। 

पूरे लोकहित में आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।

क्षेत्र विशेष के लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।

परिवहन तथा संचार के विभिन्न साधनों को अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ कहने के कारण / Reasons for calling various means of transport and communication the lifelines of the economy

पूरक साधन:

  • परिवहन और संचार के साधन एक दूसरे के पूरक हैं। यह सुनिश्चित करता है कि उत्पादों और सेवाओं को विभिन्न स्थानों तक पहुंचाया जा सके।

अंतर्राष्ट्रीय अन्तराल:

  • इन साधनों का उपयोग करके देशों के दूरस्थ क्षेत्रों को एक दूसरे से जोड़ा जा सकता है। यह विभिन्न विदेशी बाजारों तक पहुंच को बढ़ावा देता है।

पर्यटन को बढ़ावा:

  • अच्छे परिवहन और संचार का प्रसार पर्यटन को बढ़ावा देता है। इससे पर्यटकों को आसानी से दूरस्थ स्थलों तक पहुंचने का अवसर मिलता है।

विदेशी मुद्रा का प्राप्ति:

  • अधिकांश परिवहन और संचार के लिए अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में विदेशी मुद्रा की आवश्यकता होती है। इससे विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है जो अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद करती है।

आरामदायक और सुविधाजनक:

  • ये साधन जीवन को आरामदायक और सुविधाजनक बनाते हैं, क्योंकि वे वस्तुओं और जानकारी को तेजी से एवं आसानी से पहुंचाते हैं।

आपातकाल में संघर्ष:

  • आपातकाल में, जैसे की प्राकृतिक आपदाओं या राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में, ये साधन संघर्ष के समय में जनता को सहायता पहुंचाने में मदद कर सकते हैं।

पर्यटन एक व्यापार के रूप में / Tourism as a business

लगभग 150 लाख लोग पर्यटन व्यवसाय में लगे हुए है।

पर्यटन उद्योग राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देता है व स्थानीय हस्तकला व सांस्कृतिक उद्यमों का विकास करता है।

भारत की कला संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों से विदेशी लोगों को परिचित करवाता है।

एक व्यापार के रूप में काम करता हैं।

दुनियाभर से विदेशी नागरिक भारत आते है।

पर्यटन के नए रूप / New forms of tourism

बड़ी रोजगार सृजन:

  • पर्यटन व्यवसाय में लगभग 150 लाख लोग रोजगार प्राप्त करते हैं, जो आर्थिक स्थिति में सुधार करता है।

राष्ट्रीय एकता का बढ़ावा:

  • पर्यटन उद्योग राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देता है और स्थानीय हस्तकला और सांस्कृतिक उद्यमों का विकास करता है।

सांस्कृतिक परिचय:

  • भारतीय कला, संस्कृति, और ऐतिहासिक धरोहरों को विदेशी पर्यटकों को परिचित कराने का माध्यम बनाता है।

विदेशी पर्यटकों का आकर्षण:

  • भारत में पर्यटन उद्योग विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है, जो देश की अर्थव्यवस्था को समृद्धि में मदद करता है।

पर्यटन के नए रूप:

  1. विविध प्रकार का पर्यटन:
  • विरासत पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, चिकित्सा-पर्यटन, पारी-पर्यटन, रोमांचकारी पर्यटन, व्यापारिक पर्यटन आदि कई प्रकार के पर्यटन हैं।
  1. विदेशी पर्यटकों की अधिक संख्या:
  • प्रति वर्ष भारत में 26 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक आते हैं, जो देश के पर्यटन उद्योग को समृद्धि में ले जाते हैं।

पर्यटन एक उद्योग या व्यापार के रूप में अर्थव्यवस्था के विकास में किस प्रकार सहायक है? / How is tourism helpful in the development of the economy as an industry or trade?

उद्योग के रूप में विकास:

  • पिछले कुछ वर्षों में, भारत में पर्यटन उद्योग में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
  • इससे लगभग 150 लाख से अधिक लोग इस उद्योग में लगे हुए हैं, जो रोजगार के अवसरों को बढ़ाता है।

सांस्कृतिक और आर्थिक विकास:

  • पर्यटन उद्योग ने स्थानीय हस्तकला और सांस्कृतिक उद्यमों को विकास के अवसर प्रदान किए हैं, जो अर्थात और सांस्कृतिक धन की संरक्षण और प्रशंसा में मदद करता है।

विदेशी मुद्रा की प्राप्ति:

  • विदेशी पर्यटकों के आने से, देश को विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है, जो अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है।

राष्ट्रीय एकता का संवर्धन:

  • पर्यटन उद्योग ने देश के अंतर्निहित क्षेत्रों के परिचय में मदद करके राष्ट्रीय एकता को संवर्धित किया है। यह विभिन्न राज्यों और समुदायों को एकसाथ लाता है और एकत्रित करता है।

आशा करते है इस पोस्ट NCERT Class 10 Geography:  राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ में दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी । आप हमें नीचे Comment करके जरुर बताये और अपने दोस्तों को जरुर साझा करे। यह पोस्ट 10 Class भूगोल Chapter 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ Notes in hindi पढ़ने के लिए धन्यवाद ! आपका समय शुभ रहे !!

NCERT Notes

स्वतंत्र भारत में, कांग्रेस पार्टी ने 1952 से 1967 तक लगातार तीन आम चुनावों में जीत हासिल करके एक प्रभुत्व स्थापित किया था। इस अवधि को 'कांग्रेस प्रणाली' के रूप में जाना जाता है। 1967 के चुनावों में, कांग्रेस को कुछ राज्यों में हार का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप 'कांग्रेस प्रणाली' को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

URL: https://my-notes.in

Author: NCERT

Editor's Rating:
5

Pros

  • Best NCERT Notes Class 6 to 12
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स्वतंत्र भारत में, कांग्रेस पार्टी ने 1952 से 1967 तक लगातार तीन आम चुनावों में जीत हासिल करके एक प्रभुत्व स्थापित किया था। इस अवधि को 'कांग्रेस प्रणाली' के रूप में जाना जाता है। 1967 के चुनावों में, कांग्रेस को कुछ राज्यों में हार का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप 'कांग्रेस प्रणाली' को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

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