NCERT Class 10 राजनीति विज्ञान: लोकतंत्र के परिणाम को गहराई से समझें! सरल हिंदी नोट्स के साथ उत्तरदायी सरकार, आर्थिक विकास, सामाजिक असमानताओं में कमी, और लोकतंत्र की चुनौतियों पर विस्तृत जानकारी पाएं। PDF अभी डाउनलोड करें, और परीक्षा में अच्छे अंक लाएं!
10 Class लोकतांत्रिक राजनीति Chapter 5 लोकतंत्र के परिणाम Notes in hindi
Textbook | NCERT |
Class | Class 10 |
Subject | Political science |
Chapter | Chapter 5 |
Chapter Name | लोकतंत्र के परिणाम |
Category | Class 10 Political science Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
सामाजिक विज्ञान (नागरिक शास्त्र) अध्याय-5: लोकतंत्र के परिणाम
लोकतन्त्र / Democracy
परिभाषा:
- लोकतन्त्र एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसमें जनता को स्वतंत्रता और समानता के आधार पर निर्वाचन में सहभागी होने का अधिकार होता है। इसमें लोग अपनी सरकार को चुनते हैं और उसे सम्भालते हैं।
महत्व:
- लोकतन्त्र एक बुनियादी मानवाधिकार है जो व्यक्ति के स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है।
- इसमें सरकार की शक्ति जनता के साथ साझा की जाती है, जिससे लोगों का आत्मविश्वास बढ़ता है।
विशेषताएं:
- लोकतंत्र में सभी नागरिकों को समान अधिकार और मौका मिलता है अपनी राय और विचारों को व्यक्त करने का।
- इसमें सरकार की प्रतिबद्धता और पारदर्शिता होती है, जो जनता के भरोसे को बढ़ाती है।
लोकतन्त्र के प्रकार / Types of democracy
लोकतन्त्र की परिभाषा के अनुसार यह “जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन है”। लेकिन अलग-अलग देशकाल और परिस्थितियों में अलग-अलग धारणाओं के प्रयोग से इसकी अवधारणा कुछ जटिल हो गयी है। प्राचीनकाल से ही लोकतन्त्र के सन्दर्भ में कई प्रस्ताव रखे गये हैं, पर इनमें से कई कभी क्रियान्वित नहीं हुए।f
Orange colour denoted bhartiye democracy. Yellow colour denoted Soslism
प्रतिनिधि लोकतन्त्र / Representative democracy
1. परिचय:
- प्रतिनिधि लोकतन्त्र एक ऐसा राजनीतिक प्रणाली है जिसमें नागरिक सरकारी अधिकारियों को सीधे चुनते हैं।
- यह लोकतन्त्रिक व्यवस्था के प्रमुख प्रकारों में से एक है और अधिकांश देशों में अमल किया जाता है।
2. निर्वाचन प्रणाली:
- इस प्रणाली में, नागरिकों का मतदान प्रतिनिधियों के लिए होता है।
- प्रतिनिधि नागरिकों के हित में नीतियों का चयन करते हैं और संसद, विधानसभा, नगर पालिका आदि में निर्वाचित होते हैं।
3. नीतिगत अद्यतन:
- प्रतिनिधियों को निर्वाचित किया जाता है, लेकिन वे नीतिगत अद्यतन करने के लिए स्वतंत्र होते हैं।
- इन्हें नागरिकों के मुद्दों को समझने और समाधान करने का अधिकार होता है।
4. लोकतंत्रिक संरचना:
- यह राजनीतिक प्रणाली लोकतंत्रिक संरचना का हिस्सा होती है जो अनिवार्य रूप से चुनाव की प्रक्रिया को संचालित करती है।
- इससे सभी नागरिकों को संविधानिक अधिकार होते हैं और राजनीतिक प्रक्रियाओं में सहभागी होने का अधिकार मिलता है।
5. लाभ:
- प्रतिनिधि लोकतन्त्र द्वारा, नागरिकों को अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार में प्रतिनिधित्व का अधिकार होता है।
- इससे समाज में विचारों की विविधता और लोकतंत्र की स्थायित्व का निर्माण होता है।
एक नग्न बालक और एक युवा स्त्री का चित्र – बालक के हाथ में एक पुस्तिका है और वह गणराज्य का प्रतीक है और युवती लोकतंत्र की।
प्रत्यक्ष लोकतन्त्र / Direct democracy
1. परिचय:
- प्रत्यक्ष लोकतन्त्र में, सभी नागरिक सारे महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों पर सीधे मतदान करते हैं।
- यह एक लोकतान्त्रिक प्रणाली है जिसमें कोई प्रतिनिधि या मध्यस्थ नहीं होता।
2. कार्यावस्था:
- सभी नागरिक नीतिगत और प्रशासनिक फैसलों पर मतदान करते हैं, जैसे कि बजट, सरकारी प्रोजेक्ट्स, और अन्य महत्वपूर्ण निर्णय।
- इस प्रकार के लोकतंत्र में, सभी नागरिकों की राय को महत्वपूर्ण माना जाता है और उनका सहयोग लिया जाता है।
3. उदाहरण:
- स्विट्जरलैंड एक उदाहरण है जहाँ प्रत्यक्ष लोकतन्त्र कार्यान्वित है। यहाँ नागरिकों को सभी महत्वपूर्ण निर्णयों में सीधे भाग लेने का अधिकार होता है।
लोकतंत्र की विशेषताएँ / Characteristics of democracy
समानता का प्रोत्साहन:
- लोकतंत्र समानता को बढ़ावा देता है और सभी नागरिकों को समान अधिकारों का लाभ देता है।
गरिमा का सम्मान:
- यह व्यक्ति की गरिमा को बढ़ावा देता है और उसे स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है।
निर्णय की गुणवत्ता:
- लोकतंत्र निर्णय लेने की गुणवत्ता में सुधार करता है और नागरिकों को सकारात्मक रूप से समृद्धि और प्रगति के लिए निर्णय लेने में मदद करता है।
संघर्षों का हल:
- लोकतंत्र गुमराहियों और संघर्षों को हल करने के लिए एक विधि प्रदान करता है, जो समाज में समंदर की तरह शांति और सामंजस्य बनाए रखता है।
गलतियों का सुधार:
- लोकतंत्र गलतियों को सुधारने की अनुमति देता है और नागरिकों को स्वतंत्रता का माध्यम प्रदान करता है ताकि वे अपने अधिकारों का उपयोग कर सकें।
भारत में लोकतंत्र / Democracy in india
आधारभूत जानकारी:
- भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, जिसमें 1947 में आजादी प्राप्त हुई। इसका राजनीतिक ढांचा एक लोकतंत्रिक संरचना पर आधारित है।
संसद और सरकार:
- भारत में संसद का चुनाव हर 5 साल में होता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य चुने जाते हैं। प्रधान मंत्री संसद के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।
राज्य सरकारें:
- भारत में राज्य स्तर पर विधानसभा के चुनाव प्रत्येक 5 साल में होते हैं, जिसमें मुख्यमंत्री चुने जाते हैं।
पार्टियाँ और गठबंधन:
- भारत में कई राष्ट्रीय और राज्यीय पार्टियाँ हैं, जिनमें से कुछ मुख्य हैं जैसे भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस।
व्यक्तिगत स्वतंत्रता:
- भारत में लोकतंत्र नागरिकों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता प्रदान करता है और उन्हें अपनी पसंद की सरकार का चयन करने की स्वतंत्रता देता है।
प्रणाली के अंग:
- भारतीय लोकतंत्र के तीन मुख्य अंग हैं: कार्यपालिका (प्रधान मंत्री और मंत्रिमंडल), व्यवस्थापिका (गवर्नर, राज्य प्रशासन) और दलीय (संसदीय और राज्य सरकारें)।
प्रमुख गठबंधन:
- भारत में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बीच गठित गठबंधन और संघर्ष राजनीतिक दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं।
क्या लोकतांत्रिक सरकारें प्रभावी होती है?
Are democratic governments effective?
सरलता और तेज़ी:
- लोकतांत्रिक सरकारें निश्चित रूप से सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर निर्णय लेने में तेज़ होती हैं। यहाँ पर सभी नागरिकों के हित का ख्याल रखते हुए निर्णय लिया जाता है।
विश्वास प्राप्ति:
- लोकतंत्रिक सरकारें अपने निर्णयों को लोगों के साथ साझा करती हैं, जिससे लोगों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ता है। इससे उनका कार्य प्रभावी होता है।
बातचीत का माध्यम:
- लोकतांत्रिक सरकारें बातचीत और मोलतोल के माध्यम से निर्णय लेती हैं। यह निर्णय उनकी विश्वासीयता और प्रभाव को बढ़ाता है।
प्रणाली की स्थिरता:
- लोकतंत्रिक सरकारों की प्रणाली स्थिर होती है, जिससे वे लंबे समय तक समाज के हित में निर्णय ले सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप उनके निर्णय लोगों के लिए अधिक प्रभावी होते हैं।
सामाजिक और राजनीतिक संरक्षण:
- लोकतांत्रिक सरकारें सामाजिक और राजनीतिक संरक्षण प्रदान करती हैं, जिससे समाज में सामंजस्य और संवित्ती विकास होता है।
पारदर्शिता / Transparency
1. परिभाषा:
- पारदर्शिता एक ऐसी संस्कृति या प्रक्रिया है जिसमें निर्णय लेने और कार्य करने की प्रक्रिया में स्पष्टता और खुलापन होता है।
2. महत्व:
- पारदर्शिता निर्णय के प्रति जनता के विश्वास और समर्थन को बढ़ाती है।
- यह सरकार की कार्यप्रणाली में खुलापन और संवेदनशीलता लाती है।
3. पारदर्शिता के लाभ:
- लोगों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में सहभागिता और आत्मविश्वास मिलता है।
- निर्णय के पीछे की तरह की प्रक्रिया से लोगों का विश्वास बढ़ता है।
- नागरिकों को सरकार के काम की जानकारी और उसके निर्णयों का समर्थन करने का माध्यम मिलता है।
4. पारदर्शिता की निर्णय प्रक्रिया:
- सरकारी निर्णय और कार्य में खुलापन और स्पष्टता के लिए प्रक्रियाओं को संवेदनशील बनाना।
- सार्वजनिक सेक्टर में कार्य करने वाले सभी व्यक्तियों और संगठनों को अपनी कार्रवाई के लिए ज़िम्मेदार बनाना।
5. उदाहरण:
- आरटीआई (Right to Information) अधिकारियों को सरकारी निर्णयों और कार्रवाई की जानकारी को जानने का अधिकार प्रदान करता है, जिससे पारदर्शिता को प्रोत्साहित किया जाता है।
जवाबदेही / Accountability
1. परिभाषा:
- जवाबदेही सरकार द्वारा नागरिकों के सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक क्षेत्रों में लिए गए निर्णयों के लिए जिम्मेदारी लेने की क्षमता है।
2. महत्व:
- जवाबदेही सरकार का महत्व इसमें है कि यह नागरिकों के आदिकारिक प्रतिनिधि होती है और उनके हित में निर्णय लेती है।
- यह समाज में विश्वास और सुरक्षा का भी जिम्मेदार होती है।
3. जवाबदेही की विशेषताएँ:
- नागरिकों के अधिकारों और हितों की प्रतिबद्धता।
- सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं के परिणामों के लिए जवाबदेही।
- सार्वजनिक धन के उपयोग के लिए जवाबदेही।
4. जवाबदेही के लाभ:
- नागरिकों के विश्वास और समर्थन को बढ़ाता है।
- समाज में विकास और सुधार को प्रोत्साहित करता है।
- सरकार के निर्णयों की प्रभावकारिता को सुनिश्चित करता है।
5. उदाहरण:
- सार्वजनिक वित्त का उचित और पारदर्शी उपयोग।
- सार्वजनिक प्रोजेक्ट्स और योजनाओं के लिए निर्णय लेते समय नागरिकों के सुझावों और प्रतिक्रियाओं का महत्वपूर्ण ध्यान रखना।
वैध सरकार / Legitimate Government
वैध सरकार वह सरकार है जो अपने कामकाज और निर्णयों को पारदर्शी तरीके से प्रकट करती है और लोगों के सामाजिक और नैतिक हित को प्राथमिकता देती है।
लोकतंत्र किस प्रकार एक वैध सरकार को जन्म देता है?
How does democracy give rise to a legitimate government?
लोकतान्त्रिक सरकार:
- लोकतंत्रिक सरकार जनता द्वारा चुनी जाती है। इसमें नागरिकों का अधिकार होता है कि वे सरकार की नीतियों और निर्णयों को प्रभावित करें।
नागरिकों का अधिकार:
- लोकतंत्र में नागरिकों को निर्णय निर्माण प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार होता है। यह उन्हें सरकार के कार्यों को समझने और मूल्यांकन करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।
जिम्मेदार सरकार:
- लोकतंत्र की सरकार जनता के विचारों और उम्मीदों का ध्यान रखती है। यह एक जिम्मेदार सरकार होती है जो नागरिकों के हित में कार्रवाई करती है।
वैधता:
- लोकतंत्रिक सरकार को नागरिकों द्वारा चुना जाता है, इसलिए यह एक वैध सरकार होती है। इसके कारण, यह सरकार लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के अनुसार काम करती है।
आर्थिक संवृद्धि और विकास
Economic growth and development
तानाशाही शासन और आर्थिक समृद्धि:
- अध्ययनों के अनुसार, तानाशाही शासन युग में भी कुछ देशों में आर्थिक समृद्धि बेहतर हुई है। इससे प्रकार, सरकार के प्रारूप का होना आर्थिक विकास को सीधे प्रभावित करने वाला मात्री नहीं है।
आर्थिक संवृद्धि के अन्य कारक:
- जनसंख्या: अधिक जनसंख्या वाले देशों में आर्थिक संवृद्धि का संभावना होता है।
- वैश्विक स्थिति: अंतरराष्ट्रीय व्यापार, विदेशी निवेश, और अन्य देशों के साथ सहयोग भी आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- आर्थिक प्राथमिकताएँ: शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, आदि भी आर्थिक संवृद्धि में महत्वपूर्ण होते हैं।
लोकतंत्र और आर्थिक समृद्धि:
- लोकतंत्रिक संविधान और नीतियों के माध्यम से सामाजिक न्याय, समरसता, और विकास को प्रोत्साहित किया जाता है।
- लोकतंत्रिक सरकारें आर्थिक नीतियों को लोगों के हित में निर्धारित करने में सक्षम होती हैं और सामाजिक विकास को सुनिश्चित करती हैं।
लोकतांत्रिक व्यवस्था तानाशाही से बेहतर क्यों
Why is a democratic system better than a dictatorship?
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव:
- लोकतंत्रिक व्यवस्था में निर्वाचन प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष होती है, जिससे लोगों को स्वतंत्रता का अधिकार मिलता है अपने प्रतिनिधियों का चयन करने के लिए।
खुली बहस:
- लोकतंत्र में नीति और निर्णयों पर खुली बहस होती है, जिससे समाज के सभी वर्गों के विचार समाहित होते हैं।
वैध सरकार:
- लोकतंत्र में सरकार वैध होती है, जिससे समाज को न्याय और अधिकार सुनिश्चित होते हैं।
नागरिकों की स्थिति:
- लोकतंत्रिक व्यवस्था में नागरिकों की स्थिति बेहतर होती है क्योंकि वे स्वतंत्रता, समानता, और न्याय का अधिकारी होते हैं।
तानाशाही सरकार की तुलना में लोकतांत्रिक सरकार की कमियाँ
Shortcomings of democratic government compared to dictatorial government
निर्णय लेने में समय की लापरवाही:
- तानाशाही में, निर्णय लेने में कम समय लगता है, जबकि लोकतंत्र में निर्णय लेने के लिए समय की अधिक जरूरत होती है क्योंकि यहां औपचारिकता का पालन किया जाता है।
ज्यादा खर्चीली:
- लोकतंत्र में, निश्चित अवधि के बाद चुनाव होते हैं, जिससे इसमें ज्यादा खर्च होता है, वहीं तानाशाही में ऐसा नहीं होता।
भ्रष्टाचार:
- तानाशाही में अक्सर उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार होता है, जबकि लोकतंत्र में हर स्तर पर भ्रष्टाचार हो सकता है।
चुनावी प्रक्रिया की मलिनता:
- लोकतंत्र में चुनाव जीतने के लिए पैसा बहुतायत में खर्च किया जाता है, जबकि तानाशाही में ऐसा नहीं होता है, क्योंकि वहां चुनावी प्रक्रिया में जनता को कोई अधिकार नहीं होता।
असमानता और गरीबी में कमी
Reduction in inequality and poverty
आर्थिक असमानता:
- बढ़ती आर्थिक असमानता: आर्थिक असमानता विश्वभर में बढ़ रही है, विशेष रूप से भारत में गरीबी के स्तर की उत्पत्ति हो रही है।
- लोकतंत्र का असफलता: लोकतंत्र के बावजूद अधिकांश देशों में आर्थिक असमानता मिटाने में असफल हुआ है।
सामाजिक विविधता:
- टकराव की कमी: लोकतंत्र से सामाजिक विविधता के बीच टकराव को कम किया जा सकता है।
- विविधता का सम्मान: लोकतंत्र से हमें समाज में विविधताओं का सम्मान करने और मतभेदों को समाधान करने की क्षमता मिलती है।
नागरिकों की गरिमा और समानता
- गरिमा और स्वतंत्रता: लोकतंत्र से नागरिकों को गरिमा और स्वतंत्रता मिलती है, जो उनकी आत्मविश्वास को बढ़ाती है।
- सामाजिक उत्थान: लोकतंत्र के कारण गरीबों को सामाजिक उत्थान मिलता है, और उन्हें उनके हक की पहचान होती है।
महिलाओं की समानता और जातिगत असमानता
- महिलाओं की समानता: लोकतंत्र के कारण आज महिलाओं को समान अधिकार मिलते हैं, और वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर पाती हैं।
- जातिगत असमानता: भारत में जातिगत असमानता कमजोर हो रही है लेकिन अब भी यहां कुछ जातियों को अधिकारों में अधिक बेहतरी की आवश्यकता है।
लोकतंत्र असमानता और गरीबी को कम करने में सक्षम कैसे / How is democracy able to reduce inequality and poverty?
समान मतदान अधिकार:
- लोकतंत्र हर नागरिक को समान मतदान का अधिकार देकर राजनीतिक समानता सुनिश्चित करता है।
सक्रियता के लिए उपयुक्त वातावरण:
- लोकतंत्र एक सक्रिय वातावरण प्रदान करता है जो गरीब लोगों की चिंताओं को सुनता है और समान अवसरों की ओर मुख करता है।
आर्थिक लाभ का हस्तांतरण:
- लोकतंत्र समाज के किसी भी वर्ग की आवश्यकताओं के आधार पर आर्थिक लाभ के हस्तांतरण के लिए पुनर्वितरण तंत्र का समर्थन करता है।
सामाजिक समानता की रक्षा:
- लोकतंत्र आर्थिक समानता सुनिश्चित करने वाली आर्थिक स्थिति के आधार पर भेदभाव के बिना हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा करता है।
राजनीतिक समानता / Political equality
राजनीतिक समानता का मतलब होता है कि सभी नागरिकों को चुनावी प्रक्रिया में समान अधिकार होना चाहिए, चाहे वह जाति, पंथ, धर्म या आर्थिक स्थिति में अंतर हो। यह नागरिकों को स्वतंत्रता के साथ उनके प्रतिनिधित्व में भाग लेने का अधिकार प्रदान करता है।
सामाजिक विविधताओं में सामंजस्य / Harmony among social diversities
विभिन्नता का सम्मान:
- लोकतंत्र में विविधता का सम्मान किया जाता है और लोग समाजिक विविधता के साथ एक साथ रहने की कला सीखते हैं।
मतभेदों का समाधान:
- लोकतंत्रीय संस्थाओं में लोग मतभेदों को समाधान के लिए विभिन्न तरीकों का विकास करते हैं, जिससे सामाजिक विविधता को समर्थन मिलता है।
उदाहरण: श्रीलंका:
- श्रीलंका एक उदाहरण है जहां लोकतंत्रिक संरचना के बावजूद सामाजिक विविधता में टालमेल होता है।
नागरिकों की गरिमा और आजादी / Dignity and freedom of citizens
लोकतंत्र ने नागरिकों को उनकी गरिमा और आजादी का अधिकार प्रदान किया है। भारत में कई सामाजिक वर्गों ने वर्षों तक उत्पीड़न का सामना किया है, लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप यह वर्ग आज समाज में ऊपर उठ चुके हैं और अपने हक को प्राप्त किया है।
महिलाओं की समानता / Women’s equality
लोकतंत्र के कारण ही यह संभव हुआ है कि महिलाएं समान अधिकारों के लिए संघर्ष कर पाईं। आज अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में महिलाओं को समाज में बराबर का दर्जा मिला है। तानाशाह देशों में आज भी महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त नहीं हैं।
जातिगत असमानता / Caste inequality
भारत में जातिगत असमानता गहरी जड़ों में बैठी है, लेकिन लोकतंत्र के कारण इसकी संख्या काफी कम हो रही है। आज, पिछड़ी और अनुसूचित जातियों के लोग भी हर क्षेत्र में शामिल हो रहे हैं।
लोकतंत्र नागरिकों की गरिमा को कैसे बनाये रखता है? / How does democracy maintain the dignity of citizens?
सम्मान एवं स्वतंत्रता की भावना: लोकतंत्र नागरिकों में सम्मान और स्वतंत्रता की भावना को जगाता है।
समान व्यवहार: लोकतंत्र में सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार किया जाता है, जिससे जातिगत असमानता को कम किया जा सकता है।
महिलाओं को समान दर्जा: लोकतंत्र ने महिलाओं को पुरुषों के समान दर्जा प्रदान किया है, जिससे जातिगत असमानता का मुकाबला किया जा सकता है।
नैतिक एवं कानूनी आधार: लोकतंत्र में जाति आधारित असमानताओं और क्रूरताओं का कोई नैतिक और कानूनी आधार नहीं होता, जिससे जातिगत असमानता को समाप्त किया जा सकता है।
शिकायतें का लोकतंत्र को सफल बनाने में सहयोग / Contribution of complaints to make democracy successful
स्त्रियों के समान अधिकार: लोकतंत्र ने समय से स्त्रियों को समान अधिकार, न्याय, और स्वतंत्रता से वंचित रखने की शिकायतों को सुनिश्चित किया है।
समाज के कमजोर वर्गों के लिए प्रावधान: लोकतंत्र ने समाज के कमजोर वर्गों के लिए विशेष प्रावधान किए हैं, जिससे उन्हें भी न्याय और समानता का अधिकार प्राप्त हो सके।
उचित प्रतिनिधित्व: लोकतंत्र में उचित प्रतिनिधित्व की व्यवस्था होती है, जिससे विभिन्न जातीय समूहों के बीच टकराव कम होता है और मतभेदों को समाधान करने के लिए संवैधानिक तरीके उपलब्ध होते हैं।
लोकतंत्र से अपेक्षित परिणाम / Expected results from democracy
समय-समय पर चुनाव:
- चुनाव सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार के आधार पर समय-समय पर आयोजित होने चाहिए।
जवाबदेही के लिए चुने गए प्रतिनिधि:
- चुने गए प्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह होने चाहिए और उन्हें जनता के मामलों को संबोधित करने का दायित्व होता है।
प्रेस की स्वतंत्रता:
- प्रेस को स्वतंत्र होना चाहिए और वह अपनी भूमिका को जिम्मेवारी से निभाना चाहिए।
जनता के मौलिक अधिकार:
- लोकतंत्र में जनता को मौलिक अधिकार प्राप्त होते हैं, जैसे कि भागीदारी, स्वतंत्र विचार एवं भारतीय संविधान में दी गई सुरक्षा।
राष्ट्र की एकता और संघवाद:
- लोकतंत्र में राष्ट्र की एकता, अखण्डता और संघवाद मजबूत होती है, क्योंकि वह विभिन्न वर्गों और समूहों के बीच समानता और विकास के माध्यम से समृद्धि की ओर प्रेरित करता है।
लोकतंत्र के सामाजिक परिणाम / Social consequences of democracy
सद्भावनापूर्ण जीवन:
- लोकतांत्रिक व्यवस्था सामाजिक सद्भावनापूर्ण जीवन को प्रोत्साहित करती है, जहां लोगों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने, स्वतंत्रता का आनंद लेने और स्वतंत्र रूप से अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का अधिकार होता है।
कम सामाजिक टकराव:
- लोकतंत्र में सामाजिक टकरावों की संभावना कम होती है, क्योंकि यहां विभिन्न समूहों और वर्गों के बीच विचारों को समाहित करने और समाधान करने के लिए प्रक्रियाएं होती हैं।
गरिमा और स्वतंत्रता:
- लोकतंत्र में व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता को महत्व दिया जाता है, जिससे उन्हें अपने अधिकारों का उपयोग करने की स्वतंत्रता मिलती है।
समानता का दर्जा:
- लोकतंत्र में समाज के कमजोर वर्गों को समानता का दर्जा देने पर बल दिया जाता है, जिससे वे भी समाज के साथी के रूप में सम्मिलित होते हैं और उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
उत्तरदायी, जिम्मेवार और वैध शासन / Responsive, responsible and legitimate governance
जनता के उत्तरदायी होना:
- लोकतांत्रिक सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी होती है और उनकी उम्मीदों और मांगों को ध्यान में रखती है।
फैसलों की प्रामाणिकता:
- लोकतांत्रिक सरकारों में फैसलों की प्रामाणिकता और सहमति की महत्वपूर्णता होती है जो लोगों की समस्याओं को हल करती है।
पारदर्शिता:
- लोकतांत्रिक सरकारें पारदर्शी होती हैं और जनता के सामने खुले रहती हैं, जिससे जनता का विश्वास बना रहता है।
लोकतंत्रिक और अलोकतंत्रिक सरकार की तुलना:
फैसलों की गति:
- लोकतांत्रिक सरकारें अधिक पारदर्शी और सामाजिक विचार को ध्यान में रखती हैं, जबकि अलोकतांत्रिक सरकारें अक्सर तेजी से फैसले लेती हैं बिना जनता की सहमति के।
वैधता:
- लोकतांत्रिक सरकारें वैध होती हैं क्योंकि वे जनता द्वारा चुनी जाती हैं और उनके निर्णयों को संविधान के माध्यम से परिभाषित किया जाता है।
आशा करते है इस पोस्ट NCERT Class 10 Political: लोकतंत्र के परिणाम Notes में दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी । आप हमें नीचे Comment करके जरुर बताये और अपने दोस्तों को जरुर साझा करे। यह पोस्ट लोकतंत्र के परिणाम notes, Class 10 civics chapter 5 notes in hindi पढ़ने के लिए धन्यवाद ! आपका समय शुभ रहे !!
NCERT Notes
स्वतंत्र भारत में, कांग्रेस पार्टी ने 1952 से 1967 तक लगातार तीन आम चुनावों में जीत हासिल करके एक प्रभुत्व स्थापित किया था। इस अवधि को 'कांग्रेस प्रणाली' के रूप में जाना जाता है। 1967 के चुनावों में, कांग्रेस को कुछ राज्यों में हार का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप 'कांग्रेस प्रणाली' को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
URL: https://my-notes.in
Author: NCERT
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NCERT Notes
स्वतंत्र भारत में, कांग्रेस पार्टी ने 1952 से 1967 तक लगातार तीन आम चुनावों में जीत हासिल करके एक प्रभुत्व स्थापित किया था। इस अवधि को 'कांग्रेस प्रणाली' के रूप में जाना जाता है। 1967 के चुनावों में, कांग्रेस को कुछ राज्यों में हार का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप 'कांग्रेस प्रणाली' को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
URL: https://my-notes.in
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