Class 10 अर्थशास्त्र Chapter 1 विकास Notes PDF in Hindi

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Class 10 अर्थशास्त्र Chapter 1 विकास Notes in Hindi

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10 Class अर्थशास्त्र Chapter 1 विकास Notes in Hindi

TextbookNCERT
ClassClass 10
Subjectआर्थिक विकास की समझ Economics
ChapterChapter 1
Chapter Nameविकास Development
CategoryClass 10 अर्थशास्त्र Notes in Hindi
MediumHindi

NCERT Class 10 Economics Notes In Hindi – PDF Notes

अध्याय = 1
विकास

Class 10 सामाजिक विज्ञान
नोट्स
विकास

आर्थिक विकास

अर्थव्यवस्था:- एक ढाँचा जिसके अन्तर्गत लोगों की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। अर्थव्यवस्था उत्पादन, वितरण, और खपत की सामाजिक व्यवस्था है। अर्थव्यवस्था का वर्गीकरण तीन आधारों पर किया जाता है- विकसित अर्थव्यवस्था, विकासशील अर्थव्यवस्था, एवं अल्पविकसित अर्थव्यवस्था।

आर्थिक विकास:- किसी देशों, क्षेत्रों, एवं व्यक्तियों की आर्थिक समृद्धि की वृद्धि को आर्थिक विकास कहते हैं। नीति-निर्माण की दृष्टि से आर्थिक विकास उन सभी प्रयासों को कहते हैं जिनका उद्देश्य किसी जन-समुदाय की आर्थिक स्थिति व जीवन स्तर में सुधार के लिए अपनाएँ जाते हैं।

विकास:- विकास एक तरह से ऐसी आंतरिक शक्ति है जो किसी समाज को उन्नति की ओर ले जाता है। विकास को अभिवृद्धि भी कहा जाता है। सामाजिक दृष्टि से विकास का अर्थ है- सामाजिक संस्थाओ में वृद्धि।​

  • विकास के लक्ष्य विभिन्न लोगों के लिए विभिन्न हो सकते हैं, हो सकता है कि कोई बात किसी एक व्यक्ति के लिए विकास हो लेकिन दूसरे के लिए नहीं। उदाहरण के लिए किसी नए हाइवे का निर्माण कई लोगों के लिए विकास हो सकता है। लेकिन जिस किसान की जमीन उस हाइवे निर्माण के लिए छिन गई हो उसके लिए तो वह विकास कतई नहीं हो सकता।
  • विभिन्न लोगों के लिए विकास की विभिन्न आवश्यकताएँ हो सकती हैं। किसी भी व्यक्ति की जिंदगी की परिस्थिति इस बात को तय करती है उसके लिए किस प्रकार के विकास की आवश्यकता है। इसे समझने के लिए दो लोगों का उदाहरण लेते हैं-
    1. एक व्यक्ति ऐसे गाँव में रहता है जहाँ से किसी भी जगह के लिए बस पकड़ने के लिए पाँच किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। यदि उसके गाँव तक पक्की सड़क बन जाए और उसके गाँव तक छोटी गाड़ियाँ भी चलने लगें तो यह उसके लिए विकास होगा।
    2. एक अन्य व्यक्ति दिल्ली राजधानी क्षेत्र की बाहरी सीमा पर रहता है। उसे अपने दफ्तर जाने के लिए पहले तो पैदल एक किलोमीटर चलकर ऑटोरिक्शा स्टैंड तक जाना होता है। उसके बाद ऑटोरिक्शा पर कम से कम एक घंटे की सवारी के बाद वह मेट्रो स्टेशन पहुँचता है। उसके बाद मेट्रो में एक घंटा सफर करने के बाद वह अपने ऑफिस पहुँच पाता है। यदि मेट्रो रेल की लाइन उसके घर के आस-पास पहुँच जाए तो यह उस व्यक्ति के लिए विकास होगा।

ऊपर दिये गये उदाहरण ये बताते हैं कि विकास के अनेक लक्ष्य हो सकते हैं। लेकिन नीति निर्धारकों और सरकार को विकास के ऐसे लक्ष्य बनाने होते हैं जिससे अधिक से अधिक लोगों को फायदा पहुँच सके।

NCERT Class 10 अर्थशास्त्र Chapter 1 विकास Notes in Hindi

Class 10 सामाजिक विज्ञान
नोट्स
विकास

आय और विकास के लक्ष्य

आय एक प्रकार का खपत और बचत है जिसको समय सीमा के अंतर्गत प्राप्त किया जाता है और जो मौद्रिक संदर्भ में व्यक्त किया जाता है। प्रतिव्यक्ति आय का प्रयोग किसी एक देश के व्यक्तियों की संपत्ति का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है, किसी अन्य देश की तुलना में।

आय और अन्य लक्ष्य:- ज्यादा आय, बराबरी का व्यवहार, स्वतंत्रता, काम की सुरक्षा, सम्मान व आदर, परिवार के लिए सुविधाएँ, वातावरण आदि राष्ट्रीय विकास की धारणाएँ निम्नलिखित हैं:-

  • विश्व बैंक की विश्व विकास रिपोर्ट 2006 के अनुसार, “2004 में प्रतिव्यक्ति आय जिन देशों में 4,53,000 रूपये प्रति वर्ष या उससे अधिक है वह समृद्ध या विकसित राष्ट्र कहलाते हैं। जिनकी आय 37,000 रूपये प्रति वर्ष या उससे कम है वह विकासशील/निम्न आय वाले देश कहलाते हैं।
  • यू.एन.डी.पी. द्वारा प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार, “राष्ट्रीय विकास का अनुमान लोगों के शैक्षिक स्तर, उनकी स्वास्थ्य स्थिति तथा प्रति व्यक्ति आय के आधार पर होता है।

विकास के लक्ष्य:-

  • प्रति व्यक्ति आय: प्रतिव्यक्ति आय उस आय को कहते हैं, जो किसी देश, राज्य, नगर या अन्य क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों की औसत आय होती है। इसका पता क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों की आय के जोड़ को क्षेत्र की कुल जनसँख्या से विभाजित करके लगाया जाता है। प्रति व्यक्ति आय को औसत आय भी कहा जाता है। वर्ष 2006 की विश्व विकास रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति व्यक्ति सालाना आय 28,000 रुपये है।
  • सकल राष्ट्रीय उत्पाद:- किसी देश में उत्पादित कुल आय को सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहते हैं। सकल राष्ट्रीय उत्पाद में हर प्रकार की आर्थिक क्रिया से होने वाली आय की गणना की जाती है।
  • सकल घरेलू उत्पाद: किसी देश में उत्पादित कुल आय में से निर्यात से होने वाली आय को घटाने के बाद जो बचता है उसे सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं।

विकास Notes || Class 10 Social Science (Economics) Chapter 1

Class 10 सामाजिक विज्ञान
नोट्स
विकास

अनुपात और दर

शिशु मृत्यु दर: हर 1000 जन्म में एक साल की उम्र से पहले मरने वाले बच्चों की संख्या को शिशु मृत्यु दर कहते हैंं। यह आँकड़ा जितना कम होगा वह विकास के दृष्टिकोण से उतना ही बेहतर माना जाएगा। शिशु मृत्यु दर एक महत्वपूर्ण पैमाना है। इससे किसी भी क्षेत्र में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता का पता चलता है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में शिशु मृत्यु दर 30.15 है। इससे यह पता चलता है कि भारत में आज भी स्वास्थ्य सेवाएँ अच्छी नहीं हैं।

शिशु मृत्यु दर कारण: निमोनिया, जन्मजात विकृतिया, लम्बे समय तक श्रम, दस्त, मलेरिया, खसरा और कुपोषण, प्रसव पूर्व देखभाल की कमी, गर्भावस्था के दौरान शराब और नशीली दवाओं का सेवन इत्यादि।

पुरुष और महिला का अनुपात:- प्रति हजार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या को लिंग अनुपात कहते हैंं। यदि यह आँकड़ा कम होता है तो इससे यह पता चलता है कि उस देश या राज्य में महिलाओं के खिलाफ कितना खराब माहौल है। लेकिन हाल ही में जारी नेशनल फॅमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 1000 पुरुषों पर 978 महिलाओं का अनुपात है। जो 2011 की जनगणना रिपोर्ट के मुकाबले प्रति हजार पुरुष पर 24 महिला अधिक है। जागरूकता अभियान और स्वास्थ्य विभाग के कारण लिंगानुपात में सुधार देखने को मिल रहा है।

जन्म के समय संभावित आयु:- एक औसत वयस्क अधिकतम जितनी उम्र तक जीता है उसे संभावित आयु कहते हैंं। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में पुरुषों की संभावित आयु 67 साल है और महिलाओं की संभावित आयु 72 साल है। इससे देश में व्याप्त जीवन स्तर का पता चलता है। यदि किसी देश में मूलभूत सुविधाएँ बेहतर होंगी, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ होंगी और लोगों की आय अच्छी होती तो वहाँ संभावित आयु भी अधिक होगी। दूसरे शब्दों में वहाँ एक औसत वयस्क लंबी जिंदगी जिएगा। आधुनिक चिकित्सा साधनों के विकास के कारण लोगों की संभावित आयु बढ़ी है।

साक्षरता दर:- साक्षरता का अर्थ है साक्षर होना पढ़ने, लिखने की क्षमता से संपन्न होना। 7 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षर जनसंख्या का अनुपात को साक्षरता दर कहते हैंं। निवल उपस्थिति [अनुपात: 6 – 10 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले कुछ बच्चों का उस आयु वर्ग के कुल बच्चों के साथ प्रतिशत उपस्थिति अनुपात कहलाता है।

राष्ट्रीय आय: देश के अंदर उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य तथा विदेशों से प्राप्त आय के जोड़ को राष्ट्रीय आय कहते हैं। किसी देश के नागरिकों का सकल घरेलू और विदेशी आउटपुट सकल राष्ट्रीय आय कहलाता है।

बी. एम. आई.:- शरीर का द्रव्यमान सूचकांक पोषण वैज्ञानिक, किसी व्यस्क के अल्पपोषित होने की जाँच कर सकते हैंं। यदि यह 18.5 से कम है तो व्यक्ति कुपोषित है अगर 25 से ऊपर है तो वह मोटापे से ग्रस्त हैं।

सीबीएसई नोट्स कक्षा 10 अर्थशास्त्र अध्याय 1 – विकास – Byju’s

Class 10 सामाजिक विज्ञान
नोट्स
विकास

आधारभूत संरचना

आधारभूत संरचना: आधारभूत संरचना वह संरचना होती है जो किसी समाज तथा उसमें स्थापित उद्योगों को सुचारु रूप से चलाने के लिए आवश्यक और मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करती है। इन्हीं सेवा क्षेत्रों के लिए मूलभूत सुविधाओं की संरचना को अधोसंरचना या आधारभूत संरचना कहते हैं। किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ की हड्डी का काम करती है। सड़कें, रेल, विमान पत्तन, पत्तन और विद्युत उत्पादन किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की जान होते हैं। अच्छी आधारभूत संरचना से आर्थिक गतिविधियाँ बेहतर हो जाती हैं जिससे हर तरफ समृद्धि आती है।

मानव विकास सूचकांक: मानव विकास सूचकांक वह सूचकांक है, जिसका प्रयोग देशों को मानव विकास के आधार पर आंकने के लिए किया जाता है। इससे हमें यह पता चलता है कि कोई देश विकसित है, विकासशील है या फिर अविकसित है। जिस देश की जीवन प्रत्याशा, शिक्षा का स्तर और जीडीपी प्रति व्यक्ति अधिक होती है, उसे उच्च श्रेणी प्राप्त होती है। इसमें देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक स्तर, स्वास्थ्य स्थिति और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर होती है। मानव विकास सूचकांक 1990 में पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक के द्वारा तैयार किया गया था। इनका उद्देश्य विकास अर्थशास्त्र का केंद्र बिंदु, राष्ट्रीय आय लेखा से मानव-केंद्रित नीतियों पर स्थानांतरित करना था।

आधार

विकसित देश

विकासशील देश

परिभाषा

वह देश जिसकी औद्योगिकीकरण की गति व प्रति व्यक्ति आय अधिक हो।

वह देश जिसकी औद्योगिकीकरण की गति व प्रति व्यक्ति आय अधिक न हो।

स्थिति

आत्मनिर्भर व समृद्ध

गरीब व अन्य पर निर्भर

संसाधनों का उपयोग

पूर्व प्रयोग

अल्प उपयोग

साक्षरता दर

उच्च

निम्न

विकास एवं संवृद्धि

उच्च प्रौद्योगिक विकास

प्रौद्योगिकी के लिए दूसरों पर निर्भर

गरीबी व बेरोजगारी

निम्न

उच्च

अर्थव्यवस्था में मुख्य योगदान

तृतीयक क्षेत्र

प्राथमिक क्षेत्र

आय का वितरण

समान

असमान

मानव विकास सूचकांक

उच्च

निम्न

सकल घरेलू उत्पाद

उच्च

निम्न

Chapter 1. विकास : Economics class 10th:Hindi Medium cbse

class 10 economics chapter 1 development questions and answers

प्रश्न1. अन्य राज्यों की अपेक्षा केरल में शिशु मृत्यु दर कम क्यों है?

उत्तर- यहाँ स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था है।

प्रश्न2. क्या सिर्फ औसत आय के आधार पर विकास की गणना करना सही है?

उत्तर- नहीं, क्योंकि उससे आय की असमानताओं का पता नहीं चलता।

प्रश्न3. जीवन प्रत्याशा से क्या अभिप्राय है?

उत्तर- व्यक्ति के संभावित जीवित रहने का औसत वर्ष।

प्रश्न4. जी. डी. पी (GDP) का क्या अर्थ है?

उत्तर- किसी देश का सकल घरेलु उत्पाद।

प्रश्न5. भारत में सर्वाधिक उच्च मानव विकास सूचकांक किस राज्य का है?

उत्तर- केरल राज्य का।

प्रश्न6. मानव विकास सूचकांक की गणना किस संगठन के द्वारा की जाती है?

उत्तर- यू.एन.डी.पी. (UNDP)

प्रश्न7. सार्वजनिक वितरण प्रणाली क्या है?

उत्तर- राशन वितरण की वह प्रणाली जिसके द्वारा उचित मूल्यों पर गरीबों को सरकारी दुकानों के माध्यम से राशान बाँटा जाता है।

प्रश्न8. जन सुविधाओं का क्या अर्थ है?

उत्तर- वे सुविधाएँ जो मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक होती हैं।

प्रश्न9. अनवीकरणीय संसाधनों का उचित उपयोग क्यों जरूरी है?

उत्तर- क्योंकि वे संसाधन सीमित मात्रा में उपलब्ध है और इन्हें पुन: प्राप्त नहीं किया जा सकता।

प्रश्न10. “विकास के लक्ष्य भिन्न-भिन्न होते हैं और कभी-कभी ये परस्पर विरोधी भी हो सकते है” इस कथन को स्पष्ट करो।

उत्तर- प्रत्येक व्यक्ति या समूह के विकास के लक्ष्य भिन्न भिन्न हो सकते हैं और कई बार इनकी प्रकृति परस्पर विपरीत भी हो सकती है। एक के लिए विकास का लक्ष्य दूसरे के लिए विनाश का कारण भी बन सकता है। उदाहरण – नदी पर बाँध बनाना, वहाँ के किसानों के विस्थापन का कारण बन सकता है।

Chapter Chapter 1. विकास Class 10 Economics CBSE notes in

NCERT Class 6 to 12 Notes in Hindi

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