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10 Class Science Chapter 13 हमारा पर्यावरण notes in hindi
📚 Chapter = 13 📚
💠 हमारा पर्यावरण 💠
सत्र 2024-25
Table of Contents
Textbook | NCERT |
Class | Class 10 |
Subject | विज्ञान |
Chapter | Chapter 13. |
Chapter Name | हमारा पर्यावरण |
Category | Class 10 Science Notes |
Medium | Hindi |
अध्याय एक नजर में Class 10 Science Chapter 13
हमारा पर्यावरण : Science class 10th:Hindi Medium NCERT
Class 10 विज्ञान
पुनरावृति नोट्स
हमारा पर्यावरण
1. पारितंत्र (Ecosystem) क्या है?
पारितंत्र प्रकृति का एक छोटा सा हिस्सा है जहाँ जीव (पौधे, जंतु, सूक्ष्मजीव) और भौतिक कारक (जैसे तापमान, वर्षा, मिट्टी, पानी) एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं। यह एक संतुलित प्रणाली है जहाँ हर चीज़ एक-दूसरे पर निर्भर होती है।
- जैव घटक (Biotic Components):
ये सभी जीवित प्राणी होते हैं, जैसे पौधे, जानवर, सूक्ष्मजीव। - उत्पादक (Producers): पौधे और शैवाल जो प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) द्वारा भोजन बनाते हैं।
- उपभोक्ता (Consumers): वे जीव जो उत्पादकों द्वारा बनाए गए भोजन को खाते हैं।
- अपघटक (Decomposers): वे सूक्ष्मजीव जो मरे हुए जीवों को सड़ाकर मिट्टी में मिला देते हैं (जैसे कवक और बैक्टीरिया)।
- अजैव घटक (Abiotic Components):
ये सभी निर्जीव कारक होते हैं, जैसे तापमान, वर्षा, मिट्टी, पानी, हवा, और खनिज।
उदाहरण: एक तालाब का पारितंत्र।
- जैव घटक: मछली, पौधे, कीड़े, बैक्टीरिया।
- अजैव घटक: पानी, मिट्टी, सूरज की रोशनी।
2. उत्पादक और उपभोक्ता: कौन क्या करता है?
- उत्पादक (Producers):
ये पौधे और शैवाल होते हैं जो सूरज की रोशनी, पानी और कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन (ग्लूकोज) बनाते हैं। - समीकरण:
\( \text{CO}_2 + \text{H}_2\text{O} \xrightarrow{\text{Sunlight}} \text{C}_6\text{H}_{12}\text{O}_6 + \text{O}_2 \)
- ये पारितंत्र की नींव हैं क्योंकि ये सभी जीवों के लिए ऊर्जा का स्रोत हैं।
- उपभोक्ता (Consumers):
ये वे जीव हैं जो उत्पादकों द्वारा बनाए गए भोजन को खाते हैं। इन्हें तीन भागों में बांटा गया है:
- शाकाहारी (Herbivores): पौधे खाने वाले (जैसे गाय, हिरण)।
- मांसाहारी (Carnivores): मांस खाने वाले (जैसे शेर, चीता)।
- सर्वाहारी (Omnivores): पौधे और मांस दोनों खाने वाले (जैसे मनुष्य, कौआ)।
\( \text{CO}_2 + \text{H}_2\text{O} \xrightarrow{\text{Sunlight}} \text{C}_6\text{H}_{12}\text{O}_6 + \text{O}_2 \)
\( \text{CO}_2 + \text{H}_2\text{O} \xrightarrow{\text{Sunlight}} \text{C}_6\text{H}_{12}\text{O}_6 + \text{O}_2 \)
रोचक तथ्य: क्या आप जानते हैं कि मनुष्य भी एक सर्वाहारी जीव है? हम पौधे (सब्जियां, फल) और मांस (मछली, चिकन) दोनों खाते हैं।
3. आहार शृंखला और आहार जाल: ऊर्जा का प्रवाह
- आहार शृंखला (Food Chain):
यह जीवों की एक श्रृंखला है जिसमें एक जीव दूसरे जीव को खाता है। - उदाहरण:
घास → टिड्डा → मेंढक → सांप → बाज। - इसमें ऊर्जा एक जीव से दूसरे जीव में स्थानांतरित होती है।
- आहार जाल (Food Web):
प्रकृति में कई आहार शृंखलाएं एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं, जिसे आहार जाल कहते हैं। - उदाहरण: एक तालाब में, मछली शैवाल खाती है, लेकिन वही मछली बड़ी मछली या पक्षी द्वारा खा ली जाती है। इस तरह कई शृंखलाएं जुड़कर एक जाल बनाती हैं।
- ऊर्जा का प्रवाह:
ऊर्जा हमेशा एक दिशा में बहती है:
सूर्य → उत्पादक → उपभोक्ता → अपघटक। - हर पोषी स्तर पर ऊर्जा का ह्रास होता है, इसलिए आहार शृंखला में केवल 4-5 पोषी स्तर होते हैं।
4. जैव-आवर्धन (Biological Magnification)
- यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हानिकारक रसायन (जैसे कीटनाशक) आहार शृंखला में ऊपर जाने पर जीवों के शरीर में जमा हो जाते हैं।
- उदाहरण: DDT जैसे रसायन मनुष्य के शरीर में सबसे अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
- यही कारण है कि हमारे खाद्य पदार्थों (फल, सब्जियां, मांस) में भी ये रसायन मिलते हैं।
रोचक तथ्य: क्या आप जानते हैं कि DDT का उपयोग कीटनाशक के रूप में किया जाता था, लेकिन अब यह पर्यावरण और मनुष्यों के लिए हानिकारक साबित हो चुका है?
5. पर्यावरण की समस्याएं
- ओज़ोन परत का क्षय:
- ओज़ोन परत (O₃) सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों (UV Rays) से हमें बचाती है।
- कारण: CFCs (क्लोरोफ्लोरोकार्बन) जैसे रसायनों का उपयोग।
- प्रभाव: त्वचा कैंसर, पौधों की वृद्धि में कमी।
- कचरा प्रबंधन:
- जैव निम्नीकरणीय कचरा: जो सूक्ष्मजीवों द्वारा अपघटित हो जाता है (जैसे खाद्य पदार्थ, कागज)।
- अजैव निम्नीकरणीय कचरा: जो अपघटित नहीं होता (जैसे प्लास्टिक, धातु)।
- समस्या: प्लास्टिक और अन्य अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं।
6. सारांश
- पारितंत्र में सभी जीव और भौतिक कारक एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं।
- ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय होता है और हर पोषी स्तर पर ऊर्जा का ह्रास होता है।
- मानवीय गतिविधियाँ (जैसे CFCs का उपयोग, प्लास्टिक कचरा) पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं।
- ओज़ोन परत का क्षय और कचरा प्रबंधन आज की बड़ी पर्यावरणीय समस्याएं हैं।
NCERT Class 6 to 12 Notes in Hindi

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Author: NCERT
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